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क्यों शुरू की गई थी योजना (Why Kisan Vikas Patra Launched): यह स्कीम छोटी बचत यानी कम आय वाले परिवारों की बचत को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई थी। पहले केवीपी 100, 500, 1000, 10000 और 50000 रुपये के मूल्य में जारी किए जाते थे। इसमें न्यूनतम निवेश 100 रुपये थी। निवेश की कोई ऊपरी सीमा नहीं है।
केंद्र सरकार ने निवेश के लिए लोकप्रिय रही योजना किसान विकास पत्र को फिर लांच कर दिया है। इसमें आसानी से निवेश हो सकेगा और कम आय वाले परिवारों को निवेश अच्छा मौका मिलेगा। इसमें आपका धन सौ महीने में दोगुना हो जाएगा। इसे नए रूप में लांच किया गया है, जिससे आप ढाई साल में रुपये वापस ले सकेंगे। नए रूप में केवीपी लांच हुआ
पिछले दशकों में देश में लोकप्रिय रहा डाकघरों में में निवेश करने का विकल्प किसान विकास पत्र (केवीपी) एक बार फिर लांच हो गया है। इसमें कम से कम एक हजार रुपये के निवेश पर पैसा आठ साल 4 महीने में दोगुना होगा। लेकिन, इस बार सरकार ने बड़ी राहत यह दी हैकि इसमें ढाई साल बाद पैसे वापस पाने का विकल्प भी दिया गया है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने जुलाई में पेश बजट में इसे फिर से शुरू करने की घोषणा की थी।
क्या होता है केवीपी (What is Government of India KVP Scheme): किसान विकास पत्र केंद्र सरकार की एक योजना है। यह निवेश का दीर्घकालिक जरिया है। इसका लाभ डाकघर से लिया जा सकता है। इसमें न्यूनतम निवेश 1000 रुपये तक किया जा सकता है। केवीपी की मैच्योरिटी 8 साल और 4 महीने की है। परिपक्वता और ब्याज की दर को इस तरह समायोजित किया गया है कि केवीपी में निवेश मैच्योरिटी पर दोगुना हो जाता है। इस प्रकार, केवीपी में 1000 रुपये का निवेश 8 साल और 4 महीनों में 2000 रुपये हो जाता है। केवीपी में निवेश आय कर अधिनियम (आईटी एक्ट) की धारा 80सी के अंतर्गत लाभ के लिए पात्र नहीं है।
ये हैं फायदे (Benefits of KVP Scheme): ढाई साल बाद करा सकते हैं कैश : इस बार निवेशकों को 1000, 5000, 10000 और 50000 रुपये के किसान विकास पत्र उपलब्ध होंगे। किसान विकास पत्र में निवेश की कोई ऊपरी सीमा नहीं होगी। इस बार लॉन्च किसान विकास पत्र की खासियत यह होगी कि अगर निवेशक चाहे तो इसे दो साल और छह महीने के लॉक इन पीरियड के बाद भुना सकेगा। यही नहीं, इसके बाद इसे हर छह महीने की अवधि के बाद पूर्व निश्चित मैच्योरिटी वैल्यू पर भुनाया जा सकेगा।
अनगिनत बार ट्रांसफर की सुविधा: इसके सर्टिफिकेट सिंगल या ज्वाइंट नामों से जारी किए जाएंगे। ये सर्टिफिकेट एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को अनगिनत बार ट्रांसफर किए जा सकेंगे। इसके अलावा, एक पोस्ट ऑफिस से देश में कहीं भी ट्रांसफर करने की सुविधा भी उपलब्ध होगी। इसके साथ नॉमिनेशन का विकल्प भी होगा। किसान विकास पत्र को गिरवी रख कर बैंकों से कर्ज भी लिया जा सकेगा। किसान विकास पत्र की खरीद पर केवाईसी नियम भी लागू होंगे।
निवेश में आसानी: केवीपी का एक फायदा यह भी है कि इसमें आसानी से निवेश किया जा सकता है। आप चाहें तो नकदी दे कर पोस्ट ऑफिसों से इसे खरीद सकते हैं। न इसके लिए बैंक खाते की जरूरत होगी और न ही चेक बुक की। एक फाइनेंशियल प्लानर के अनुसार, ऐसे लोग इनके प्रति आकर्षित हो सकते हैं, जो निवेश में झंझट नहीं चाहते।
कटता है टीडीएस (What are the TDS Rate for KVP): सरकार 2 साल बाद दोबारा शुरू हो रहे किसान विकास पत्र (केवीपी) के लिए केवाईसी गाइडलाइंस के पालन पर जोर नहीं देगी, हालांकि इस डाकघर बचत योजना में तय सीमा से ज्यादा इंटरेस्ट पेमेंट पर टीडीएस जरूर कटेगा। छोटी डिपॉजिट वालों पर यह टैक्स नहीं लगेगा, लेकिन 10,000 रुपये से ज्यादा ब्याज पाने वालों से टीडीएस लिया जाएगा। वहीं, केवीपी से हासिल होने वाली रकम कैश में नहीं दी जाएगी, बल्कि उसको पोस्ट ऑफिस सेविंग्स अकाउंट में डाला जाएगा।
टैक्स लाभ नहीं (What are the Tax Benefits from KVP Investment): किसान विकास पत्र को टैक्स सेविंग के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता था। इसमें निवेश पर सेक्शन 80सी के तहत टैक्स से छूट नहीं मिलती थी। इसके अलावा इससे हासिल ब्याज पर भी टैक्स लगता था। इससे हासिल ब्याज को टैक्सपेयर की कुल टैक्सेबल इनकम में जोड़ा जाता था और फिर उस पर उसके टैक्स स्लैब के आधार पर टैक्स लगाया जाता था।