जीएसटी सेवा कर जल्द हो सकता खत्म मोदी सरकार ला रही है ऐसा बिल
www.nvrthub.com न्यूज़: आर्थिक सुधारों के एक अहम हिस्से वस्तु व सेवा कर (जीएसटी) पर राज्यों के साथ सहमति बनाने के लिए केंद्र सरकार कुछ उत्पादों को इसके दायरे से बाहर रखने पर राजी हो सकती है। लंबे समय से अटके हुए जीएसटी को जल्द से जल्द लागू करने को लेकर सरकार गंभीर है। इसमें और देरी न हो इसके लिए राज्यों के हितों को प्राथमिकता देने को केंद्र कमोबेश तैयार है।
राज्य लगातार कुछ पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी से बाहर रखने का दबाव केंद्र पर बना रहे हैं। राज्यों के साथ हो रही बातचीत में सहमति बनाने की दिशा में ये उत्पाद रोड़ा बनते रहे हैं। यही वजह है कि इसके लागू करने का लक्ष्य चार साल पीछे छूट चुका है, मगर इसे अब तक लागू नहीं किया जा सका है। जीएसटी को लेकर केंद्र व राज्यों के साथ करीब सात साल से बातचीत चल रही है।
एक निजी समाचार पत्र से बातचीत में वित्त मंत्री ने इसके संकेत दिए कि जीएसटी को जल्द लागू करने के लिए सरकार कुछ उत्पादों को इसके दायरे से बाहर रखने पर भी सहमत हो सकती है। जेटली ने कहा ‘बेस्ट जीएसटी पाने की जगह हम गुड जीएसटी पर समझौता कर सकते हैं। या फिर संप्रग की तरह अगले सात साल कुछ न करें।’
वित्त मंत्री पर्यटन को लेकर भी काफी उत्साहित हैं। मोदी सरकार ई-वीजा और आगमन पर वीजा के जरिये पर्यटन का चेहरा बदलना चाहती है। देश में पर्यटन उद्योग के विकास की भी काफी संभावनाएं हैं। वित्त मंत्री मानते हैं कि पर्यटन उद्योग में इतनी क्षमता है कि वह उन उपायों से बढ़ने वाली पर्यटकों की संख्या को उचित सुविधाएं मुहैया करा सकता है। सामाजिक क्षेत्र को बजटीय आवंटन को लेकर उठ रहे सवालों पर वित्त मंत्री स्पष्ट कहते हैं कि राजग सरकार ने इस क्षेत्र की एक भी स्कीम खत्म नहीं की। न ही इस क्षेत्र को मिलने वाले आवंटन में किसी तरह की कमी की गई है। लेकिन सरकार के पास जरूरत के मुताबिक इस राशि के इस्तेमाल का रास्ता खुला है। सरकार ने मैन्यूफैक्चरिंग और बुनियादी ढांचे को प्रोत्साहन दिया। कृषि और रीयल एस्टेट को भी बढ़ावा दिया है। लेकिन सामाजिक क्षेत्र को भी नजरंदाज नहीं किया।
सरदार पटेल की मूर्ति के लिए आवंटन को लेकर हो रही आलोचना के जवाब में जेटली कहते हैं कि पटेल के योगदान को सराहना चाहिए। अभी तक इस देश ने उनके योगदान को स्वीकार नहीं किया है। इस देश की मौजूदा भौगोलिक तस्वीर सरदार पटेल की ही देन है। उन्हें अब तक सबसे कम याद किया गया है।
राज्य लगातार कुछ पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी से बाहर रखने का दबाव केंद्र पर बना रहे हैं। राज्यों के साथ हो रही बातचीत में सहमति बनाने की दिशा में ये उत्पाद रोड़ा बनते रहे हैं। यही वजह है कि इसके लागू करने का लक्ष्य चार साल पीछे छूट चुका है, मगर इसे अब तक लागू नहीं किया जा सका है। जीएसटी को लेकर केंद्र व राज्यों के साथ करीब सात साल से बातचीत चल रही है।
एक निजी समाचार पत्र से बातचीत में वित्त मंत्री ने इसके संकेत दिए कि जीएसटी को जल्द लागू करने के लिए सरकार कुछ उत्पादों को इसके दायरे से बाहर रखने पर भी सहमत हो सकती है। जेटली ने कहा ‘बेस्ट जीएसटी पाने की जगह हम गुड जीएसटी पर समझौता कर सकते हैं। या फिर संप्रग की तरह अगले सात साल कुछ न करें।’
वित्त मंत्री पर्यटन को लेकर भी काफी उत्साहित हैं। मोदी सरकार ई-वीजा और आगमन पर वीजा के जरिये पर्यटन का चेहरा बदलना चाहती है। देश में पर्यटन उद्योग के विकास की भी काफी संभावनाएं हैं। वित्त मंत्री मानते हैं कि पर्यटन उद्योग में इतनी क्षमता है कि वह उन उपायों से बढ़ने वाली पर्यटकों की संख्या को उचित सुविधाएं मुहैया करा सकता है। सामाजिक क्षेत्र को बजटीय आवंटन को लेकर उठ रहे सवालों पर वित्त मंत्री स्पष्ट कहते हैं कि राजग सरकार ने इस क्षेत्र की एक भी स्कीम खत्म नहीं की। न ही इस क्षेत्र को मिलने वाले आवंटन में किसी तरह की कमी की गई है। लेकिन सरकार के पास जरूरत के मुताबिक इस राशि के इस्तेमाल का रास्ता खुला है। सरकार ने मैन्यूफैक्चरिंग और बुनियादी ढांचे को प्रोत्साहन दिया। कृषि और रीयल एस्टेट को भी बढ़ावा दिया है। लेकिन सामाजिक क्षेत्र को भी नजरंदाज नहीं किया।
सरदार पटेल की मूर्ति के लिए आवंटन को लेकर हो रही आलोचना के जवाब में जेटली कहते हैं कि पटेल के योगदान को सराहना चाहिए। अभी तक इस देश ने उनके योगदान को स्वीकार नहीं किया है। इस देश की मौजूदा भौगोलिक तस्वीर सरदार पटेल की ही देन है। उन्हें अब तक सबसे कम याद किया गया है।
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