यह आईटी में आई क्रांति का ही कमाल है कि आज कंप्यूटर का क्षेत्र 10वीं-12वीं पास के लिए भी कमाई के अवसरों से लदा है। हार्डवेयर मैन्यूफैक्चरिंग, रिपेयरिंग व सिस्टम डिजाइन, सॉफ्टवेयर निर्माण, कॉल सेंटर, टेलीकॉम सेक्टर, बीपीओ आदि विभिन्न क्षेत्रों में कंप्यूटर प्रोफेशनल्स के लिए काम ही काम हैं।
हार्डवेयर/नेटवर्किंग (Hardware Networking): इस क्षेत्र का प्रोफेशनल कंप्यूटर उपकरणों का आर्किटेक्ट होता है। कंप्यूटर में खराब कम्पोनेंट की पहचान कर उसे बदलना, अपग्रेड करना, डिवाइस इंस्टॉल करना और कंप्यूटर के बीच नेटवर्क बनाना इसी लाइन में सिखाया जाता है। नेटवर्किंग प्रोफेशनल्स विभिन्न तरह के सर्वर संभालते हैं। 10वीं-12वीं पास सर्टिफिकेट व डिप्लोमा कोर्स कर यहां राह बना सकते हैं। साइंस साइड से 12वीं पास कंप्यूटर इंजीनियरिंग में बीई/बीटेक या कंप्यूटर साइंस में बीएससी कर सकते हैं। साथ ही एमसीएसई, सीसीएनए, सीसीएनपी, सीसीआईई, सीएनई आदि कोर्सेज से अपनी प्रोफाइल मजबूत कर सकते हैं। ऑनलाइन परीक्षाएं देकर कोई भी व्यक्ति ये सर्टिफिकेट्स हासिल कर सकता है। एनआईआईटी, आईएसीएम, सीएमएस आदि कई संस्थानों में ऐसे कोर्सेज कराए जाते हैं। चिप लेवल कोर्स केलिए 10वीं (कई संस्थानों में 12वीं) पास होना चाहिए। एनएसआईसी, ए-सेट (दिल्ली) आदि संस्थानों में यह कोर्स है।
सॉफ्टवेयर/प्रोग्रामिंग (Software Programming): एक सॉफ्टवेयर प्रोफेशनल विभिन्न प्रोग्रामिंग लैंग्वेजेज, जैसे सी प्लस प्लस, जावा आदि के इस्तेमाल से एप्लीकेशन्स डेवलप करता है। इस फील्ड के लिए बीसीए, एमसीए, बीई/बीटेक, एमएससी जैसी डिग्री होनी चाहिए। 12वीं पास छात्र बीसीए (काफी संस्थानों में 12वीं में साइंस या मैथ्स मांगा जाता है) कर सकता है। इग्नू, आईआईटी रुड़की, एनआईटी, सीडैक, इंस्टीट््यूट ऑफ कंप्यूटर ऐंड इन्फॉर्मेशन साइंस (आगरा), बीएचयू, आईपी यूनि.(दिल्ली) आदि में ये कोर्सेज चलाए जाते हैं। एपटेक और एनआईआईटी जैसे निजी संस्थानों में भी ऐसे कोर्सेज हैं। एमसीए के समकक्ष डोएक का बी लेवल कोर्स भी किया जा सकता है। इग्नू और बीएचयू में कंप्यूटर साइंस में एमफिल व पीएचडी के विकल्प भी हैं। सॉफ्टवेयर टेस्टिंग, कंप्यूटर सिस्टम एनालिस्ट और डेटा बेस डेवलपर के लिए भी कंप्यूटर इंजीनियरिंग या कंप्यूटर साइंस में डिग्री होनी चाहिए। इंडियन इंस्टीटूट ऑफ सॉफ्टवेयर टेस्टिंग (चेन्नई), इंटरनेशनल इंस्टीटूट फॉर साफ्टवेयर टेस्टिंग आदि में कई तरह के सर्टिफिकेशन कोर्स संचालित किए जाते हैं।
