चर्म रोगों (Skin Diseases) के बारे में बात करने से पहले समझना जरूरी है कि हमारी त्वचा शरीर को ढंकने वाली महज एक परत नहीं है। सच तो यह है कि त्वचा कई ऐसे कार्य करती है, जो एक स्वस्थ शरीर और लंबी उम्र के लिए बेहद जरूरी है। त्वचा के महत्व को कुछ इस तरह समझ सकते हैं...
- त्वचा को सर्दी, गर्मी, दर्द तथा अन्य संवेदनाओं का अहसास दिलाती है।
- त्वचा के जरिये पसीने के रूप में हमारे शरीर से विषाक्त पदार्थ निकलते हैं।
- त्वचा सूर्य की किरणों से "विटामिन डी" का निर्माण करती है।
- त्वचा हमारे अंदरूनी अंगों को हर प्रकार के बैक्टरिया और वायरस से बचाती है।
- सर्दी में शुष्क हवा के कारण त्वचा की ऊपरी सतह की नमी खोने लगती है। रूखापन बढ़ जाता है और इससे त्वचा में दरारें पड़ने लगती हैं। ऐसे में संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।
- सर्दियों में वातावरण को गर्म रखने वाले यंत्र त्वचा को नुकसान पहुंचाते हैं।
- घर में वेंटीलेशन की कमी अथवा एक ही कंबल या रजाई के उपयोग से खुजली या स्केबीज जल्दी फैलती है।
- ऊनी सिंथेटिक कपड़ों के प्रयोग से कॉन्टेक्ट डरमेटाइलिस हो सकता है।
- सर्दियां आते ही ठंडी एवं शुष्कट हवा त्वचा की नमी को छीनकर रूखा और बेजान बना देती है। ऐसे में कई तरह के चर्म रोगों के पनपने का खतरा बढ़ जाता है।
- सर्दी में रूसी, बाल झड़ना, फ्रास्ट बाइट (अंगुलियों का सूज जाना), एलोपिसिया, फंगल, बैक्टिरियल इन्फेगक्शन, पित्ती(अरटिकेरिया), डर्मेटाइटिस, एक्जिमा, स्केबिस(खुजली), गैंगरीन, अल्सर, इंपेटिगो, एलर्जी जैसे रोग हो सकते हैं। बचाव के लिए बॉडी लोशन का इस्तेमाल करें। त्वचा संबंधित उपचार के लिए किसी अनुभवी होम्योपैथिक चिकित्सक से परामर्श करें।
- सर्दी आने से पूर्व ही अपनी त्वचा की नमी को बचाने के लिए किसी भी अच्छे बॉडी लोशन (Body Lotion) या ऑयल (Oil) का प्रयोग करना चाहिए। अत्याधिक गर्म पानी भी त्वचा को रूखा बना देता है। इसलिए स्नान के तुरन्त बाद किसी तैलीय द्रव्य से शरीर की मालिश करनी चाहिए।
- विटामिन "ए" (Vitamin A) और विटामिन "सी" (Vitamin C) वाले फल, सब्जियां नियमित लेने से त्वचा की बाहरी सतह मजबूत रहती है।
- सुबह की नर्म धूप में करीब 20 मिनट बैठने से त्वचा विटामिन "डी" की संरचना करती है, जो कि त्वचा और अस्थियों के लिए बहुत आवश्यक है।
- नियमित रूप से पौष्टिक आहार, दो से तीन लीटर पानी, 7-8 घंटे की नींद और व्यायाम त्वचा को स्वस्थ रखती है।