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जानिए  कैसे करे अपने फ्यूचर की प्लानिंग और कैसे करे इन्वेटमेंट ताकि आपको कभी आर्थिक परेशानी न उठानी पड़े

invest for future in hindi
अगर आप भविष्य के लिए पहले से तैयारी न करें तो या तो आप अपने लक्ष्यों को हासिल नहीं कर पाएंगे या फिर आप आर्थिक समस्याओं में पड़ जाएंगे। फाइनैंशियल प्लानिंग वह आसान तरीका है जिसके जरिए आप अपने भविष्य के आर्थिक लक्ष्यों को हासिल करने की राह तैयार करते हैं। फाइनैंशियल प्लानिंग के ये तीन कदम उठा कर आप अपना वित्तीय भविष्य सुरक्षित कर सकते हैं।

मौजूदा स्थिति का आकलन (Current Status of Your Opportunity)

फाइनैंशियल प्लानिंग की शुरुआत अपनी मौजूदा स्थिति के आकलन से शुरू होती है। इसमें सबसे पहले नकदी की स्थिति का विेषण करना होता है, यानि आप कितना कमाते हैं और आप अपनी कमाई कहां खर्च करते हैं। इसके बाद आप अपने एसेट्स और लाइबिलिटीज के बारे में सोचें। यह देखें कि आप जो अदायगी कर रहे हैं वह अपने साधनों से ही पूरा करने में आपको कोई दिक्कत तो नहीं हो रही है। इसके बाद यह भी देख लें कि आपात स्थितियों के लिए आपके पास पर्याप्त राशि है या नहीं। आप अपनी मौजूदा बीमा योजनाओं को देखें और विेषण करें कि क्या जीवन में किसी अनहोनी की स्थिति के लिए आपके पास पर्याप्त बीमा राशि की व्यवस्था है?

अपनी मौजूदा वित्तीय स्थिति के इस विेषण से आपको यह पता चलता है कि आज आपकी वित्तीय स्थिति क्या है। साथ ही अगर आपको कोई वित्तीय समस्या है तो इस विेषण से यह पता चलता है कि आपको किन क्षेत्रों पर ध्यान देने की जरूरत है।

लक्ष्यों की पहचान (Identify Your Goal)

अपनी वित्तीय स्थिति के आकलन के बाद अपने वित्तीय लक्ष्यों की पहचान करें और उन्हें रुपए के रूप में तय करें। बिना वित्तीय लक्ष्य तय किए बचत और निवेश करना बेमतलब है। अगर आपने अपने वित्तीय लक्ष्यों की पहचान नहीं की है, तो अपने वित्तीय भविष्य के लिए रोडमैप तैयार करना आपके लिए काफी मुश्किल है।

अगले छह महीनों में कार की खरीद या अगले दो सालों में विदेश में छुट्टियां मनाना आपकी छोटी अवधि के लक्ष्य हो सकते हैं। इसके अलावा आपके लंबी अवधि के लक्ष्य भी हो सकते हैं, जैसे पांच सालों के बाद घर की खरीद, रिटायरमेंट, बच्चों की शिक्षा और शादी आदि।

इस कदम का उद्देश्य है उन लक्ष्यों की पहचान जिन्हें पहले पूरा करना जरूरी है। इस विेषण से आपको यह पता चलता है कि अपने वित्तीय लक्ष्यों की प्राप्ति में कहां-कहां समस्या है और इसके लिए आपको क्या-क्या करना चाहिए। इसके अलावा यह कोशिश आपको ऐसे यथार्थपरक लक्ष्य तय करने में भी मदद करती है, जो आप अपने साधनों के भीतर हासिल कर सकते हैं।

एसेट एलोकेशन करें  (How to Allocate the Asset)

जब आपको यह पता चल जाता है कि आपकी मौजूदा वित्तीय स्थिति क्या है और आपके वित्तीय लक्ष्य क्या हैं, तब आपके लिए जरूरी है सही तरीके से एसेट एलोकेशन करना ताकि आप अपने साधनों का प्रभावी इस्तेमाल कर सकें। बेहतर तरीके से एसेट एलोकेशन तभी हो सकता है जब आपको यह पता हो कि आप कितना जोखिम ले सकते हैं। अपनी जोखिम क्षमता को परखने से ही आप यह तय कर पाते हैं कि आप किस एसेट क्लास में कितना निवेश कर सकते हैं। इससे आपको उस स्थिति में बेहतरीन एसेट एलोकेशन करने में मदद मिलती है।

इक्विटी जैसे ग्रोथ एसेट्स में अलग-अलग कैटेगरी होती हैं, ऐसे में एसेट एलोकेशन रणनीति का उद्देश्य होता है निवेश पोर्टफोलियो को डाइवर्सिफाई करना ताकि एक ही एसेट में अधिक निवेश न हो। इस डाइवर्सिफिकेशन से सुनिश्चित होता है कि आप बाजार में उपलब्ध सभी मौकों को भुना सकें और जब धारा आपके विपरीत हो, तो आपके पोर्टफोलियो को अधिक नुकसान न हो। इसीलिए आपकी वित्तीय स्थिति के हिसाब से प्रभावी एसेट एलोकेशन रणनीति बनाई जाती है। एक प्रभावी वित्तीय योजना से आप अपने वित्त का उचित प्रबंधन कर पाते हैं, जिससे आपका वित्तीय भविष्य सुरक्षित हो जाता है।
अगर आप भविष्य के लिए पहले से तैयारी न करें तो या तो आप अपने लक्ष्यों को हासिल नहीं कर पाएंगे या फिर आप आर्थिक समस्याओं में पड़ जाएंगे। फाइनैंशियल प्लानिंग वह आसान तरीका है जिसके जरिए आप अपने भविष्य के आर्थिक लक्ष्यों को हासिल करने की राह तैयार करते हैं। फाइनैंशियल प्लानिंग के ये तीन कदम उठा कर आप अपना वित्तीय भविष्य सुरक्षित कर सकते हैं।