साइबर सिक्योरिटी/हैकिंग (Cyber Security Hacking): कंप्यूटर फॉरेंसिक की फील्ड काफी उभर रही है। अपनी आईटी सिक्योरिटी सुनिश्चित करने के लिए अमूमन हर कंपनी को इन प्रोफेशनल्स की जरूरत होती है। ई-काउंसिल सर्टिफाइड एथिकल हैकर और स्कूल ऑफ एथिकल हैकिंग (हैदराबाद), आईआईआईटी (इलाहाबाद) आदि संस्थानों में इसकी पढ़ाई होती है। सीईएच, सीआईएसए, सीआईएसएसपी, सीएचएफआई, एमएसएस, एससीएनपी आदि कुछइसी तरह के कोर्सेज हैं। साइबर एक्सपर्ट पवन दुग्गल ने बताया कि यह फील्ड साइंस या टेक्निकल बैकग्राउंड की मांग करती है, लेकिन ऐसा अनिवार्य नहीं है। नॉन टेक्नीकल लाइन के विद्यार्थी भी इस फील्ड में कैरियर बना सकते हैं, बशर्ते नवीनतम हैकिंग टेक्नोलॉजी में उनकी रुचि हो व अच्छी पकड़ हो।
मल्टीमीडिया (Multimedia): इसमें वेब डिजाइनिंग, वेब डेवलपिंग, ग्राफिक डिजाइनिंग, गेम डिजाइनिंग, एनिमेशन आदि आते हैं। किसी भी विषय से 12वीं पास सर्टिफिकेट, डिप्लोमा और डिग्री स्तर का कोर्स कर इसमें कैरियर बना सकते हैं। ग्रेजुएट्स पीजी डिप्लोमा कर सकते हैं। आईटीआई में 12वीं पास के लिए डीटीपी ऑपरेटिंग कोर्स भी संचालित किया जाता है। एफटीआईआई (पुणे) और एनआईडी (अहमदाबाद) में 12वीं पास के लिए एनिमेशन, कंप्यूटर ग्राफिक्स और डिजाइनिंग से संबंधित कई कोर्सेज हैं। आईआईटी, इग्नू इंडस्ट्रियल डिजाइन सेंटर, एरिना एनिमेशन आदि विभिन्न संस्थानों में भी इसकी पढ़ाई होती है।
कंप्यूटर ऑपरेटर(Computer Operator): सरकारी विभागों समेत विभिन्न कंपनियों और शैक्षणिक संस्थानों में कंप्यूटर ऑपरेटर की आवश्यकता होती है। सॉफ्टवेयर इंस्टॉल करना, अपग्रेड करना, हार्डवेयर की बेसिक मेंटेनेंस, डाटा का सुरक्षित रखरखाव आदि कार्य कंप्यूटर ऑपरेटर ही करता है।आईटीआई में 12वीं पास के लिए कंप्यूटर ऑपरेटर ऐंड प्रोग्रामिंग असिस्टेंट (COPA) कोर्स कराया जाता है। डोएक से ओ लेवल (O Level) व ए लेवल (A Level) और इग्नू (IGNOU) से कंप्यूटिंग कोर्स भी कर सकते हैं। छोटी एंटरप्राइजेज कंपनियों में टैली जैसे सॉफ्टवेयर पर काम होता है। 10वीं/12वीं पास इसे सीख सकते हैं। टैली सॉल्यूशन्स प्रा.लि. ने स्टूडेंट सब्सक्रिप्शन नाम की सुविधा शुरू की है, जिसके जरिए टैली प्रोफेशनल्स भारत की 80 लाख छोटे व मध्यम एंटप्राइजेज से न सिर्फ सीधे जुड़ सकते हैं, बल्कि संबंधित जॉब का मूल्यांकन भी कर सकते हैं। नियोक्ता भी अपनी आवश्कताएं प्रोफेशनल्स को बता सकते हैं। इसके अलावा शेयर बाजार से संबंधित सॉफ्टवेयर भी सीख सकते हैं। कंप्यूटर फील्ड में 10वीं-12वीं से लेकर पीएचडी स्तर तक के ढेरों कोर्सेज हैं। यहां तकनीकी और गैर-तकनीकी, दोनों पृष्ठभूमि के छात्रों के लिए भविष्य संवारने के तमाम दरवाजे खुले हुए हैं।
