Menu

How to Invest in Stocks - Stock Investors tips
आप ये भी जान सकते हो की सफल ट्रेडिंग के लिए किस तरह होमवर्क करना चाहिए। किस तरह सेक्टरों और शेयरों का चुनाव करना चाहिए। किस तरह सूचनाएं और आंकड़े एकत्र करना चाहिए।

दरअसल शेयर बाजार का पूरा खेल सूचनाओं की व्याख्या पर ही टिका है। किसी भी स्टॉक में किसी भी वक्त दो तरह के ट्रेडर होते हैं- लॉन्ग और शॉर्ट। बुल और बियर--यानी खरीदने वाले और बेचने वाले। अक्सर देखा जाता है कि एक ही परिस्थिति में दोनों बिलकुल विपरीत तरीके से ट्रेड करते हैं। बाजी वही मारता है जिसके पास सूचनाएं सबसे पहले पहुंचती हैं और जो उनका दूरदृष्टि के साथ आकलन करता है।

ध्यान रखने योग्य खास बातें (Investors Attention Please)
शेयर बाजार पर सूचनाओं के असर का एक उदाहरण। पिछले महीने मैं इप्का लैब के शेयर को ट्रैक कर रही थी। 8 अगस्त को अचानक इप्का का शेयर करीब 10 फीसदी नीचे गिर गया। मैं चौंक गई। फिर पता चला कि अमेरिका के फूड एंड ड्रग्स एडमिनिस्ट्रेशन यानी यूएसएफडीए की जांच में इप्का लैब के रतलाम प्लांट में नियमों के कथित उल्लंघन की बात सामने आई। इप्का लैब की कुल बिक्री में अमेरिकी बाजार को किए जाने वाले निर्यात की मात्रा काफी अहम है इसलिए इस खबर ने इप्का के शेयर पर गहरी चोट की। आगे की कहानी इससे ज्यादा दिलचस्प है। इप्का का शेयर जो 8 अगस्त को 650 रुपए तक गिर गया था, वह 5 सितंबर को 800 के पार चला गया। यानी एक महीने से कम समय में वह शेयर 20 फीसदी से ज्यादा चढ़ गया। एक नकारात्मक खबर से वह टूटा जरूर लेकिन उसके शेयरधारकों ने कंपनी पर भरोसा बनाए रखा। इसलिए शेयर ने बड़ी तेजी से बाउंस बैक किया।

अब जरा सोचिए कि जिन लोगों ने इस खबर के आधार पर इप्का को 650 के आसपास शॉर्ट किया होगा, उनका क्या हर्श होगा, क्योंकि उसी दिन इप्का ने करीब दस फीसदी गिरने के बाद लगभग पांच फीसदी रिकवरी कर ली थी। कहने का तात्पर्य यह है कि एक ही खबर की व्याख्या अलग-अलग तरह से की जाती है। 650 रुपए का भाव इप्का के लिए एक तरह से तात्कालिक बॉटम साबित हुआ, जहां से उसने जबरदस्त जंप लगाई। जिस ट्रेडर ने उस दिन के निगेटिव सेंटिमेंट का छिपा हुआ पॉजिटिव एंगल पकड़ा, वह आज अपने पोर्टफोलियो में मोटी कमाई देखकर मुस्करा रहा होगा।


उल्टा पड़ सकता है दांव (Reverse Trading Impact): आगे बढ़ने से पहले नए खुदरा निवेशकों के लिए एक जरूरी बात। अगर आप किसी शेयर के बारे में अच्छी तरह वाकिफ नहीं हैं, तो महज एक सूचना के आधार पर ट्रेड नहीं करें, क्योंकि ऐसे में दांव उल्टा पड़ने की आशंका काफी ज्यादा होती है। अक्सर नए ट्रेडर इस तरह के लालच में पड़कर अपना भारी नुकसान करवा लेते हैं। उन्हें लगता है कि अगर नकारात्मक खबर है तो शेयर खूब गिरेगा, इसीलिए वे बिना सोचे समझे शॉर्ट कर देते हैं। लेकिन शेयर वहां से पलट जाता है और वे फंस जाते हैं। इसी तरह कभी उन्हें लगता है कि कोई गुड न्यूज किसी शेयर को आसमानी बुलंदियों तक पहुंचा देगी। इसी उम्मीद में वे अच्छे खासे बढ़े हुए शेयर को खरीद लेते हैं, लेकिन वह शेयर शिखर बनाने के बाद लुढ़क जाता है। दोनों ही सूरत में ट्रेडर के फंसने की आशंका रहती है। कई बार ऐसा भी होता है कि अगर कोई शेयर पांच फीसदी गिर गया तो नए अनुभवहीन ट्रेडर ये सोच कर उसे खरीदने लगते हैं कि अब ये और नहीं गिरेगा, लेकिन एक-डेढ़ फीसदी की रिकवरी के बाद वे फिर से पांच-सात फीसदी फिसल जाता है।