मौजूदा स्थिति का आकलन

फाइनैंशियल प्लानिंग की शुरुआत अपनी मौजूदा स्थिति के आकलन से शुरू होती है। इसमें सबसे पहले नकदी की स्थिति का विेषण करना होता है, यानि आप कितना कमाते हैं और आप अपनी कमाई कहां खर्च करते हैं। इसके बाद आप अपने एसेट्स और लाइबिलिटीज के बारे में सोचें। यह देखें कि आप जो अदायगी कर रहे हैं वह अपने साधनों से ही पूरा करने में आपको कोई दिक्कत तो नहीं हो रही है। इसके बाद यह भी देख लें कि आपात स्थितियों के लिए आपके पास पर्याप्त राशि है या नहीं। आप अपनी मौजूदा बीमा योजनाओं को देखें और विेषण करें कि क्या जीवन में किसी अनहोनी की स्थिति के लिए आपके पास पर्याप्त बीमा राशि की व्यवस्था है?

अपनी मौजूदा वित्तीय स्थिति के इस विेषण से आपको यह पता चलता है कि आज आपकी वित्तीय स्थिति क्या है। साथ ही अगर आपको कोई वित्तीय समस्या है तो इस विेषण से यह पता चलता है कि आपको किन क्षेत्रों पर ध्यान देने की जरूरत है।

लक्ष्यों की पहचान

अपनी वित्तीय स्थिति के आकलन के बाद अपने वित्तीय लक्ष्यों की पहचान करें और उन्हें रुपए के रूप में तय करें। बिना वित्तीय लक्ष्य तय किए बचत और निवेश करना बेमतलब है। अगर आपने अपने वित्तीय लक्ष्यों की पहचान नहीं की है, तो अपने वित्तीय भविष्य के लिए रोडमैप तैयार करना आपके लिए काफी मुश्किल है।

अगले छह महीनों में कार की खरीद या अगले दो सालों में विदेश में छुट्टियां मनाना आपकी छोटी अवधि के लक्ष्य हो सकते हैं। इसके अलावा आपके लंबी अवधि के लक्ष्य भी हो सकते हैं, जैसे पांच सालों के बाद घर की खरीद, रिटायरमेंट, बच्चों की शिक्षा और शादी आदि।

इस कदम का उद्देश्य है उन लक्ष्यों की पहचान जिन्हें पहले पूरा करना जरूरी है। इस विेषण से आपको यह पता चलता है कि अपने वित्तीय लक्ष्यों की प्राप्ति में कहां-कहां समस्या है और इसके लिए आपको क्या-क्या करना चाहिए। इसके अलावा यह कोशिश आपको ऐसे यथार्थपरक लक्ष्य तय करने में भी मदद करती है, जो आप अपने साधनों के भीतर हासिल कर सकते हैं।

एसेट एलोकेशन करें

जब आपको यह पता चल जाता है कि आपकी मौजूदा वित्तीय स्थिति क्या है और आपके वित्तीय लक्ष्य क्या हैं, तब आपके लिए जरूरी है सही तरीके से एसेट एलोकेशन करना ताकि आप अपने साधनों का प्रभावी इस्तेमाल कर सकें। बेहतर तरीके से एसेट एलोकेशन तभी हो सकता है जब आपको यह पता हो कि आप कितना जोखिम ले सकते हैं। अपनी जोखिम क्षमता को परखने से ही आप यह तय कर पाते हैं कि आप किस एसेट क्लास में कितना निवेश कर सकते हैं। इससे आपको उस स्थिति में बेहतरीन एसेट एलोकेशन करने में मदद मिलती है।

इक्विटी जैसे ग्रोथ एसेट्स में अलग-अलग कैटेगरी होती हैं, ऐसे में एसेट एलोकेशन रणनीति का उद्देश्य होता है निवेश पोर्टफोलियो को डाइवर्सिफाई करना ताकि एक ही एसेट में अधिक निवेश न हो। इस डाइवर्सिफिकेशन से सुनिश्चित होता है कि आप बाजार में उपलब्ध सभी मौकों को भुना सकें और जब धारा आपके विपरीत हो, तो आपके पोर्टफोलियो को अधिक नुकसान न हो। इसीलिए आपकी वित्तीय स्थिति के हिसाब से प्रभावी एसेट एलोकेशन रणनीति बनाई जाती है। एक प्रभावी वित्तीय योजना से आप अपने वित्त का उचित प्रबंधन कर पाते हैं, जिससे आपका वित्तीय भविष्य सुरक्षित हो जाता है।
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