Menu

भारत की पूर्वोत्तर सीमा से लगा भूटान प्राकृतिक नजारों और बौद्ध संस्कृति को समेटे बेहद खूबसूरत देश है। खास बात यह है कि भारतीयों के लिए यहां की यात्रा सुलभ और सस्ती है।


जब भूटान के पारो एयरपोर्ट पर हवाई जहाज लैंड होता है तो लगाता है की समय के हिसाब से जैसे हम 50 साल पीछे जा चुके हैं। भूटान का छोटा-सा हवाई अड्डा एयरपोर्ट कम एक मठ ज्यादा प्रतीत होता है। भूटान में एक खासतौर से देखने वाली बात ये मिलेगी की इस स्थान पर यहां के राजा और रानी के सिवाय कोई होर्डिंग्स नहीं हैं। आश्चर्य की बात है कि ऐसा भी स्थान है, जहां वस्तुओं को और खरीदने की अपील करते कोई विज्ञापन नहीं हैं। भूटान में दो बड़े शहर हैं पारो और राजधानी थिंपू। दोनों में से पारो ज्यादा सुकून वाला है। भूटान बहुत विरल बसा है। वर्ष 2012 की जनगणना के मुताबिक यहां की जनसंख्या 7 लाख 50 हजार के आसपास थी। पारो हरियाली से भरपूर चारों ओर ऊंची पहाड़ियों से घिरी घाटी है। यहां मठों को जोंग कहा जाता है और प्रत्येक नगर में अपना एक जोंग होता है। इनमें सबसे मशहूर पारो का टाइगर नेस्ट है। 3210 मीटर की ऊंचाई पर यह स्थान पारो घाटी से 900 मीटर ऊपर है। यह एक खड़ी चट्टान के शीर्ष पर स्थित दुर्गम स्थान है। यह सैलानियों के लिए पैदल यात्रा की पसंदीदा जगह है।

king of bhutan home

कौनसे दिनों में क्या होता है यहाँ व भूटान में क्या है देखने योग्य चीजे
कई आकर्षण एक साथ पारो में एक छोटा-सा बाजार भी है, जहां स्थानीय यादगार वस्तुओं की खरीददारी की जा सकती है। भूटान की यादगार वस्तुओं में लैमनग्रास ऑइल बहुत मशहूर है। थिंपू में देर रात तक चहल-चपल रहती है, सिर्फ बुधवार, शुक्रवार और शनिवार को। मंगलवार भूटान में ड्राई डे रहता है। यहां सैलानियों के लिए कई आकर्षण हैं, जैसे- सिमतोखा जोंग, बुद्ध केंद्र और छोटा चिड़ियाघर, जहां आप भूटान का राष्ट्रीय पशु ताकिन देख सकते हैं। यह देश पहाड़ियों पर या नदियों के किनारे बने आकर्षक जोंग के साथ बौद्ध लोक संस्कृति से समृद्ध है। यहां के लोग बहुत सभ्य और मृदुभाषी हैं। भारत-भूटान के अच्छे संबंध हैं, जो भारतीय पर्यटकों के लिए सौभाग्य की बात है। अधिकांश पर्यटकों को भूटान में घूमने के लिए प्रति रात प्रति व्यक्ति 250 डॉलर चुकाने होते हैं, लेकिन भारतीयों के लिए ऐसी कोई शर्त नहीं है। भारतीय टेलीविजन चैनल भूटान में खूब मशहूर हैं, इसलिए यहां काफी लोग हिंदी बोलते हैं। यहां के स्कूलों में अंग्रेजी पढ़ाई जाती है, जिससे भारतीय पर्यटकों को संवाद में आसानी होती है।
पुनाखा भी जाएं थिंपू से पुनाखा घूमकर दिनभर में आना-जाना कर सकते हैं, हालांकि आप यहां एक रात गुजारने का मन बना सकते हैं। पुनाखा में कई जोंग हैं, साथ ही यह एक प्राकृतिक नजारों वाला स्थान है। यहां पास में ही चिमी लखांग मंदिर है, जो भूटान के एक संत द्रुकपा खुनले को समर्पित है।

भूटान के टूर में खासतौर से इन बातों का ध्यान रखें
भूटान में सिर्फ राष्ट्रीय विमान सेवा के तौर पर द्रुक एयर के विमान ही जाते हैं। यहां की यात्रा का सस्ता प्लान भी बनाया जा सकता है। टूर एंड ट्रैवल एजेंसियां भूटान के लिए कई आकर्षक पेकैज की पेशकश करती हैं। यहां आप सिक्किम से सड़क मार्ग से भी प्रवेश कर सकते हैं। इसके लिए आप पासपोर्ट या वोटर आईडी कार्ड का इस्तेमाल कर सकते हैं। पारो और थिंपू में होटल तथा खाना-पीना हर तरह के बजट में उपलब्ध है। भारतीय रुपए यहां आसानी से स्वीकार्य हैं। भारतीय व्यंजन यहां आसानी से उपलब्ध हैं। स्थानीय स्वाद में इमा दात्सी खाकर देखें। यह मिर्च और पनीर से बनती है।

Bhutan Travel Guide hindi, bhutan tourism for Indians, bhutan weather, bhutan tourism packages, druk air, bhutan hotels, make tour for bhutan, bhutan tourism map, bhutan tourism policy, cheapest foreign holiday tour, Bhutan travels, bhtan info for tourists

 
Top