इसलिए नए रिटेल ट्रेडर्स के लिए हमारा सुझाव है कि वे उन्हीं शेयर में सूचना के आधार पर ट्रेडिंग का मंसूबा बनाएं जिनके भाव के उतार-चढ़ाव की उन्हें पुख्ता जानकारी हो, किसी अनजान शेयर में यों ही किसी के कहने से मत कूदिए।

खुदरा निवेशकों को सूचना देर से (Retailers Investors Got Late News):एक और महत्वपूर्ण बात हमेशा याद रखिए कि अगर आप आम खुदरा ट्रेडर हैं तो आप सूचना तंत्र के सबसे निचले पायदान पर हैं। जिस सूचना के आधार पर आप ट्रेड करने के लिए लपकते हैं, ज्यादातर मामलों में वह सूचना सार्वजनिक हो चुकी होती है। इंटरनेट और टीवी के इस युग में किसी खबर को वायरल में होने में वक्त ही कितना लगता है। तो जरा सोचिए कि जिस सूचना को ट्रंप कार्ड समझ कर आप बाजी खेलने जा रहे हैं, वह आपसे पहले कितने लोगों की निगाहों से गुजर चुकी होगी। क्या वे हाथ पर हाथ रखे बैठे होंगे? नहीं। दरअसल छोटे निवेशकों और ट्रेडर्स तक जब शेयर बाजार की कोई खबर पहुंचती है, उससे पहले ही बड़े खिलाड़ी उसका दोहन कर लेते हैं। इन बड़े खिलाड़ियों में एफआईआई, डीआईआई, म्यूचुअल फंड से लेकर एचएनआई तक शामिल हैं। ये बिसात बिछा देते हैं और उसमें मोहरों के रूप में छोटे ट्रेडर फंस जाते हैं। अगर किसी शेयर में कोई निगेटिव न्यूज आई तो कई मामलों में ये बड़े खिलाड़ी पहले ही इतना शॉर्ट कर देते हैं कि शेयर ओवरसोल्ड हो जाता है। ओवरसोल्ड का मतलब है, काफी ज्यादा बिकवाली होना। ओवरसोल्ड की अवस्था के बाद अक्सर शेयर में खरीद शुरू हो जाती है। खुदरा निवेशक जब तक शॉर्ट करने पहुंचते हैं, तब तक शेयर बाय (खरीद) जोन में पहुंच जाता है, लेकिन वे इसे भांप नहीं पाते हैं और ट्रैप हो जाते हैं। कई बार तो ऐसा भी होता है कि खबर निगेटिव होती है, लेकिन कोई शेयर गिरने के बजाए चढ़ जाता है। इसलिए किसी शेयर में सूचना के आधार पर ट्रेडिंग करते समय फूंक-फूंक कर कदम रखिए क्योंकि बहुत कठिन है डगर प्रॉफिट की।

1. खबरों के आधार पर बदलता है शेयर बाजार का रुख
2. एक निगेटव खबर से लुढ़क सकता है शेयर बाजार
3. खबरों के आधार पर दिन में 10 फीसदी का उतार-चढ़ाव संभव
4. खबरों के विश्लेषण में जल्दबाजी नहीं करें, बारीकी से अध्ययन करें
5. निगेटिव खबर शेयर के गिरने की गारंटी नहीं, 6. गुड न्यूज से शेयर चढ़े-ये भी जरूरी नहीं 7. खुदरा निवेशकों तक देर से पहुंचती हैं खबरें, तब तक थोक निवेशक उठा लेते हैं फायदा 8. अनजान शेयरों में सिर्फ खबर के आधार पर ट्रेडिंग सही नहीं, ठीक से परख लें
 
पाठको को सलाह दी जाती है शेयर मार्किट में व्यापक व गहन विचार करने के बाद ही निवेश करना चाहिए केवल इस पोस्ट को पढने से ही आप निवेश नही कर सकते इसलिए सोच विचार कर ही निवेश करे हमारा उद्देश्य केवल जानकारी देना है की बेसिक स्टॉक मार्किट में क्या होता है इसलिए प्रॉफिट लोस के आप स्वयं जिम्मेदार होंग
NASDAQ Stock Market - Stock Quotes - Stock Exchange, Stock Market Data - Dow Jones, Nasdaq, S&P 500, Stock Quotes, Get Stock Market Quotes, Share Price Quotes, A beginners guide to investing on the stock market, Understanding, Buying and Selling Stocks, Stock Trading For Beginners | A Rookie's Guide, Stock Investing At Lower Risk: A Guide For Beginners, Stock Trading Guide | How To Trade Shares | Stock Market, Education Guides - Free Stock Market Investment Guides

1 comments:

  1. Very informative post. Thanks for sharing such a useful information with us. For more such information & for free nifty future tips, visit - Nifty Future Tips On Mobile

    ReplyDelete

 
Top