How to aware and loss from Investment in Stock Market and Basic Fundamentals of Share Market
इस निवेश पेज के जरिये अब तक आप शेयर ट्रेडिंग से जुड़ी फंडामेंटल (Fundamental) व तकनीकी (Technical) चीजों और शब्दाबलियों (Definitions) के बारे में अधिकांश बातें जान चुके हैं। आइए इस बार लाइव ट्रेडिंग ट्रैक(Live Trading Track) के बारे में अनुभव साझा करते हैं। इससे आपको शेयर कारोबार के समय प्रयोग होने वाले कई ट्रेडिंग शब्दों और उसका मतलब समझने का मौका मिलेगा।
लाइव शेयर ट्रैक(Live Share Track): इस लाइव शेयर ट्रैकिंग के दरम्यान आपने ट्रेड सेशन(Trade Session), क्लोजिंग (Closing), नेट कॉस्ट(Net Cost), स्टॉप लॉस(Stop Loss), ट्रैप(Trap), एवरेजिंग(Averaging), रिर्जव कैपिटल(Reserve Capital), ब्रेक आउट(Break Trade), ट्रेड ट्रैजिडी(Trade Tragedy), ट्रेड रिकवरी (Trade Recovery), ट्रेडिंग ट्विस्ट (Trading Twist) और ट्रेडिंग अकाउंट (Trading Account) का रेड से ग्रीन (Red to Green) होना आदि स्टॉक ट्रेडिंग (Stock Trading) से जुड़े शब्दों के बारे में जाना। उम्मीद है जब आप अगली बार स्टॉक ट्रेडिंग(Stock Trading) करेंगे तो इन शब्दों का मतलब भलीभांति समझ रहे होंगे।
पिछले पोस्ट में हमने ट्रेडिंग में जबरदस्त उतार चढ़ाव भरे अनुभवों के बारे में बतलाया। जिसमे एक शेयर खरीदा जोकि एक हफ्ते के अंदर करीब 10 फीसदी नीचे गिरा और फिर 15 फीसदी उछल गया। समंदर के ज्वार भाटा की तरह बाजार की तूफानी हलचल के बीच संतुलन साधना एक रिटेल ट्रेडर के लिए कितना चुनौती भरा होता है। यही आज हम साथ शेयर करने जा रहे हैं।
सबसे अच्छी सलाह व सुझाव है प्रत्येक ट्रेडर के लिए (Top Best Tips for Stock Traders or Forex Traders)
लाइव शेयर ट्रैक(Live Share Track): इस लाइव शेयर ट्रैकिंग के दरम्यान आपने ट्रेड सेशन(Trade Session), क्लोजिंग (Closing), नेट कॉस्ट(Net Cost), स्टॉप लॉस(Stop Loss), ट्रैप(Trap), एवरेजिंग(Averaging), रिर्जव कैपिटल(Reserve Capital), ब्रेक आउट(Break Trade), ट्रेड ट्रैजिडी(Trade Tragedy), ट्रेड रिकवरी (Trade Recovery), ट्रेडिंग ट्विस्ट (Trading Twist) और ट्रेडिंग अकाउंट (Trading Account) का रेड से ग्रीन (Red to Green) होना आदि स्टॉक ट्रेडिंग (Stock Trading) से जुड़े शब्दों के बारे में जाना। उम्मीद है जब आप अगली बार स्टॉक ट्रेडिंग(Stock Trading) करेंगे तो इन शब्दों का मतलब भलीभांति समझ रहे होंगे।
पिछले पोस्ट में हमने ट्रेडिंग में जबरदस्त उतार चढ़ाव भरे अनुभवों के बारे में बतलाया। जिसमे एक शेयर खरीदा जोकि एक हफ्ते के अंदर करीब 10 फीसदी नीचे गिरा और फिर 15 फीसदी उछल गया। समंदर के ज्वार भाटा की तरह बाजार की तूफानी हलचल के बीच संतुलन साधना एक रिटेल ट्रेडर के लिए कितना चुनौती भरा होता है। यही आज हम साथ शेयर करने जा रहे हैं।
सबसे अच्छी सलाह व सुझाव है प्रत्येक ट्रेडर के लिए (Top Best Tips for Stock Traders or Forex Traders)
1. स्टॉप लॉस लगाने के नियम की अनदेखी नहीं करें।
2. बाजार में गिरावट की आशंका नहीं हो फिर भी स्टॉप लॉस सीमा तय करके रखें।
3. अचानक बाजार में कभी भी तेज गिरावट आ सकती है
4. तेज गिरावट की सूरत में भाव स्टॉप लॉस के नीचे जा सकता है
5. एवरेजिंग करने से लागत कम करने में मदद मिलती है
6. एवरेजिंग के लिए फंड बचाकर रखना एक बेहतर विकल्प
7. रिटेल निवेशक सदा सतर्क रहें
