17 शिलाई केंद्र झुगी झोपिडियो मैं खोले और शिक्षा की भी अलख जगाई
22 लोगों को 80 किलो सब्जी के साथ ठेली भी उपलब्ध कराई
50 हजार महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने का लक्ष्य
नोएडा: तन पर मैले कुचले चिथड़े लपेटे महिलाएं, गंदगी में लेटे बच्चे, आदमी भी नशे की हालत में धुत, जैसे किसी को किसी की कोई सुध ही नहीं। ऐसा नजारा देखकर किसी का भी मन द्रवित हो उठे। भी इससे अछूते नहीं रह पाए। ऐसा हृदय परिवर्तन किया कि उन्होंने तय कर लिया कि वह झुग्गी झोंपड़ी में रहने वाली महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाएंगे। आज उनके द्वारा किए जा रहे कार्यो से एक हजार महिलाएं लाभांवित हो रहीं हैं। चुनाव केदौरान झुग्गी झोंपड़ियों में महिलाओं की हालत को देखकर उनकी अंतर आत्मा कुंठित हो गई और तय कर लिया कि परिणाम जो भी हो, लेकिन उनके लिए कुछ जरूर किया जाए।
22 लोगों को 80 किलो सब्जी के साथ ठेली भी उपलब्ध कराई
50 हजार महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने का लक्ष्य
नोएडा: तन पर मैले कुचले चिथड़े लपेटे महिलाएं, गंदगी में लेटे बच्चे, आदमी भी नशे की हालत में धुत, जैसे किसी को किसी की कोई सुध ही नहीं। ऐसा नजारा देखकर किसी का भी मन द्रवित हो उठे। भी इससे अछूते नहीं रह पाए। ऐसा हृदय परिवर्तन किया कि उन्होंने तय कर लिया कि वह झुग्गी झोंपड़ी में रहने वाली महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाएंगे। आज उनके द्वारा किए जा रहे कार्यो से एक हजार महिलाएं लाभांवित हो रहीं हैं। चुनाव केदौरान झुग्गी झोंपड़ियों में महिलाओं की हालत को देखकर उनकी अंतर आत्मा कुंठित हो गई और तय कर लिया कि परिणाम जो भी हो, लेकिन उनके लिए कुछ जरूर किया जाए।
मन की इसी बात को हृदय से लगाकर उन्हें नई दिशा देने के उद्देश्य से उनकी शिक्षा से लेकर सिलाई सिखाकर आत्मनिर्भर बना डाला। इसके लिए झुग्गी झोंपड़ियों में 17 सिलाई केंद्र खोले और शिक्षा की भी अलख जगाई। उनका लक्ष्य है कि वह गरीब दबे कुचले लोगों के उत्थान के लिए सौ सिलाई सेंटर खोलें और पचास हजार महिलाओं को आत्म निर्भर बनाएं। नोएडा के सेक्टर-52 में रहने वाले को जहां तहां लोगों की मदद करते देखा जा सकता है। वह शहर के बहुत ही प्रिय हैं, क्योंकि जहां भी उन्हें बुलाया जाता है वह सभी काम छोड़कर मदद के लिए पहुंच जाते हैं। घर में पप्पू और बाहर के नाम से पहचान रखने वाले अशोक बहुत ही सरल स्वभावी हैं। यही कारण है कि सेक्टर-8 में विकलांग ज्ञान मंदिर जो काफी जर्जर अवस्था में था उसे ठीक कराया। इसी सेक्टर में बीआर अंबेडकर स्कूल में बच्चों की शिक्षा के लिए प्रतिमाह आर्थिक मदद देना।
विकलांग बच्ची अर्चना को उसकी पढ़ाई से लेकर उसकी बैंकिंग शिक्षा का कोर्स कराना। सात सिलाई सेंटर गांव में चल रहे हैं इनमें कनारसी, वेदाना, रुस्तमपुर, दनकौर, सूरजपुर, पुलिस लाइन, सलारपुर और गिझौड़ में भी चल रहे हैं। 22 लोगों को 80 किलो सब्जी के साथ ठेली भी उपलब्ध कराई। ऐसे न जाने कितने काम वह कर चुके हैं। अशोक बताते हैं कि 2007 में चुनाव के दौरान जब वह यहां की झुग्गी झोंपड़ी में गए, तो वहां की हालत देखकर अंदर से मन काफी आहत हुआ और तभी तय कर लिया कि इनके लिए कुछ किया जाए। 9 जुलाई 2009 को सेक्टर-17 की झुग्गियों में मोहिनी गिरी ने पहले सिलाई केंद्र का उद्घाटन किया था। 1 उन्होंने कहा था कि ये कार्य यहीं नहीं रुकना चाहिए। दूसरी झुग्गियों ने भी महिलाओं की मदद की जानी चाहिए। इसके बाद यह क्रम बढ़ता गया। उनका लक्ष्य आने वाले समय में सौ सेंटर खोलने का है। साथ ही उनके द्वारा पचास हजार महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने का है।