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कहीं मुहर तो नहीं लग गई हाथ: नोएडा: नकली सिक्कों की खेप मिलने के बाद पुलिस इस एंगल से भी जांच कर रही है कि कहीं सिक्के छापने वाली मुहर या मशीन तो किसी जालसाज के हाथ नहीं लग गई है या जालसाज मिलती-जुलती मुहर बनाकर इसे अंजाम दे रहे हैं। नोएडा के सेक्टर-1 में ही रिजर्व बैंक की टकसाल है। वहीं, पुलिस को दिल्ली में इस बड़े रैकेट के तार जुड़ते दिखाई दे रहे हैं। पुलिस के अनुसार ओमप्रकाश तो इस कड़ी का सबसे आखिरी मोहरा है। गिरोह के बड़े सरगना कोई और हैं। यदि सप्लायर श्रीरामलाल हाथ लगता तो उसके आगे की कड़ी सामने आ सकती थी। 
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कैसे रखे ध्यान (Be Careful and Aware)
  • असली सिक्के के किनारों पर फूल-पत्ती बनी होती है, जबकि नकली सिक्कों में यह नदारद है।
  • असली सिक्कों की तुलना में नकली सिक्कों की गुणवत्ता और छपाई की फिनिशिंग अच्छी नहीं है।
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एक थैली में करीब 95 सिक्के होते थे और पांच सौ रुपये में थैली दी जाती थी। यहां से भी करीब 25 रुपये कमीशन के मिल जाते थे। सिक्के सब्जी मंडी और छोटे बाजारों में सप्लाई किए गए हैं। नोएडा में पहली बार नकली सिक्के पकड़े गए हैं।
 
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