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आज हम बात करेंगे की क्या सचमुच ही टिप्स बेचने वालो के राय लेकर हम शेयर मार्किट से पैसा कमाया जा सकता है। हमारी राय के अनुसार बिलकुल भी नही, क्योंकि यदि टिप्स बेचने वालो के पास शेयर मार्किट की इतनी नॉलेज हैं तो वे खुद भी तो इन्वेस्ट कर सकते हैं और करोड़ो रूपये कमा सकते हैं लेकिन आपसे इसके बदले पैसे लेने व आपकी खातिरदारी करने की क्या जरूरत है हाँ, कई बार लॉन्ग टर्म के हिस्साब से हो सकता है की उनकी राय कुछ सटीक हो लेकिन इंट्राडे डे में तो बिलकुल भी ट्रेड नही करना चाहिए इनकी राय लेकर। बहुत सी एजेंसियां इतने बड़े-बड़े दावे करती हैं ताकि भोला भाला रिटेल ट्रेडर लालच में आकर उनके झांसे में फंस जाए। वे अपने विज्ञापन में लिखती हैं कि उनकी स्ट्राइक रेट 80-90 फीसदी है। 90 फीसदी स्ट्राइक रेट का मतलब है कि अगर वे दस टिप्स देते हैं तो उनमें से 9 सही निकलते हैं, ऐसा दावा टिप्स एजेंसियां करती हैं। इसी दावे के दम पर ये एजेंसियां स्टॉक ट्रेडर्स से भारी भरकम फीस ले लेती है। लेकिन जब ट्रेडर उनकी टिप्स के आधार पर ट्रेडिंग शुरू करता है तो उसे लगता है कि वह ठगा गया, बहुत से टिप्स टारगेट के बदले स्टॉप लॉस के बिंदु पर खत्म होती है।
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नई इंट्री लेने वाले नौसिखिए ट्रेडर शेयर कारोबार में कहां पैसा लगाएं, कौन शेयर खरीदें, कौन बेचें, कब खरीदें, कब बेचें आदि जानकारी के लिए अक्सर ट्रेडिंग टिप्स देने वाली एजेंसियों की सेवा लेते हैं। आइए, शेयर मंत्रा की इस कड़ी में आज जानते हैं कि ट्रेडिंग टिप्स की सर्विस लेते समय हमें किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।

शेयर मार्केट में सफलता के ‘टिप्स’: शेयर ट्रेडिंग एक पेचीदा कारोबार है। आम तौर पर किसी भी कारोबार में ऐसे लोग शामिल होते हैं, जो उस पेशे के प्रोफेशनल होते हैं, लेकिन शेयर ट्रेडिंग का मामला थोड़ा अलग है। इस मार्केट में प्रोफेशनल ट्रेडर कम और पार्ट टाइम ट्रेडर ज्यादा होते हैं। पार्ट टाइम से मतलब ऐसे ट्रेडर्स से है जिनका मूल व्यवसाय शेयर ट्रेडिंग नहीं होता है। वे नौकरी या बिजनेस करते हैं, स्कूल-कॉलेज में पढ़ाते हैं या खेती या पशुपालन करते हैं, और साथ में शेयर बाजार में निवेश भी करते हैं ताकि वे अपनी गाढ़ी मेहनत से बचाई गई जमा पूंजी का अधिकतम लाभ उठा सकें। ऐसे लोग ट्रेडिंग शूरू तो कर देते हैं लेकिन उनके सामने दिक्कत होती है जानकारी की। दरअसल ट्रेडिंग मुख्यत: जानकारी का ही खेल है। कौन सा शेयर कब उठने वाला है, कब गिरने की आशंका है। किसमें एफआईआई की इनकमिंग हो रही है और कहां बड़े खिलाड़ियों ने अपना स्टेक हटाने का फैसला किया है। इन सूचनाओं के बिना कोई भी ट्रेडर सफल ट्रेडिंग नहीं कर सकता है। इतनी सारी जानकारी जुटाने के लिए काफी समय देना होता है। रिसर्च करना होता है। लेकिन पार्ट टाइम ट्रेडर्स समय और संसाधनों के अभाव में ऐसा नहीं कर पाते हैं। ऐसे में वे बाजार में मौजूद ट्रेडिंग टिप्स एजेंसियों के प्रति आकर्षित होते हैं।

हम आपको सलाह देते हैं की आप खुद के ज्ञान से व स्टॉक के गहराई में जायेंगे तो तो आप पैसा कमा सकते हो, यदि फिर भी आपको टिप्स लेनी ही है तो हम बतला रहे हैं की आपको किसी कम्पनी की सदस्यता लेनी हो तो किन बातो का ध्यान रखें।

