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पश्चिम बंगाल के कुख्यात सारधा घोटाले में गिरफ्तारियों का सिलसिला लम्बे समय से चल रहा है। मंगलवार को सीबीआई ने एक पूर्व आईपीएस अधिकारी की गिरफ्तारी की, जो अब सत्ताधारी दल के नेता बन चुके हैं। हजारों करोड़ रुपए के सारधा चिट फंड घोटाले की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय ने बताया कि इस मामले में तकरीबन 1983 करोड़ रुपए की लॉन्ड्रिंग की गई। इस घोटाले में लाखों निवेशकों की पूंजी डूब गई और कइयों ने तो दुखी हो कर आत्महत्या तक कर ली। आज हम बता रहे हैं की आप कैसे बचाये इन कंपनियों से खुद को
नाम अलग-अलग, लेकिन काम एक (Work is same only Name Difference)

पश्चिम बंगाल समेत कई राज्यों में ऐसी बहुत सी कंपनियां लोगों का पैसा ले कर चंपत हो चुकी हैं और कानून उनको पकड़ने में नाकामयाब रहा है। दरअसल देश के हर हिस्से में पोंजी स्कीम चलाने वाली कंपनियों ने अपना जाल फैला लिया है। चाहे वह पश्चिम बंगाल हो या उड़ीसा, छत्तीसगढ़ हो या झारखंड, मध्य प्रदेश हो फिर उत्तर प्रदेश, हर जगह से इन कंपनियों के जड़ें फैलाने की खबरें आ रही हैं। दुखद यह है कि ये कंपनियां विभिन्न नियामक संस्थाओं और कानून के प्रहरियों के नाक के नीचे अपना कारोबार बढ़ा रही हैं। सारधा हो या फिर पीएसीएल- कंपनी का नाम कुछ भी हो, ठगा जाता है आम निवेशक।

क्या हैं ऐसी कंपनियों से बचने के उपाय (How to be Aware of Fraud Companies)

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) और सेबी(Stock Exchange Board of India SEBI) समय-समय पर निवेशकों को यह बताते रहते हैं कि किसी भी वित्तीय संस्था(Financial Institutions) या कंपनी (Company) में अपनी गाढ़ी कमाई लगाने से पहले उसकी जांच-पड़ताल अच्छे तरीके से कर लें।

अधिक रिटर्न के लालच से बचने की कोशिश करें। अगर कोई कंपनी फिक्स्ड डिपॉजिट पर चल रहे मौजूदा ब्याज के मुकाबले अधिक रिटर्न देने का वादा करे, तो यह आपके लिए खतरे की घंटी है।
Know Your Company where you are investing the Money
जिस कंपनी में आप निवेश कर रहे हैं, उससे यह जानने की कोशिश करें कि वे आपसे लिए जा रहे पैसे को कहां लगा रहे हैं। अगर आपका एजेंट आपको इस बात का कोई स्पष्ट जवाब नहीं दे पा रहा, तो यह आपके लिए खतरे की घंटी है।

किसी भी फाइनेंशियल प्रॉडक्ट में निवेश करने से पहले उसकी रेटिंग अवश्य देखें। ऐसी किसी भी कंपनी में अपने किसी परिचित या रिश्तेदार के कहने पर निवेश न करें। इसके लिए किसी प्रशिक्षित वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें।
How Chit Funds works and What are Chit Funds

कभी भी कैश में निवेश न करें। निवेश के लिए इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर या चेक का इस्तेमाल करें। इससे आपके निवेश का रिकॉर्ड तो आपके पास रहेगा ही, बाद में किसी दिक्कत की स्थिति में आपको मुआवजा मिलने की संभावना भी बची रहेगी।
कैसे काम करती हैं ये जालसाज कंपनियां

किसी शहर में कोई पोंजी स्कीम चलाने वाली कंपनी कोई आकर्षक नाम ले कर आती है। उसमें नौकरी के लिए स्थानीय अखबारों में विज्ञापन दिया जाता है। उस शहर के बेरोजगार नौजवान कभी अपनी मजबूरियों और कभी कमाई के लालच में इन कंपनियों के एजेंट बन जाते हैं। इन एजेंटों के स्थानीय होने की वजह से लोगों में इन कंपनियों की पहुंच बनने लगती है।

चूंकि एजेंट स्थानीय होते हैं, ऐसे में लोग भरोसा करके इनमें निवेश करने लगते हैं। चूंकि ये कंपनियां बैंकों द्वारा दिए जाने वाले रिटर्न के मुकाबले अधिक रिटर्न का लालच देती हैं, जिसकी वजह से लालच में आ कर निवेशक इनके जाल में फंस जाते हैं। कुछ समय तक ये कंपनियां तयशुदा रिटर्न देती रहती हैं, लेकिन बाद में लोगों को पैसे मिलने बंद हो जाते हैं।

रेगुलटर्स की नाक के नीचे चलता है सारा खेल
यह सारा काम स्थानीय प्रशासन और विभिन्न रेगुलेटर्स की नाक के नीचे चलता रहता है। चाहे वह निवेशक हो या फिर प्रशासन, लोगों की नींद तब तक नहीं खुलती, जब तक ये कंपनियां निवेशकों को लाखों करोड़ों का चूना लगा कर चम्पत नहीं हो जातीं। इन कंपनियों के जाने के बाद स्थानीय प्रशासन लकीर पीटता रहता है और निवेशक उस घड़ी को कोसते हैं, जब वे इस कंपनी के चंगुल में फंस गए थे।

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