भारतीय नर्सो को को ISIS अन्ताकियो ने किया अगवा अज्ञात स्थान पर ले गये
www.nvrthub.com न्यूज़ : इराक के ¨हिंसाग्रस्त इलाकों में भारतीयों की सुरक्षा का संकट गहरा गया है। मोसुल से एक पखवाड़े पहले बंधक बनाए गए 39 भारतीयों के बाद अब तिकरित के अस्पताल में मौजूद 46 भारतीय महिला नर्सो को भी आइएसआइएस आतंकी अज्ञात स्थान पर ले गए हैं। जगह बदलने के दौरान कुछ नर्से मामूली रूप से जख्मी हो गई हैं।हालांकि, विदेश मंत्रलय का दावा है कि सभी नर्से लगातार संपर्क में हैं और किसी को नुकसान नहीं हुआ है। तिकरित से अगवा की गई भारतीय नर्सो में अधिकतर केरल से हैं। लिहाजा, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज राज्य के मुख्यमंत्री ओमन चांडी से भी संपर्क में हैं। भारतीय नर्सो की सुरक्षा को लेकर उपजी चिंताओं के मद्देनजर चांडी ने गुरुवार को स्वराज से मुलाकात भी की। क्या पुष्ठी की गयी है विदेश मंत्रालय की तरफ से विदेश मंत्रलय प्रवक्ता ने गहराए संकट की तस्दीक करते हुए कहा कि बीते 24 घंटे मुख्यालय और बगदाद स्थित भारतीय दूतावास के लिए काफी चुनौतीपूर्ण रहे हैं। गुरुवार दोपहर बाद तिकरित के अस्पताल से भारतीय नर्सो को निकालकर ले जाए जाने की पुष्टि करते हुए मंत्रलय ने बताया कि उन्हें उनकी इच्छा के विरुद्ध किसी अलग स्थान पर ले जाया गया है। विदेश मंत्रलय का कहना है, ‘हिंसाग्रस्त इलाकों में नागरिकों की इच्छाएं नहीं होतीं।’ वैसे सरकार ने माना कि नर्सो को आइएसआइएस आतंकियों के साथ जाने की सलाह बगदाद स्थित दूतावास से ही दी गई।
क्या वक्तव्य दिया गया भारतीय सरकार की तरफ से
मंत्रालय प्रवक्ता का कहना था कि तिकरित इराकी सेना के नियंत्रण से बाहर है। साथ ही मानवीय सहायता संगठन भी नर्सो तक संपर्क करने की स्थिति में नहीं थे। नर्से बगदाद स्थित भारतीय दूतावास के संपर्क में हैं और उनकी सुरक्षा चिंताओं के मद्देनजर ही उन्हें अस्पताल छोड़कर आतंकियों के साथ जाने की सलाह दी गई। सरकारी अधिकारियों के मुताबिक ¨हसाग्रस्त इलाके से भारतीयों की सुरक्षित वापसी के प्रयास में विभिन्न संपर्क चैनल खोले गए हैं। मंत्रलय प्रवक्ता ने बताया कि अन्य संपर्को के जरिए भी इस बात की पुष्टि हुई है कि मोसुल में एक पखवाड़े पहले अगवा हुए 39 भारतीय पूरी तरह सुरक्षित हैं। सुषमा स्वराज से मिलने पहुंचे चांडी ने बताया कि नर्सो को तीन बसों के जरिये किसी दूसरे स्थान पर ले जाया गया है। माना जा रहा है कि नर्सो को भी मोसुल ले जाया गया है।हालांकि, इस मामले को साधने की कोशिश में लगी सरकार फिलहाल आइएसआइएस आतंकियों के खिलाफ कोई सीधी टिप्पणी करने से बचती दिख रही है। भारतीयों की हिफाजत के बारे में पूछे जाने पर विदेश मंत्रलय प्रवक्ता ने इतना ही कहा कि बतौर राजनयिक हमें हर संकट को एक अवसर के तौर पर देखना सिखाया जाता है। हम हर प्रयास कर रहे हैं कि भारतीय नागरिकों को सुरक्षित निकाला जा सके। इस बीच इराक के गैर-¨हसाग्रस्त इलाकों से भारतीयों की सुरक्षित वापसी के लिए भेजी गई मोबाइल टीमों के पास 1500 से अधिक नागरिक वापसी के लिए पंजीकरण करा चुके हैं। बीते चार दिन में अब तक 900 भारतीयों की वापसी के टिकट का इंतजाम किया जा चुका है।
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