तुर्की विमान कैसे हो रहा था भारतीय सीमा में दाखिल पढ़िय पूरी खबर
भारतीय सीमा में पाकिस्तान की तरफ से दाखिल होने के लिए दो कॉमर्शियल एयरक्रॉफ्ट द्वारा एक ही फ्लाइट पहचान कोड इस्तेमाल करने के बाद रविवार को भारतीय सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो गईं। किसी भी तरह की आपात स्थिति से निपटने के उद्देश्य से भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमानों ने जोधपुर से उड़ान भरी। बाद में पता चला कि जैसलमेर में उड़ रहा विमान तुर्की एयरलाइंस का था, जिसने अपने से पहले दाखिल हुए एक विमान का कोड इस्तेमाल किया था।भारतीय लड़ाकू विमानों द्वारा पुष्टि किए जाने के बाद ही तुर्की विमान को आगे बढ़ने के निर्देश दिए गए। विमान पाकिस्तान होकर भारत आ रहा था। हर कॉमर्शियल विमान का एक विशेष कोड होता है, जो अंतरराष्ट्रीय सीमा में दाखिल होने से पहले उनके लिए पहचान का काम करता है।
पहला विमान भारतीय सीमा में जो पहचान कोड बताकर दाखिल हुआ, तुर्की एयरलाइंस के विमान ने भी वही कोड बता दिया, जिसके बाद सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट हो गईं। वायुसेना के प्रवक्ता ने बताया कि तुर्की के विमान को पिछले विमान का आइडेंटिफिकेशन कोड जारी कर दिया गया, जिसकी वजह से शक पैदा हुआ। स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर के तहत भारतीय वायुसेना ने न केवल लड़ाकू विमान भेजे, बल्कि वायुक्षेत्र में बगैर किसी पहचान के उड़ रहे जहाज को लेकर सुरक्षा एजेंसियों को भी सतर्क कर दिया। मालूम हो कि जोधपुर दिल्ली से करीब 600 किमी, जबकि जैसलमेर से 280 किमी की दूरी पर है।जोधपुर, प्रेट्र : भारतीय सीमा में पाकिस्तान की तरफ से दाखिल होने के लिए दो कॉमर्शियल एयरक्रॉफ्ट द्वारा एक ही फ्लाइट पहचान कोड इस्तेमाल करने के बाद रविवार को भारतीय सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो गईं। किसी भी तरह की आपात स्थिति से निपटने के उद्देश्य से भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमानों ने जोधपुर से उड़ान भरी। बाद में पता चला कि जैसलमेर में उड़ रहा विमान तुर्की एयरलाइंस का था, जिसने अपने से पहले दाखिल हुए एक विमान का कोड इस्तेमाल किया था।1भारतीय लड़ाकू विमानों द्वारा पुष्टि किए जाने के बाद ही तुर्की विमान को आगे बढ़ने के निर्देश दिए गए। विमान पाकिस्तान होकर भारत आ रहा था। हर कॉमर्शियल विमान का एक विशेष कोड होता है, जो अंतरराष्ट्रीय सीमा में दाखिल होने से पहले उनके लिए पहचान का काम करता है।
पहला विमान भारतीय सीमा में जो पहचान कोड बताकर दाखिल हुआ, तुर्की एयरलाइंस के विमान ने भी वही कोड बता दिया, जिसके बाद सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट हो गईं। वायुसेना के प्रवक्ता ने बताया कि तुर्की के विमान को पिछले विमान का आइडेंटिफिकेशन कोड जारी कर दिया गया, जिसकी वजह से शक पैदा हुआ। स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर के तहत भारतीय वायुसेना ने न केवल लड़ाकू विमान भेजे, बल्कि वायुक्षेत्र में बगैर किसी पहचान के उड़ रहे जहाज को लेकर सुरक्षा एजेंसियों को भी सतर्क कर दिया। मालूम हो कि जोधपुर दिल्ली से करीब 600 किमी, जबकि जैसलमेर से 280 किमी की दूरी पर है।
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