स्ट्राइक रेट अच्छी तो ढिंढोरा क्यों: जरा सोचिए कि अगर किसी टिप्स एजेंसी की स्ट्राइक रेट सचमुच लगातार 90 फीसदी या उससे ऊपर है तो उसे टिप्स बेचने के लिए विज्ञापन देने की क्या जरूरत है, लोग तो लाइन में लग कर उसकी सदस्यता लेंगे। व्यावहारिक तौर पर देखा जाए तो अगर कोई ट्रेडर लगातार औसतन 65-70 फीसदी की स्ट्राइक रेट से चलता रहे तब भी वह अच्छी खासी कमाई कर सकता है। ऐसे में 90 फीसदी की निरंतर सफलता दर किसी भी टिप्स एजेंसी के लिए बहुत मुश्किल जान पड़ती है। इसलिए सलाह है कि आप टिप्स एजेंसी के विज्ञापन को देखकर लोभ में नहीं आएं। पहले अच्छी तरह जांच परख लें। शेयर बाजार के विशेषज्ञों और अनुभवी ट्रेडर्स से बात करें। इंटरनेट पर चेक करें और उस ट्रेडिंग टिप्स एजेंसी का ट्रैक रिकॉर्ड जरूर देखें कि उसकी कितनी टिप्स हिट रही और कितनी फ्लॉप।

कम से कम तीन महीने का ट्रैक देखें: बहुत सी एजेंसियां अपने पिछले परफॉर्मेंस का ब्यौरा ऑनलाइन उपलब्ध करवाती हैं। उन्हें जरूर देखें। कभी किसी एजेंसी के प्रदर्शन का आकलन उसके 2-3 टिप्स के आधार पर नहीं करें। कम से कम 3 महीने का डाटा जरूर देखें। इसके अलावा फ्री टायल के जरिए भी आप उस एजेंसी के प्रदर्शन को परख सकते हैं।

भारतीय शेयर बाजार में टिप्स एजेंसियों की भरमार है। कहने को तो ट्रेडिंग से जुड़ा तकरीबन हर व्यक्ति इन एजेंसियों के बारे में जानता है, लेकिन इस भीड़ में से बेहतरीन एजेंसी चुनना टेढ़ी खीर है। ये एजेंसियां अपने सुझावों और सलाहों से आम ट्रेडर्स की मदद करती हैं और बदलने में उनसे फीस वसूलती हैं। बड़ी तादाद में रिटेल ट्रेडर इन टिप्स एजेंसियों से जुड़ते हैं। उन्हें लगता है कि शेयरों का गुणा भाग करने की मेहनत नहीं करनी पड़ेगी। उन्हें बैठे बिठाए टिप्स मिल जाएगी और वे उसके जरिए ट्रेड करके फटाफट मुनाफा कमा लेंगे। लेकिन एक कड़वी सच्चाई यह भी है कि बहुत सी टिप्स एजेंसियां खुदरा निवेशकों के लिए फायदे के बदले नुकसान का सबब बनती हैं। कई एजेंसियां टिप्स देने के नाम पर ट्रेडर्स से मोटी रकम वसूलती हैं लेकिन जब उनके टिप्स बिलकुल उलटा परिणाम देते हैं तो वे इसकी जिम्मेदारी नहीं लेती हैं।

बहुत सी एजेंसियां अपने पिछले परफॉर्मेंस का ब्यौरा ऑनलाइन उपलब्ध करवाती हैं। उन्हें जरूर देखें। कभी किसी एजेंसी के प्रदर्शन का आकलन उसके 2-3 टिप्स के आधार पर नहीं करें। कम से कम 3 महीने का डाटा जरूर देखें। इसके अलावा फ्री टायल के जरिए भी आप उस एजेंसी के प्रदर्शन को परख सकते हैं।
  1. एक्जिट कॉल को परखें: नए रिटेल ट्रेडर्स को इस बात की समीक्षा जरूर करनी चाहिए टिप्स एजेंसी ने कितनी बार एक्जिट कॉल दिया। मतलब- जैसे किसी एजेंसी ने 100 रुपए में किसी शेयर को खरीदने की कॉल दी। 110 का लक्ष्य रखा और 95 का स्टॉप लॉस। लेकिन 98 तक गिरने के बाद एजेंसी ने एक्जिट कॉल दे दिया। यानी दो रुपए घाटा सहकर निकल जाओ। टिप्स एजेंसी भले ही यह कहे कि उसने एक्जिट कॉल देकर आपको ज्यादा नुकसान से बचा लिया, लेकिन कुल मिलाकर आपको उस सौदे में नुकसान ही हुआ। एक बात और गांठ बांध लीजिए, टिप्स एजेंसी पर आंख बंद कर निर्भर मत रहिए, क्योंकि हर टिप्स एजेंसी आपको सदस्य बनाने से पहले ही स्पष्ट कर देती है कि वह आपके किसी भी नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगी। याद रखिए टिप्स चाहे कितनी भी महंगी क्यों न हो, वह आपकी सफलता की गारंटी नहीं होती है। शेयर मार्केट में हर ट्रेडर को सफलता की कहानी खुद लिखनी होती है।
  2. उम्दा और ईमानदार टिप्स एजेंसी का चुनाव करें,
  3. टिप्स एजेंसी के विज्ञापन के दावों की सच्चाई परखें,
  4. टिप्स एजेंसी के पिछले प्रदर्शन की जांच करें,
  5. तीन माह में कितनी फीसदी टिप्स सटीक निकली?
  6. फ्री ट्रायल के दौरान भी प्रदर्शन को जांच सकते हैं,
  7. हर टिप्स को अपनी कसौटी पर कसें,
  8. महंगे टिप्स सफलता की गारंटी नहीं
  9. टिप्स गलत होने पर एजेंसी जिम्मेदार नहीं
 
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