हार्डवेयर/नेटवर्किंग (Hardware Networking): इस क्षेत्र का प्रोफेशनल कंप्यूटर उपकरणों का आर्किटेक्ट होता है। कंप्यूटर में खराब कम्पोनेंट की पहचान कर उसे बदलना, अपग्रेड करना, डिवाइस इंस्टॉल करना और कंप्यूटर के बीच नेटवर्क बनाना इसी लाइन में सिखाया जाता है। नेटवर्किंग प्रोफेशनल्स विभिन्न तरह के सर्वर संभालते हैं। 10वीं-12वीं पास सर्टिफिकेट व डिप्लोमा कोर्स कर यहां राह बना सकते हैं। साइंस साइड से 12वीं पास कंप्यूटर इंजीनियरिंग में बीई/बीटेक या कंप्यूटर साइंस में बीएससी कर सकते हैं। साथ ही एमसीएसई, सीसीएनए, सीसीएनपी, सीसीआईई, सीएनई आदि कोर्सेज से अपनी प्रोफाइल मजबूत कर सकते हैं। ऑनलाइन परीक्षाएं देकर कोई भी व्यक्ति ये सर्टिफिकेट्स हासिल कर सकता है। एनआईआईटी, आईएसीएम, सीएमएस आदि कई संस्थानों में ऐसे कोर्सेज कराए जाते हैं। चिप लेवल कोर्स केलिए 10वीं (कई संस्थानों में 12वीं) पास होना चाहिए। एनएसआईसी, ए-सेट (दिल्ली) आदि संस्थानों में यह कोर्स है।
सॉफ्टवेयर/प्रोग्रामिंग (Software Programming): एक सॉफ्टवेयर प्रोफेशनल विभिन्न प्रोग्रामिंग लैंग्वेजेज, जैसे सी प्लस प्लस, जावा आदि के इस्तेमाल से एप्लीकेशन्स डेवलप करता है। इस फील्ड के लिए बीसीए, एमसीए, बीई/बीटेक, एमएससी जैसी डिग्री होनी चाहिए। 12वीं पास छात्र बीसीए (काफी संस्थानों में 12वीं में साइंस या मैथ्स मांगा जाता है) कर सकता है। इग्नू, आईआईटी रुड़की, एनआईटी, सीडैक, इंस्टीट््यूट ऑफ कंप्यूटर ऐंड इन्फॉर्मेशन साइंस (आगरा), बीएचयू, आईपी यूनि.(दिल्ली) आदि में ये कोर्सेज चलाए जाते हैं। एपटेक और एनआईआईटी जैसे निजी संस्थानों में भी ऐसे कोर्सेज हैं। एमसीए के समकक्ष डोएक का बी लेवल कोर्स भी किया जा सकता है। इग्नू और बीएचयू में कंप्यूटर साइंस में एमफिल व पीएचडी के विकल्प भी हैं। सॉफ्टवेयर टेस्टिंग, कंप्यूटर सिस्टम एनालिस्ट और डेटा बेस डेवलपर के लिए भी कंप्यूटर इंजीनियरिंग या कंप्यूटर साइंस में डिग्री होनी चाहिए। इंडियन इंस्टीटूट ऑफ सॉफ्टवेयर टेस्टिंग (चेन्नई), इंटरनेशनल इंस्टीटूट फॉर साफ्टवेयर टेस्टिंग आदि में कई तरह के सर्टिफिकेशन कोर्स संचालित किए जाते हैं।
