Menu

Top Tips for Hair Loss Prevention/How to Stop Hair Fall
आज के युग में युवाओं में सबसे ज्यादा समस्या बालों का झड़ना है। 20 से 29 की उम्र में ही पुरुषों के बाल झड़ने शुरू हो जाते हैं। बालों का झड़ना  इस तरह की दिक्कतें अनुवांशिक भी होती हैं, लेकिन युवाओं की लाइफ स्टाइल में स्ट्रेस, स्मोकिंग और हार्मोंस की समस्याएं 20 की उम्र के बाद अक्सर शुरू हो जाती हैं। इस वजह से 20 से लकर 40 की उम्र तक लोगों में बाल्डनेस के लक्षण दिखने लगते हैं। कई लोग तो 40 की उम्र तक पूरी तरह गंजे हो जाते हैं। गंजापन सिर्फ पुरुषों में ही नहीं, बल्कि महिलाओं में भी आता है। शरीर में एंड्रोजेन की मात्रा बढ़ जाने से गंजेपन की समस्या देखने को मिल सकता है। हाइपरथायरॉयड (Hyperthyroid) व हाइपोथॉयरॉयड की स्थिति में भी गंजापन हो सकता है।

गंजापन क्या होता है ?  (What is Baldness?)
गंजेपन की स्थिति में सिर के बाल बहुत कम रह जाते हैं। गंजापन की मात्रा कम या अधिक हो सकती है। गंजापन को एलोपेसिया भी कहते हैं। जब असामान्य रूप से बहुत तेजी से बाल झड़ने लगते हैं तो नये बाल उतनी तेजी से नहीं उग पाते या फिर वे पहले के बाल से अधिक पतले या कमजोर उगते हैं। इसके चलते बालों का कम होना या कम घना होना शुरू हो जाता है और ऐसी हालत में सचेत हो जाना चाहिए, क्योंकि यह स्थिति गंजेपन की ओर जाती है।

गंजापन के कारण (Causes  of Baldness)

अनुवांशिक: ज़्यादा युवाओं में गंजापन होने का एक मुख्य कारण अनुवांशिक ही होता है। ऐसे में इसका इलाज करना मुश्किल हो जाता है। इस वजह से 20 की उम्र के बाद बाल झड़ने शुरू हो जाते हैं।

गंभीर रूप से बीमार पड़ने या बुखार होने से: कई बार किसी बीमारी का असर भी बालों पर पड़ता है, बालों की जड़े कमज़ोर होने लगती हैं। फिर बालों का झड़ना और अंत में गंजापन आ जाना। सिर्फ यही नहीं, कभी-कभार दवाईयों के साइड-इफेक्ट्स से भी बाल तेजी से गिरने लग जाते हैं।

स्ट्रेस होन(Stress): ज्यादा स्ट्रेस होने से गंजापन की समस्या होती है। ट्रिचोलॉजिस्ट्स और हेयर एक्सपर्ट्स इस बात को मानते हैं कि तनाव एलोप्सिया एरिटा, टेलोजेन इफ्लुवियम और ट्रिचोटिलोमानिया को बढ़ावा देता है। ये बाल्डनेस यानी गंजेपन के मुख्य कारण हैं।

न्यूट्रिशन का सही न होना: बालों के झड़ने में डाइट का भी अहम रोल होता है। बॉडी में प्रोटीन, विटामिन और मिनरल्स की कमी होने पर बालों को सही से पोषण नहीं मिल पाता, जिससे बाल झड़ने लगते हैं। बैलेंस्ड और हेल्दी डाइट लेने पर बालों को पोषण मिलता है। हेल्दी फूड बॉडी के हार्मोंस जैसे डीएचटी को बैलेंस रखता है। बॉडी में डीएचटी हार्मोंस की कमी होने पर बालों का झड़ना शुरू हो जाता है।

