अगर आप पहली बार म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) में निवेश करने जा रहे हैं तो यह खबर आपके लिए है। किसी भी एमएफ (MF) निवेशक को सबसे पहले ये तय करना चाहिए कि वह किस तरह के निवेश सूची (Portfolio) का निर्माण करना चाहता है। दूसरे शब्दों में वह किस-किस सेक्टर में निवेश करना चाहता है। उसके बाद निवेशक को अपनी निवेश योग्य सम्पत्ति के सही विनियोजन का फैसला करना चाहिए। ये असेट एलोकेशन कहलाता है। एमएफ (M.F.) निवेश के लिए असेट एलोकेशन (Allocation) के लोकप्रिय नियम कहते हैं कि निवेशक की जो भी उम्र हो, उसे अपने पोर्टफोलियो में अपनी उम्र जितना धन प्रतिशत रखना चाहिये। उदाहरण के लिये- यदि निवेशक की उम्र 25 साल है तो उसे अपने निवेश का 25 प्रतिशत डेट में और शेष इक्विटी में लगाना चाहिए। असेट एलोकेशन के लिए विभिन्न कारकों की भी जानकारी होनी चाहिये जैसे-आयु, व्यवसाय, आप पर निर्भर परिवार के सदस्यों की संख्या आदि। सामान्यत: जितने अधिक आप युवा हैं उतने ही जोखिम भरे निवेश आप रख सकते हैं जिनसे आपको बेहतर रिटर्न मिले।
ऐसे चुनें सही फंड (Choose Right Mutual Fund Stock) : सही फंड चुनने की कुंजी उनके निवेश सिद्धांत और रिटर्न देने की स्थिरता पर निर्भर करती है। आप वही फंड चुनें जो आपकी जरूरतों के लिए उपयुक्त हो, ये सुनिश्चित करने के लिए निम्न बातों पर विचार करें। आप अपनी सेवानिवृत्ति के लिए निवेश कर रहे हैं, बच्चे की शिक्षा के लिए या फिर वर्तमान आमदनी के लिए?
समय सीमा तय करें (Set Your Time Limit) : क्या आपको तीन महीने के समय में पैसा चाहिए या फिर तीन साल में? जरूरत के हिसाब से अवधि तय कर लें।
अपनी जोखिम क्षमता देखें(Know Your Risk) : क्या आप उच्च रिटर्न की संभावना के लिए शेयर बाजार के उतार-चढ़ाव को बर्दाश्त करने की स्थिति में हैं? अपने जोखिम उठाने की क्षमता को पहचानें। जोखिम से बचने के लिए नए निवेशक एसआईपी को अपनाएं।
ध्यान रखें : इन सभी कारकों का सीधा प्रभाव उन फंड पर पड़ता है जिन्हें आप चुनते हैं और जो रिटर्न आप प्राप्त करने की उम्मीद रखते हैं।
अपनी जोखिम क्षमता देखें(Know Your Risk) : क्या आप उच्च रिटर्न की संभावना के लिए शेयर बाजार के उतार-चढ़ाव को बर्दाश्त करने की स्थिति में हैं? अपने जोखिम उठाने की क्षमता को पहचानें। जोखिम से बचने के लिए नए निवेशक एसआईपी को अपनाएं।
ध्यान रखें : इन सभी कारकों का सीधा प्रभाव उन फंड पर पड़ता है जिन्हें आप चुनते हैं और जो रिटर्न आप प्राप्त करने की उम्मीद रखते हैं।
बाजार से अपडेट रहें (Market Updates) : म्यूचुअल फंड मासिक और त्रैमासिक फैक्ट शीट और न्यूजलैटर प्रकाशित करते हैं जिनमें पोर्टफोलियो की जानकारी, फंड मैनेजर द्वारा प्रबंधित योजनाओं और उनके प्रदर्शन आंकड़ों की रिपोर्ट प्रकाशित होती है। म्यूचुअल फंड की वेबसाइट प्रदर्शन आंकड़े, फंड फैक्ट शीट, त्रैमासिक न्यूजलैटर और प्रेस क्लिपिंग इत्यादि उपलब्ध कराती है। भारत में म्यूचुअल फंड एसोसिएशन की वेबसाइट भी है जिसमें सूचनाएं होती हैं। अखबार भी एमएफ के बारे में जानकारी का एक स्रोत है।
ये दस्तावेज जरूरी (MF Mutual Fund What Document Need)?
सबसे पहले केवाईसी प्रक्रिया को पूरा कर लें। अगर आपने केवाईसी (नो योर कस्टमर) प्रक्रिया का पालन नहीं किया है, तो आप म्यूचुअल फंड नहीं खरीद पाएंगे। दरअसल म्यूचुअल फंड, पोर्टफोलियो मैनेजर, डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट्स, स्टॉक ब्रोकर्स, वेंचर कैपिटल फंड्स, कलेक्टिव इनवेस्टमेंट स्कीम्स सभी को केवाईसी नियमों का पालन करना होता है। केवाईसी के बाद आपके पास पैन कार्ड और अपने नाम पर बैंक अकाउंट होना जरूरी है। अकाउंट मैगनेटिक इंक कैरेक्टर रिक्गनिशन (एमआईसीआर) और इंडियन फाइनेंशियल सिस्टम कोड (आईएफएससी) के ब्योरे के साथ होना चाहिए। सभी चेक में यह ब्योरे उपलब्ध रहते हैं। अब आपके पास एक डीमैट अकाउंट होना चाहिए।