मानव तस्करी (Human Trafficking) के मामले में राजस्थान देश में पहले स्थान पर है। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़े तो यही कहानी बयां कर रहे हैं। हालांकि राज्य पुलिस इस बात से इनकार कर रही है। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकडों के अनुसार, वर्ष 2013 में 1190 मामले दर्ज हुए और 212 लोगों को गिरफ्तार किया गया।
इस दौरान मानव तस्करी मे फंसे 1104 लोगों को बचाया जा सका। इसमें 1101 भारतीय और तीन विदेशी थे। वहीं 85 लोगों का पता नहीं लग सका। इधर पुलिस ने इस दिशा में बेहतर कदम उठाने का दावा किया है।उधर राज्य पुलिस के आंकड़े नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के आंकड़ों से कुछ और ही कहानी कहते हैं। पुलिस के अनुसार, जनवरी 2011 से 30 मई 2014 के दौरान थ्यूमन ट्रैफिकिंग सेल और मिसिंग सेल ने कार्रवाई करते हुए 2,534 लड़कियों और बच्चों को मुक्त कराकर 960 आरोपियों को गिरफ्तार किया है।जयपुर कमिर्शेट के चारों जिलों में मानव तस्करी निरोधत्मक यूनिट तैनात है, पर कार्रवाई सिर्फ सूचना आने के बाद ही की जाती है। ज्यादातर यूनिट की पुलिस गश्त,धरना जुलूस या फिर वीवीआईपी दौरों में ही व्यस्त रही है। उत्तर में एसीपी कोतवाली, दक्षिण में सोढ़ाला एसीपी, पश्चिम में सदर एसीपी और पूर्व में एडिशनल डीसीपी नोडल अधिकारी हैं, लेकिन इनके साथ लगी मानव तस्करी यूनिट ज्यादातर समय अन्य कामों या फिर दूसरे थानों में तैनात रहती है। इस कारण मानव तस्करी की सूचना मिलने पर ही काई कार्रवाई हो पाती है।
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» Crime Record Bureau के अनुसार राजस्थान में सबसे ज्यादा मानव तस्करी के मामले