स्मोकिंग करना: बॉडी को हेल्दी और फिट बनाए रखने के लिए रक्त में भरपूर ऑक्सीज़न, फूड और न्यूट्रिशन की ज़रूरत होती है। तभी बालों को भरपूर पोषण मिलता है। बालों को हेल्दी बनाए रखने के लिए मिनरल्स की भी ज़रूरत होती है। स्मोकिंग करने से ब्लड में ऑक्सीजन का लेवल कम हो जाता है और जो आप कार्बन-मोनोआक्साइड लेते हैं, उससे बालों को नुकसान पहुंचता है। दरअसल, तम्बाकू पीने से ब्लड सर्कुलेशन कम हो जाता है, जिससे बालों पर असर दिखने लगता है। बालों को सबसे ज़्यादा आपका लाइफस्टाइल प्रभावित करता है। आजकल कम नींद आना, स्ट्रेस होना जैसी दिक्कतें लाइफ में जल्दी शुरू हो जाती हैं। इससे भी बाल 20 की उम्र के बाद झड़ने शुरू हो जाते हैं।

समय से पहले झड़ते बालों के लिए क्या करें (What Should You do if Hair Fall)
सबसे पहले अपनी डाइट में विटामिन्स, प्रोटीन और बी3,बी5,बी9 (B3, B5, B9) और विटामिन ई (Vitamin E) की मात्रा को ज़्यादा रखें।

खाने में मिनरल्स (Minerals) जैसे जिंक, आयरन (Zinc Iron) और मैग्नीशियम (Magnesium) को लेना शुरू करें। यह आपकी हेल्थ (Healht) ही नहीं, बल्कि झड़ते बालों की रोकथाम के लिए ज़रूरी है।

लेट से सोना और कम सोने जैसी आदतों में थोड़ा बदलाव करें। कम से कम 7 से 8 घंटे की अच्छी नींद लें और दिन में खूब पानी पीने की आदत डालें।

दूध, बादाम, पालक, ऑरेंज़, हरी गोभी,  गेहूं, फिश, सोयाबीन्स, अंडा, दही, हरी सब्जियां और मल्टी विटामिन वाली चीजें खाया करें। आपकी डाइट बैलेंस (Diet Balance) होने से आपके बाल भी हेल्दी रहेंगे।

हार्मोंस (Harmon’s) को सही रखने के लिए ग्रीन टी भी फायदेमंद होती है। इसलिए दिन में कम से कम दो बार ग्रीन टी पिया करें।

जरूरी: महिलाओं में, सिर के आगे के भाग को छोड़कर पूरे हिस्से के बाल झड़ने लगते हैं। मई, 2009 में जापान में हुए एक शोध से ज्ञात हुआ है, कि मानवों में बाल झड़ने के लिए एक एसओएक्स 21 नामक जीन उत्तरदायी होता है।

हेयर ट्रीटमेंट्स: (How to do Treatment of Hair Fall)

हेयर ट्रांसप्लांटेशन (Hair Transplantation) :  इसके तहत सिर के उन हिस्सों, जहां बाल अब भी सामान्य रूप से उग रहे होते हैं, वहां से केश-ग्रंथियां लेकर उन्हें गंजेपन से प्रभावित हिस्सों में ट्रांसप्लांट किया जाता है। इसमें त्वचा संबंधी संक्रमण का खतरा बहुत कम होता है और उन हिस्सों में कोई नुकसान होने की संभावना कम होती है जहां से केश-ग्रंथियां ली जाती हैं।

दवाओं के इस्तेमाल से (Treatment of Medicines):  माइनोक्सिडिल दवा (Minoxidil Topical) का इस्तेमाल कम बाल वाले हिस्सों पर रोज करने से बाल गिरना रुक जाता है और नए बाल उगने लगते हैं। यह दवा रक्तवाहिनियों को सशक्त बनाती है जिससे प्रभावित हिस्सों में रक्तसंचार और हार्मोन की आपूर्ति बढ़ जाती है और बाल गिरने बंद हो जाते हैं। एक और फाइनस्टराइड (FINASTERIDE HAIR GROWTH) नामक दवा की एक टेबलेट रोज लेने से बालों का गिरना रुक जाता है और कई मामलों में नए बाल भी उगने लगते हैं। ये दवाएं बालों का गिरना कम तो कर सकती हैं पर अधिकांश मामलों में देखा गया है कि दवाएं लेना बंद कर देने से नए उगे बाल दोबारा झड़ जाते हैं। इनसे सिर खुजलाने जैसे कुछ साइड इफेक्ट होना भी आम बात है। इनके अलावा, कोर्टिकोस्टराइड नामक एक इंजेक्शन भी है जो एलोपेसिया एरीटा के मामले में खोपड़ी की त्वचा में दी जाती है। यह उपचार आम तौर पर हर महीने दोहराया जाता है। कई बार डॉक्टर एलोपेसिया एरीटा के चलते अत्यधिक बाल गिरने पर कोर्टिकोस्टराइड (Corticosteroid) टेबलेट खाने की सलाह भी देते हैं।

