रेलवे ने कोच को एसी में बदलने का काम किया शुरू, पहले चरण में सुपर फास्ट और एक्सप्रेस ट्रेनों का कायाकल्प
रेलवे की एक योजना के तहत आगामी 5 वर्षों में एक्सप्रेस ट्रेनों से स्लीपर बोगियां खत्म करने का प्लान है इसके बदले एसी कोच लगाने का सिलसिला शुरू कर दिया गया है। दक्षिण रेलवे ने इसकी रविवार को शुरूआत की। एक्सप्रेस और सुपरफास्ट ट्रेन के स्लीपर बोगियों को एसी-3 में बदला जा रहा है। इस अभियान के तहत रेल्वे का मकसद आगामी वर्षों में यात्री सुविधाओं को बढ़ाने के लिए देश की सभी एक्सप्रेस ट्रेनों को कंप्लीट एसी में बदलने का है। सुफरफास्ट ट्रेनों के स्लीपर कोच कम किए जाएंगे ।
जनरल डब्बों में भी वातानुकूलन पर प्रयोग हो सकता है!
तकनीक और सुविधाओं की ओर बढ़ते इस दौर में लक्जरी का महत्व बढ़ता जा रहा है। ट्रेनों में सामान्य डब्बों में मौसम की मार सहते सफर करना बड़ा ही दुखदायी होता है। स्वयं रेलवे के ड्राईवर और गार्ड भी इंजन व गार्ड रूप में को एसी में कंवर्ट करने की मांग उठा रहे हैं। रेल सूत्रों के अनुसार जन सुविधाओं के विस्तार के लिए रेलवे अपने शोध संस्थानों में ऐसे कोच विकसित करने की तकनीक तैयार करने में जुटा है जिन्हें एसी जनरल कंपार्टमेंट के रूप में उपयोग किया जा सके। यदि ऐसा होता है तो यह देश में रेल सुविधाओं के विकास में एक बड़ा कदम साबित होगा।
दक्षिण रेलवे ने शुरू किया अभियान: इस दिशा में पहला कदम बढ़ाया है दक्षिणी रेलवे ने। यहां पुराने स्लीपर कंपार्टमेंट्स को थ्री टियर एसी कोचों से बदलना शुरू कर दिया गया है। रविवार को अनार्कुलम से निजामुद्दीन के बीच चलने वाली मंगला एक्सप्रेस (गाड़ी संख्या 12617) के स्लीपर क्लास कोच एस-2 को एसी 3-टियर कोच से बदल दिया गया।
पैसेंजर ट्रेनों को मिलेंगे आधुनिक कोच : इन स्लीपर्स को मिडल बर्थ हटाकर पैसेंजर ट्रेन के जनरल कंपार्टमेंट के रूप में मॉडिफाई किया जाएगा। इससे पैसेंजर ट्रेन के जनरल कंपार्टमेंट भी आधुनिक स्वरूप में आ जाएंगे।
पैसेंजर ट्रेनों को मिलेंगे आधुनिक कोच : इन स्लीपर्स को मिडल बर्थ हटाकर पैसेंजर ट्रेन के जनरल कंपार्टमेंट के रूप में मॉडिफाई किया जाएगा। इससे पैसेंजर ट्रेन के जनरल कंपार्टमेंट भी आधुनिक स्वरूप में आ जाएंगे।