आजकल एनर्जी ड्रिंक्स पीने का फैशन सा चल पड़ा है। माना जाता है कि थकान होने पर एनर्जी ड्रिंक्स का सेवन करने से तुरंत एनर्जी मिलती है। लेकिन एक ताजा शोध के नतीजे इस दावे को झूठा साबित करते हैं। अमेरिका के पॉइजन कंट्रोल सेंटर्स से जुटाए गये आंकड़ों के आधार पर इस अध्ययन में पाया गया कि एनर्जी ड्रिंक्स बच्चों के लिए काफी नुकसानदायक हैं। इस अध्ययन में बताया गया है कि एनर्जी ड्रिंक्स का सेवन करने वाले अमेरिका के हजारों बच्चों में गंभीर साइड-इफेक्ट्स देखने को मिले हैं। इनमें से करीब आधे मामलों में पीड़ित बच्चे थे, जिन्हें यह भी पता ही नहीं था कि इस ड्रिंक के सेवन का क्या नतीजा होगा। इनमें से बहुत से मामलों में पीड़ित सीजर्स, अनियमित हार्टबीट और बीपी की खतरनाक स्थिति स्थितियों से जूझते दिखे। 6 साल से कम उम्र के बच्चों ने अनजाने में इस ड्रिंक का सेवन किया था। शोधकर्ता डॉ. स्टीवन लिपशल्ट्ज के अनुसार छोटे बच्चे ये एनर्जी ड्रिंक्स दुकान से खरीदने नहीं गए थे, बल्कि उन्हें ये अपने फ्रिज में ही मिली थी। उनके माता-पिता या बड़े भाई-बहनों ने इन ड्रिंक्स को छोड़ दिया था। एनर्जी ड्रिंक्स में शुगर उच्च स्तर पर पाई गई, जबकि कैफीन एक कप कॉफी के बराबर थी। उर्जा बढ़ाने वाले पेय के रूप में प्रचारित इन ड्रिंक्स में दूसरे तत्व भी शामिल होते हैं, मसलन जिनसेंग, टॉरीन तथा आई-कार्निटाइन। इन तत्वों से अमीनो एसिड्स निकलते हैं।
कुछ समय पूर्व लिपशल्ट्ज ने पता लगाया था कि एनर्जी ड्रिंक का सेवन करने वाले बच्चे और बड़े अस्पताल पहुंच रहे हैं। यहीं से उन्हें इस बात का अंदाजा हो गया है कि ड्रिंक्स के बढ़ते सेवन के नतीजे खतरनाक हो सकते हैं। इसीलिए उन्होंने अपने साथियों के साथ मिलकर दुनिया भर के पॉइजन कंट्रोल सेंटर्स से आंकड़े जुटाना शुरू कर दिए। 2011 में उनकी टीम ने पाया कि एनर्जी ड्रिंक्स के सेवन से होने वाली बीमारियों के मामले बहुत ज्यादा बढ़ने लगे थे और इसमें हार्ट डिजीज, लीवर डैमेज और मृत्यु के मामले भी शामिल थे।