Menu

कनाडा के विक्टोरिया प्रांत की एन ने ऐसी फ्लैश लाइट बनाई है, जो शरीर के तापमान पर निर्भर है। ऊर्जा के लिए उसे बाहरी स्रोत की जरूरत नहीं पड़ती है। विज्ञान की भाषा में इसे बॉडी हीट पावर्ड हेडलैम्प कहते हैं। इस क्रांतिकारी आविष्कार के लिए एन को प्रांत स्तरीय साइंस फेयर में दूसरा पुरस्कार मिला। गूगल के साइंस फेयर में समान उम्र की श्रेणी में उन्हें विजेता घोषित किया गया।
Body-heat powered flashlight takes teen t


एन का यह प्रोजेक्ट उनकी सादगी और प्रतिभा के लिए उल्लेखनीय है। वे कहती हैं- यह संभव नहीं कि जब हमें रोशनी की जरूरत हो, तब हमारे आसपास बैट्री, सौर ऊर्जा या पवन ऊर्जा के संसाधन मौजूद हों। इसी विचार के साथ इस उपकरण का आविष्कार हुआ। यह फ्लैश लाइट हथेली पर रखते ही जल उठती है। एन ने यह आविष्कार थर्मो-इलेक्ट्रिक तकनीक और पेल्टायर टाइल्स से किया है। इसके पहले कभी भी किसी ने इस तरह की तकनीक का इस्तेमाल फ्लैश लाइट बनाने में नहीं किया था। फिलिपींस मूल की एन को इसे बनाने का विचार तब आया, जब वह फिलिपींस में अपने एक ऐसे मित्र से बात कर रही थी, जिसके घर में बिजली नहीं थी। इस कारण वह होमवर्क नहीं कर पाता था और स्कूल में उसे डांट पड़ती थी। वहीं एन ने इस तरह का उपकरण बनाने की ठान ली थी और आज हर जगह वह चर्चित है।
 
Top