साइंस जैसे विषय की पढ़ाई हिंदी मीडियम से करने से किस तरह का कॅरियर निर्माण किया जा सकता है?
यदि आप साइंस विषय की पढ़ाई हिंदी माध्यम से करते हैं, तो बाद में कई तरह की परेशानियों का सामना आपको करना पड़ सकता है। लगभग सभी बड़े विश्वविद्यालयों में अंग्रेजी मीडियम से ही पढ़ाई होती है। खासकर विश्वविद्यालयों में हिंदी माध्यम से पीएचडी की सुविधा भी नहीं है। अधिकांश किताबें भी हिंदी में न होकर अंग्रेजी में ही हैं। इसलिए बेहतर यही होगा कि आप अंग्रेजी माध्यम से ही साइंस की पढ़ाई करें। इससे बाद में जॉब में भी दिक्कत नहीं होगी।
यदि आप साइंस विषय की पढ़ाई हिंदी माध्यम से करते हैं, तो बाद में कई तरह की परेशानियों का सामना आपको करना पड़ सकता है। लगभग सभी बड़े विश्वविद्यालयों में अंग्रेजी मीडियम से ही पढ़ाई होती है। खासकर विश्वविद्यालयों में हिंदी माध्यम से पीएचडी की सुविधा भी नहीं है। अधिकांश किताबें भी हिंदी में न होकर अंग्रेजी में ही हैं। इसलिए बेहतर यही होगा कि आप अंग्रेजी माध्यम से ही साइंस की पढ़ाई करें। इससे बाद में जॉब में भी दिक्कत नहीं होगी।
विदेशी भाषा सीखने का सबसे अच्छा तरीका क्या हो सकता है?
किसी भी विदेशी भाषा को जल्दी सीखने की आपकी इच्छा हो, तो आपको संबंधित देश के दूतावास से इस बाबत सलाह लेनी चाहिए। उनके द्वारा उपलब्ध क्लासेज में दाखिला लेने के बारे में विचार करना चाहिए। इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि अमूमन संबंधित भाषा में ही वहां शिक्षा दी जाती है और हिंदी अथवा अंग्रेजी में बातचीत का कोई स्कोप ही नहीं बचता।
मैथ्स में यदि आप कमजोर हैं तो क्या करना होगा?
मैथ्स के बिना अधिकांश एंट्रेंस एग्जाम्स को क्लियर कर पाना आसान नहीं है। अगर इस विषय में आपकी रुचि जग जाए, तो इससे आसान विषय कोई नहीं है। इस विषय में शत-प्रतिशत स्कोरिंग संभव है। इसलिए इस विषय पर अपनी पकड़ मजबूत बनाने के लिए तीसरी-चौथी कक्षा की पुस्तकों से ही अध्ययन शुरू करना चाहिए और 12वीं तक इसे पूरा करना चाहिए। इसमें वक्त लगेगा, पर यदि आप गणित विषय से ही कॅरियर बनाना चाहते हैं, तो ऐसा करना ही आपके लिए फायदेमंद रहेगा।
बहुत से लोग अच्छी खाशी क्वालिफिकेशन के बाद भी जॉबलेस होते हैं ऐसे में क्या करना चाहिए?
ज्यादा समय की बेरोजगारी से सेल्फ कॉन्फिडेंस में कमी आने लगती है। इसलिए हमारी पहली सलाह तो यही है कि आप फिलहाल जो भी जॉब मिले, तुरंत हासिल कर लें। इसी बीच कॉरेस्पॉडेंस या पार्ट टाइम की कोई सामयिक ट्रेनिंग या कोर्स करें और कोई अच्छा जॉब पाने की कोशिश करें।