उदहारण के तौर पर मान लीजिये की मैंने एबीसी कंपनी का शेयर खरीदा। उस दिन ये शेयर एनएसई में 931 रु. के भाव पर खुला। दिन का अधिकतम 941 और न्यूनतम 922 रुपए था। क्लोजिंग 926 रुपए पर हुई। यहा मेरा खरीद मूल्य भी था। इसमें ब्रोकरेज और बाकी टैक्स वगैरह को मिलाकर मेरी इफेक्टिव नेट कॉस्ट 932 रुपए के आस पास बनी।
चार्ट की गणना और बाजार के मिजाज को देखते हुए मेरा अनुमान था कि ये शेयर एक हफ्ते में 970 के आस-पास पहुंच जाएगा। लेकिन उस वक्त मुझे ये बिलकुल अंदाज नहीं था इस शेयर में कितनी भारी उथलपुथल आने वाली है।
अगर मुझे मालूम होता कि जो शेयर मुझे 941 रुपए में महंगा लग रहा था वो मेरे खरीदने के चार दिन (शेयर बाजार में दिन का मतलब आम तौर पर ट्रेडिंग सेशन होता है) के अंदर 841 रुपए तक गिर जाएगा तो क्या मैं उसे खरीदता ? बिलकुल नहीं.खैर आगे की कहानी सुनिए।
5 सितंबर को जब बाजार खुला तो एबीसी कंपनी थोड़ा दबा हुआ था। 922.5 रुपए पर ओपन हुआ। और गिर कर 897 तक चला गया। मैंने स्टॉप लॉस 895 का रखा था। यानी स्टॉप लॉस हिट होते होते बचा। सच कहूं तो मैंने स्टॉप लॉस लगाया नहीं था क्योंकि मुझे जरा भी आशंका नहीं थी कि ये शेयर 900 के नीचे जा सकता है। वैसे मेरा अनुमान गलत भी नहीं था क्योंकि पूरे दिन ये शेयर एक तरह से फ्लैट रहा। शाम तान बजे के बाद थोड़ी देर के लिए 900 से नीचे गया लेकिन जल्द हा ऊपर आ गया।
मेरे दिमाग में खतरे की घंटी बजी क्योंकि 905 के हिसाब से मैं करीब 3 फीसदी घाटे में थी, जो शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग के लिहाज से खतरनाक था। लेकिन मैंने इंतजार करो और देखो की नीति अपनाई। मुझे यकीन था कि इसे ऊपर जाना चाहिए। लेकिन इस ओवरकॉन्फिडेंस में मैंने स्टॉप लॉस को नजरअंदाज करने का जोखिम लिया। जो आगे चलकर मुझे महंगा पड़ा।
15 सितंबर को निफ्टी 63 अंक गिरा था लेकिन 16 सितंबर को तो गिरावट की आंधी आई। अमेरिका का फेडरल रिर्जव बैंक मौद्रिक नीति की समीक्षा करने वाला था। वहां ब्याज दरों में बढ़ोतरी की आशंका से भारताय बाजारों में नकारात्मक माहौल बना। दलाल स्ट्रीट में सात हफ्तों की सबसे ताखी गिरावट दर्ज की गई। निफ्टी 109 अंक लुढ़क गया। सुबह 10 बजे एबीसी कंपनी 917 के आस पास घूम रहा था लेकिन करीब सवा एक बजे जब मैंने चेक किया तो वो लगभग पांच फीसदी गिरकर 875 से नीचे पहुंच गया। मुझे झटका लगा क्योंकि जब तक मैं संभलता, उस समय तक यह मेरे स्टॉप लॉस से भी 20 रुपए नीचे पहुंच चुका था। अब बेचने का मतलब सिर्फ नुकसान नहीं बल्कि भारी नुकसान था। लेकिन नहीं बेचने पर खतरा यह था कि यह शेयर और गिरेगा।
मेरा ट्रेड घाटे के दलदल में धंसता चला जाएगा। यानी आगे कुआं, पीछे खाई वाली हालत हो गई। इसे हा ट्रेडिंग की भाषा में ट्रैप हो जाना कहते हैं। आगे हालत और बदतर हो गई। 12 सितंबर को एबीसी कंपनी का जो शेयर मैंने 935 रुपए में खरीदा था वो 16 सितंबर को बाजार बंद होने तक 851 रुपए की तलहटी को छूने लगा। जब कोई शेयर ज्यादा गिर जाता है तो उसमें खरीद के अच्छे मौके बनते हैं। मेरे पास भी ऐसा हा अवसर था। मैंने सोचा कि अगर 850 के आस पास दोबारा खरीद लूं तो अच्छी एवरेजिंग हो जाएगी। एवरेजिंग का अर्थ है
औसत करना (Meaning of Averaging): यानी किसी एक शेयर लगातार गिरते हुए भाव में थोड़ा थोड़ा करके खरीदना ताकि कुल औसत लागत कम हो जाए। मैंने भी यहा कोशिश की। लेकिन अफसोस। मेरा फंड पहले हा खत्म हो चुका था क्योंकि मुझे इस तरह की गिरावट की कोई आशंका नहीं थी। इसीलिए मैंने ट्रेडिंग अकाउंट में रिर्जव कैपिटल नहीं रखा था। इसके बाद तो मेरा यह ट्रेड पूरी तरह से किस्मत के हवाले हो गया। 17 सितंबर को एक वक्त ऐसा भी आया जब एबीसी कंपनी 840 रुपए के नीचे चला गया। यानी सिर्फ चार ट्रेडिंग सेशन में मेरे लागत मूल्य से करीब 95 रुपए नीचे।
