Full video image White tiger kills mentally unstable man in Delhi zoo, latest news secret in hindi delhi zoo accident,
दिल्ली चिड़िया घर में सफेद बाघ द्वारा 23 वर्षीय युवक की हत्या के मामले में एक नया खुलासा हुआ है। यह खुलासा फिलहाल सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है।
इस नए खुलासे में दावा किया गया है कि दिल्लीा के चिड़ियाघर में बाघ असल में 23 वर्षीय मकसूद की हत्या नहीं करना चाहता था बल्कि, वह भीड़ से उसे बचाना चाहता था।
इसके पक्ष में तर्क दिया गया है कि यह बात दिल्ली के चिड़ियाघर द्वारा पेश फोरेंसिक रिपोर्ट में भी साबित होती है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि गर्दन को छोड़कर मकसूद के शरीर पर बाघ के हमले के और कोई निशान नही मिले हैं।
असल में विजय नाम का यह बाघ मकसूद के साथ खेल रहा था। लेकिन इसी दौरान भीड़ ने बाघ की ओर ईंट-पत्थमर फेंकना शुरू कर दिया।
भीड़ के इस व्यवहार ने बाघ को सतर्क कर दिया और उसने भीड़ के हमले से मकसूद को बचाने के लिए उसे सुरक्षित स्थामन पर ले जाने की कोशिश की।
इस कोशिश में उसने मकसूद को गर्दन से पकड़ कर खींचा और एक एकांत जगह पर ले जाकर पटक दिया। बचाव की इस कोशिश में ही मकसूद की गर्दन पर उसका पंजा कुछ ज्यादा गहरा धंस गया और उसके गले से खून बहने लगा।
मकसूद के शरीर से ज्यादा खून बह जाने की वजह से ही उसकी मौत हो गई। हालांकि इस बारे में यह बात भी सामने आई थी कि विजय असल में मकसूद के साथ खेल रहा था।
जैसे ही भीड़ ने उसपर हमला किया बाघ वहां से जाने लगा और अपने साथ खेल रहे व्यक्ति को भी उसने साथ ले जाने की कोशिश की। इसी कोशिश में मकसूद की जान चली गई।
गौरतलब है कि दिल्ली के चिड़िया घर में 23 सितंबर को 23 वर्षीय मकसूद की मौत हो गई थी। असल में मकसूद बाघ को नजदीक से देखने के चक्कर में उसके बाड़े में गिर गया जिसके बाद बाघ द्वारा उसे गले से पकड़ कर खींचने की वजह से उसकी मौके पर ही मौत हो गई थी।
इस नए खुलासे में दावा किया गया है कि दिल्लीा के चिड़ियाघर में बाघ असल में 23 वर्षीय मकसूद की हत्या नहीं करना चाहता था बल्कि, वह भीड़ से उसे बचाना चाहता था।
इसके पक्ष में तर्क दिया गया है कि यह बात दिल्ली के चिड़ियाघर द्वारा पेश फोरेंसिक रिपोर्ट में भी साबित होती है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि गर्दन को छोड़कर मकसूद के शरीर पर बाघ के हमले के और कोई निशान नही मिले हैं।
असल में विजय नाम का यह बाघ मकसूद के साथ खेल रहा था। लेकिन इसी दौरान भीड़ ने बाघ की ओर ईंट-पत्थमर फेंकना शुरू कर दिया।
भीड़ के इस व्यवहार ने बाघ को सतर्क कर दिया और उसने भीड़ के हमले से मकसूद को बचाने के लिए उसे सुरक्षित स्थामन पर ले जाने की कोशिश की।
इस कोशिश में उसने मकसूद को गर्दन से पकड़ कर खींचा और एक एकांत जगह पर ले जाकर पटक दिया। बचाव की इस कोशिश में ही मकसूद की गर्दन पर उसका पंजा कुछ ज्यादा गहरा धंस गया और उसके गले से खून बहने लगा।
मकसूद के शरीर से ज्यादा खून बह जाने की वजह से ही उसकी मौत हो गई। हालांकि इस बारे में यह बात भी सामने आई थी कि विजय असल में मकसूद के साथ खेल रहा था।
जैसे ही भीड़ ने उसपर हमला किया बाघ वहां से जाने लगा और अपने साथ खेल रहे व्यक्ति को भी उसने साथ ले जाने की कोशिश की। इसी कोशिश में मकसूद की जान चली गई।
गौरतलब है कि दिल्ली के चिड़िया घर में 23 सितंबर को 23 वर्षीय मकसूद की मौत हो गई थी। असल में मकसूद बाघ को नजदीक से देखने के चक्कर में उसके बाड़े में गिर गया जिसके बाद बाघ द्वारा उसे गले से पकड़ कर खींचने की वजह से उसकी मौके पर ही मौत हो गई थी।