साइबर सिक्योरिटी/हैकिंग (Cyber Security Hacking): कंप्यूटर फॉरेंसिक की फील्ड काफी उभर रही है। अपनी आईटी सिक्योरिटी सुनिश्चित करने के लिए अमूमन हर कंपनी को इन प्रोफेशनल्स की जरूरत होती है। ई-काउंसिल सर्टिफाइड एथिकल हैकर और स्कूल ऑफ एथिकल हैकिंग (हैदराबाद), आईआईआईटी (इलाहाबाद) आदि संस्थानों में इसकी पढ़ाई होती है। सीईएच, सीआईएसए, सीआईएसएसपी, सीएचएफआई, एमएसएस, एससीएनपी आदि कुछइसी तरह के कोर्सेज हैं। साइबर एक्सपर्ट पवन दुग्गल ने बताया कि यह फील्ड साइंस या टेक्निकल बैकग्राउंड की मांग करती है, लेकिन ऐसा अनिवार्य नहीं है। नॉन टेक्नीकल लाइन के विद्यार्थी भी इस फील्ड में कैरियर बना सकते हैं, बशर्ते नवीनतम हैकिंग टेक्नोलॉजी में उनकी रुचि हो व अच्छी पकड़ हो।
मल्टीमीडिया (Multimedia): इसमें वेब डिजाइनिंग, वेब डेवलपिंग, ग्राफिक डिजाइनिंग, गेम डिजाइनिंग, एनिमेशन आदि आते हैं। किसी भी विषय से 12वीं पास सर्टिफिकेट, डिप्लोमा और डिग्री स्तर का कोर्स कर इसमें कैरियर बना सकते हैं। ग्रेजुएट्स पीजी डिप्लोमा कर सकते हैं। आईटीआई में 12वीं पास के लिए डीटीपी ऑपरेटिंग कोर्स भी संचालित किया जाता है। एफटीआईआई (पुणे) और एनआईडी (अहमदाबाद) में 12वीं पास के लिए एनिमेशन, कंप्यूटर ग्राफिक्स और डिजाइनिंग से संबंधित कई कोर्सेज हैं। आईआईटी, इग्नू इंडस्ट्रियल डिजाइन सेंटर, एरिना एनिमेशन आदि विभिन्न संस्थानों में भी इसकी पढ़ाई होती है।
कंप्यूटर ऑपरेटर(Computer Operator): सरकारी विभागों समेत विभिन्न कंपनियों और शैक्षणिक संस्थानों में कंप्यूटर ऑपरेटर की आवश्यकता होती है। सॉफ्टवेयर इंस्टॉल करना, अपग्रेड करना, हार्डवेयर की बेसिक मेंटेनेंस, डाटा का सुरक्षित रखरखाव आदि कार्य कंप्यूटर ऑपरेटर ही करता है।आईटीआई में 12वीं पास के लिए कंप्यूटर ऑपरेटर ऐंड प्रोग्रामिंग असिस्टेंट (COPA) कोर्स कराया जाता है। डोएक से ओ लेवल (O Level) व ए लेवल (A Level) और इग्नू (IGNOU) से कंप्यूटिंग कोर्स भी कर सकते हैं। छोटी एंटरप्राइजेज कंपनियों में टैली जैसे सॉफ्टवेयर पर काम होता है। 10वीं/12वीं पास इसे सीख सकते हैं। टैली सॉल्यूशन्स प्रा.लि. ने स्टूडेंट सब्सक्रिप्शन नाम की सुविधा शुरू की है, जिसके जरिए टैली प्रोफेशनल्स भारत की 80 लाख छोटे व मध्यम एंटप्राइजेज से न सिर्फ सीधे जुड़ सकते हैं, बल्कि संबंधित जॉब का मूल्यांकन भी कर सकते हैं। नियोक्ता भी अपनी आवश्कताएं प्रोफेशनल्स को बता सकते हैं। इसके अलावा शेयर बाजार से संबंधित सॉफ्टवेयर भी सीख सकते हैं। कंप्यूटर फील्ड में 10वीं-12वीं से लेकर पीएचडी स्तर तक के ढेरों कोर्सेज हैं। यहां तकनीकी और गैर-तकनीकी, दोनों पृष्ठभूमि के छात्रों के लिए भविष्य संवारने के तमाम दरवाजे खुले हुए हैं।