हम सभी लोग सोचते हैं की बैंक के लाकर हम सभी की पूंजी व सम्पति बहुत सुरक्षित है लेकिन क्या आप जानते हैं की अगर बैंक के लॉकर से सामान चोरी हो जाए या फिर कोई प्राक्रतिक आपदा हो जाए तो ग्राहक कहां दावा करेगा? क्लेम देने के लिए बैंक जिम्मेदार है या नहीं? आइये जानते हैं कितनी सुरक्षित आपकी पूंजी
रिर्जव बैंक की गाइडलाइंस कहती हैं कि लॉकर में रखे सामान के लिए बैंक जिम्मेदार नहीं है। बैंक का काम सिर्फ लॉकर को सुरक्षित रखना है। इस मामले में बैंकिंग कोड एंड स्टैंडर्ड बोर्ड ऑफ इंडिया (बीसीएसबीआई) का मानना है कि लॉकर में क्या सामान रखा है, बैंक को इसका पता नहीं होता। इसलिए उसे इसके लिए जवाबदेह नहीं ठहराया जा सकता। इंडियन कॉन्ट्रैक्ट एक्ट के सेक्शन 152 के मुताबिक, लॉकर में रखे सामान की चोरी या नुकसान के लिए किसी बैंक को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता। लॉकर में रखे सामान का इंश्योरेंस भी नहीं होता। एक बैंक के मुताबिक बैंक को लॉकर में रखे सामान की जानकारी नहीं होती। इसलिए इसके इंश्योरेंस में भी उसकी दिलचस्पी नहीं होती। इस तरह देखा जाए तो कानून ग्राहकों के हितों की रक्षा नहीं करता है। ग्राहकों को ही यह साबित करना होता है कि लॉकर को लूटा गया है और उसे ही नुकसान के सबूत भी देने पड़ते हैं। अगर ग्राहक यह साबित कर पाएं कि नुकसान बैंक की गलती के चलते हुआ है तो वह कुछ मुआवजे की मांग कर सकते हैं। अगर बैंक की गलती साबित हो जाती है या चोरी में बैंक का कोई कर्मचारी शामिल है, तब बैंक को हर्जाना देना होगा। हालांकि, पूरे नुकसान की भरपाई तब भी नहीं की जाएगी। हां, बैंक लॉकर में चोरी जैसी घटना की स्थिति में यदि व्यक्ति कोर्ट में जाए तो बैंक से कुछ मुआवजे की मांग की जा सकती है, क्योंकि लॉकर के लिए सुरक्षा प्रदान करने की जिम्मेदारी बैंक की होती है।
आपदा में भी क्लेम नहीं (What happen in case of Natural Disaster in Locker of Bank): अगर किसी प्राकृतिक आपदा की वजह से भी आपके लॉकर में रखे सामान का कोई नुकसान होता है तो इसके लिए भी बैंक की कोई जिम्मेदारी नहीं होती है। इस स्थिति में बैंक अपना पल्ला झाड़ लेता है और कोई भी मुआवजा नहीं देता।