मैं अफसोस कर रहा था कि अगर मैंने 16 सितंबर को सुबह स्टॉप लॉस लगा दिया होता तो मेरे ट्रेड के साथ इतनी बड़ी ट्रैजिडी नहीं होता।
मुझे रिकवरी की उम्मीद थी लेकिन यह भी लग रहा था कि इसे वापस लौटने में अच्छा खासा वक्त लग सकता है, उतने समय तक मेरी पूंजी मृतप्राय रहता। लेकिन कहानी में फिर एक ट्विस्ट आया। जिस तरह मेरे अनुमान से बहुत बड़ी गिरावट हुई थी। उसी तरह अचानक तूफानी रिकवरी हुई। अमेरिका में ब्याज दरें फिलहाल नहीं बढ़ेंगी, इस खबर ने बाजार का रुख बदल दिया। 18 सितंबर को एबीसी कंपनी में भी मजबूता दिखी। वो 865 के ऊपर पहुंच गया। लेकिन 19 सितंबर को यानी मेरी खरीद के ठीक एक हफ्ते बाद तो गजब हा हो गया। मूडी ने टाटा ग्रुप की कंपनियों की रेटिंग अपग्रेड कर दी। ये खबर आने के बाद एबीसी कंपनी में ब्रेक आउट हो गया। एक दिन में 15 फीसदी से ज्यादा की बढ़त दर्ज की गई। यह 876.05 रुपए पर खुला और 138 रुपए की जबरदस्त छलांग लगाते हुए 1014 तक पहुंच गया। मेरा ट्रेडिंग अकाउंट कुछ हा घंटों में रेड से ग्रीन नजर आने लगा। मैंने राहत की सांस ली। लेकिन मेरे लिए यह खुशी का नहीं सबक लेने का मौका था।
मैंने दो गलतियां कीं- वक्त पर स्टॉप लॉस(Stop Loss) नहीं लगाया और दूसरा रिर्जव कैपिटल नहीं बचाया। आप ये गलतियां मत कीजिएगा। यह तो संयोग था कि दो दिन में शेयर ने यू टर्न ले लिया, वरना 15 फीसदी बढ़त दर्ज करने में महीनों लगते हैं।How to aware and loss from Investment in Stock Market and Basic Fundamentals of Share Market, Stock Market & Investment,Stock Market & Investment in Hindi, Share Market Guide (Hindi) Books Paperback Online, Best Hindi Guide/Book On Indian Stock Market
मैं अफसोस कर रहा था कि अगर मैंने 16 सितंबर को सुबह स्टॉप लॉस लगा दिया होता तो मेरे ट्रेड के साथ इतनी बड़ी ट्रैजिडी नहीं होता।
मुझे रिकवरी की उम्मीद थी लेकिन यह भी लग रहा था कि इसे वापस लौटने में अच्छा खासा वक्त लग सकता है, उतने समय तक मेरी पूंजी मृतप्राय रहता। लेकिन कहानी में फिर एक ट्विस्ट आया। जिस तरह मेरे अनुमान से बहुत बड़ी गिरावट हुई थी। उसी तरह अचानक तूफानी रिकवरी हुई। अमेरिका में ब्याज दरें फिलहाल नहीं बढ़ेंगी, इस खबर ने बाजार का रुख बदल दिया। 18 सितंबर को एबीसी कंपनी में भी मजबूता दिखी। वो 865 के ऊपर पहुंच गया। लेकिन 19 सितंबर को यानी मेरी खरीद के ठीक एक हफ्ते बाद तो गजब हा हो गया। मूडी ने टाटा ग्रुप की कंपनियों की रेटिंग अपग्रेड कर दी। ये खबर आने के बाद एबीसी कंपनी में ब्रेक आउट हो गया। एक दिन में 15 फीसदी से ज्यादा की बढ़त दर्ज की गई। यह 876.05 रुपए पर खुला और 138 रुपए की जबरदस्त छलांग लगाते हुए 1014 तक पहुंच गया। मेरा ट्रेडिंग अकाउंट कुछ हा घंटों में रेड से ग्रीन नजर आने लगा। मैंने राहत की सांस ली। लेकिन मेरे लिए यह खुशी का नहीं सबक लेने का मौका था।
मैंने दो गलतियां कीं- वक्त पर स्टॉप लॉस(Stop Loss) नहीं लगाया और दूसरा रिर्जव कैपिटल नहीं बचाया। आप ये गलतियां मत कीजिएगा। यह तो संयोग था कि दो दिन में शेयर ने यू टर्न ले लिया, वरना 15 फीसदी बढ़त दर्ज करने में महीनों लगते हैं।How to aware and loss from Investment in Stock Market and Basic Fundamentals of Share Market, Stock Market & Investment,Stock Market & Investment in Hindi, Share Market Guide (Hindi) Books Paperback Online, Best Hindi Guide/Book On Indian Stock Market
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