अवैध धन को वैध बनाने के कार्य में लिप्त होने का था संदेह
मनीलांड्रिंग के खिलाफ कार्रवाई करते हुए रिजर्व बैंक ने छह शहरी सहकारी बैंक (यूसीबी) को बंद कर दिया है। इन सहकारी बैंकों पर संदेह था कि इनका उपयोग अवैध धन को वैध बनाने (मनी लांड्रिंग) में किया जा रहा है। वित्त मंत्री की अध्यक्षता वाली आर्थिक खुफिया परिषद (ईआईसी) की हाल में हुई बैठक में यूसीबी के दुरुपयोग के मामले पर चर्चा हुई थी। यूसीबी पर केंद्र तथा राज्य सरकारों का दोहरा नियंत्रण होता है। बैठक के ब्योरे के अनुसार शहरी सहकारी बैंकों का निरीक्षण सालाना या दो साल में एक बार होता है, जो उनकी रेटिंग या वर्गीकरण पर निर्भर करता है। इन शहरी सहकारी बैंकों में से करीब 70 प्रतिशत का निरीक्षण हर साल होता है। रिजर्व बैंक ने मामले में आक्रामक तरीके से कदम उठाया और करीब छह यूसीबी को बंद किया गया, क्योंकि उन्हें अव्यवहारिक पाया गया गया था। बैठक में मौजूद सूत्रों के अनुसार यह पाया गया कि इन बैंकों का नियामकीय मुद्दों के पालन को लेकर रुख नरम है और इनका उपयोग किया जा रहा है। सूत्रों ने कहा कि रिजर्व बैंक ने मामले को राज्य सरकारों के समक्ष उठाया और गड़बड़ी करने वाले यूसीबी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की सलाह दी। हालांकि इन बैंकों के नामों का खुलासा नहीं किया गया।
जोखिम वर्गीकरण तथा उनके सभी मौजूदा ग्राहकों के प्रोफाइल का संकलन या अद्यतन के मुद्दे पर शीर्ष बैंक ने उनके क्षेत्रीय अधिकारियों को यूसीबी से अनुपालन रिपोर्ट प्राप्त करने तथा उसे जमा करने को कहा। इसकी समीक्षा की जाएगी और जरूरी कदम उठाए जाएंगे।
जोखिम वर्गीकरण तथा उनके सभी मौजूदा ग्राहकों के प्रोफाइल का संकलन या अद्यतन के मुद्दे पर शीर्ष बैंक ने उनके क्षेत्रीय अधिकारियों को यूसीबी से अनुपालन रिपोर्ट प्राप्त करने तथा उसे जमा करने को कहा। इसकी समीक्षा की जाएगी और जरूरी कदम उठाए जाएंगे।
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