सावधान- इनमें से किसी भी दवा या इंजेक्शन को लेने से पहले डॉक्टर से ज़रूर संपर्क करें।
Please note: Before Taking or Use of above Medicines Kindly take Suggestion form Doctor.

    
Hair loss Causes, prevention, treatments
कॉस्मेटिक उपचार (Cosmetic Treatment): सिंथेटिक हेयर(Synthetic Hair) - गंजेपन से प्रभावित हिस्से को ढंकने के लिए विशेष रूप से निर्मित बालों का प्रयोग किया जा सकता है। यहां ध्यान देने की बात यह है कि इन बालों के नीचे के स्कैल्प को नियमित रूप से धोते रहना जरूरी है,इसमें किसी किस्म की कोताही नहीं बरती जानी चाहिए। एक और तरीका है कृत्रिम बालों की बुनाई कराना, जिसके तहत मौजूदा बालों के साथ कृत्रिम केशों की बुनाई की जाती है।
  • तिल के तेल से बालों की मालिश करना बेहतर माना जाता है। तिल के तेल में थोड़ी-सी मात्रा में गाय का घी और अमरबेल चूर्ण मिलाकर रात को सोने से पहले लगा लिया जाए तो बाल चमकदार, खूबसूरत होने के साथ घने हो जाते हैं। यही फार्मूला गंजेपन को रोकने में मदद भी करता है।
  •  
  • गेंदे के फूलों का रस नारियल तेल के साथ मिलाकर उससे हल्की-हल्की मालिश करके नहा लिया जाए तो सिर में हुए किसी भी तरह के संक्रमण, फोड़े- फुंसियों में आराम मिल जाता है।
  •  
  • बहेड़ा के बीजों के चूर्ण को नारियल या जैतून के तेल में मिलाकर गुनगुना गर्म किया जाए और इस तेल को बालों पर लगाया जाए तो बाल चमकदार हो जाते हैं। बालों की जड़ें भी मजबूत हो जाती हैं। बालों की समस्याओं में हर्बल जानकारों के अनुसार त्रिफला का सेवन हितकर माना गया
  •  
  • आंवला के फलों का चूर्ण दही में मिलाकर हल्के-हल्के हाथों से सिर पर मालिश करें और 5 मिनट बाद गुनगुने पानी से बालों को साफ कर लें। कुछ दिनों तक ऐसा करने से बाल स्वस्थ हो जाते हैं और डेंड्रफ भी दूर हो जाता है।
  •  
  • कलौंजी को पीसकर पानी में मिला लें। इस पानी से बालों को कुछ दिनों तक धोने से बाल झडऩा बंद हो जाते हैं और घने होना शुरू हो जाते हैं।
  •  
  • बाल झड़ते हैं तो जैतून के तेल में एक चम्मच शहद और एक चम्मच दालचीनी पाउडर का पेस्ट बनाएं। नहाने से पहले इस पेस्ट को सिर पर लगा लें। 15 मिनट बाद बाल धोएं। ऐसा करने पर कुछ ही में दिनों बाल  झड़ने की समस्या दूर हो जाएगी।
  • लहसुन का खाने में अधिक प्रयोग करें। हरे धनिए का लेप करने से भी गंजापन खत्म हो जाता है।

0 comments:

Post a Comment

 
Top