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Beginner's guide to managing your money

निवेश करने को हर कोई कहीं न कहीं करता है किसी की राय से फिर कंसलटेंट की सलहा से लेकिन क्यों आप भी अच्छे निवेश व गुड रिटर्न निवेश के जानकार बने जिससे की आप भी एक्सपर्ट न सही लेकिन एक अच्छे इनवेटर बन सके। लेकिन यहाँ पर हम बतला रहे हैं की आपको किस तरह की जानकारी इकट्ठी करना जरूरी होता है। ज्यादा जानकारी जुटाने व एनालिसिस करना काफी वक्त व गहन जांच का विषय होता है इसलिए हम आपको बेसिक नियम बता रहें जिससे आपको आपके रेट ऑफ़ रिटर्न (Rate of Return)  के बारे में आसानी से गणना कर कर सकते हैं।

कैसे जाने की आपका पैसा कितने साल में दुगुना होगा व क्या रेट ऑफ़ रिटर्न मिलेगा: आपको बहुत से एजेंट मिल जाएंगे, जो कहते हैं की उनकी स्कीम में 10 साल में निवेश दोगुना हो जाएगा। इन वादों में कितनी सच्चाई है जानने के लिए आप 72 का नियम। इसका इस्तेमाल कर बहुत आसानी से कर सकते हो मान लीजिये की कोई आपके 1000 रूपये को दस साल में दुगुना करने की बात करता है तो  आपको साधारण सा फण्डा इस्तेमाल करना है आपको 72 को 10 से भाग(Divide) इसका मतलब 72/10= 7.2% के रेट से आपको ब्याज प्रति वर्ष मिलेगा तभी आपका निवेश किया हुआ पैसा 10 साल में दुगना होगा।

इक्विटी में कितना निवेश करना ठीक रहता है  (How Much Money We can invest in Equity): पोर्टफोलियो  में इक्विटी का हिस्सा कितना होना चाहिए यह प्रत्येक इन्वेस्टर के चुनौती होती है इसलिए हम बतला रहें आपको आसान नियम है इसमें 100 को आधार मानकर इसके इन्वेस्ट का प्रतिशत निकला जाता है। जैसे की आपकी  उम्र 30 साल है तो इक्विटी में 100-30=70 फीसदी निवेश करें। ये नियम बहुत से इन्वेस्टर अपनाते हैं लेकिन, इस नियम को आंखें बंद करके इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है। क्योंकि इस नियम को लॉन्ग टर्म या लम्बी अवधि के लिए किया जाता, यदि आपको मध्यम अवधि में आपको पैसों की जरूरत हो तो आपको इक्विटी के बजाय फिक्स्ड डिपॉजिट(Fixed Deposit) में ज्यादा निवेश करना चाहिए।

मासिक वेतन में से कितनी बचत की जाए जिससे की संतुलित इन्वेस्ट भी होता रहे:मुख्यतः मासिक वेतन से मिलने वाले पैसे की 10 फीसदी के बराबर रकम को बचत के तौर पर अलग रखना चाहिए। यदि किसी महीने खर्च बढ़ने की वजह से बचत नहीं कर पाते हैं, तो औसत बनाये रखने के लिए आपको अगले महीने दोगुनी बचत करनी होगी। इसके अलावा बचत को सेविंग्स अकाउंट के बजाय स्वीप-अन-अकाउंट (Swipe On Account) में डालने से ज्यादा फायदा मिलेगा।

होम लोन आपको कितना लेना चाहिए ताकि आपको किसी तरह की कठिनाई न हो (What is the Ratio of Home Loans You Take): बैंक आपको उतना ही होम लोन देगा, जिसकी ईएमआई आपके मासिक वेतन के एक तिहाई से ज्यादा न हो। आप उतना ही कर्ज लें, ताकि कर्ज के भुगतान पर आपकी कमाई का एक तिहाई हिस्से से ज्यादा खर्च न हो। इसे डेट टू इनकम रेश्यो (Debt To Ratio) कहते हैं। डेट टू इनकम रेश्यो (Debt To Income Ratio) को जानने के लिए अपनी कुल ईएमआई को आय से विभाजित करें। जैसे की आपकी इनकम 10000रूपये प्रति महिना है और अपने 50 इएमआई (EMI) तो आपको 10000/50=2000रूपये आपकी डेट रेश्यो 2000 रूपये हुई।

आपातकाल के लिए कितनी नकदी रखी जाए (Emergency Reserve Cash): आपातकाल या इमरजेंसी फण्ड बहुत जरूरी होता है चाहे व आम आदमी हो या फिर बैंक इंस्टिट्यूट क्योंकि आपात स्तिथि कभी भी आ सकती है इसलिए ये नकदी प्राय सेविंग फण्ड में ही रखते हैं इस पूंजी का इस्तेमाल कार खरीदने, घर का रखरखाव, जैसे बातों के लिए खर्च नहीं किया जाना चाहिए। लेकिन हमे कितना फण्ड रिज़र्व में रखना चाहिए इसके लिए आपको 3-6 महीनों के मासिक खर्च के बराबर आपातकाल के लिए नकदी रखी जानी चाहिए। मान लीजिये आपका मासिक खर्च 1000 रूपये है तो आपको रिज़र्व फण्ड 3000 से 6000 रूपये रखना चाहिए।
आशा करते हैं की ये जानकारी आपके लिए बहुत फायदेमन्द होगी।
 
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