आजकल विभिन्न ऑर्गेनाइजेशन में डाटा और इन्फॉर्मेशन को सुरक्षित स्टोर
करना काफी महत्वपूर्ण हो गया है। सूचनाओं को लेकर हम सबकी यही चाहत होती है
कि माउस के एक क्लिक द्वारा ही सूचनाओं का भंडार हमारे सामने हाजिर हो
जाए। ऐसे में डाटाबेस हमारे काफी काम आता है। तमाम सूचनाओं को एक जगह रखने में डाटाबेस की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। जरूरतों के अनुसार इसके कई रूप देखने को मिलते हैं।

कंप्यूटर की भाषा में डाटाबेस का मतलब होता है डाटा का स्टोरेज। डाटा के कलेक्शन को ही हम डाटाबेस कहते हैं। उदाहरण के लिए, कोई यूनिवर्सिटी अपने छात्रों से संबंधित सभी सूचनाएं, जैसे नाम, रोल नंबर, एड्रेस, मार्क्स आदि अपने डाटाबेस में स्टोर रखती है। आजकल ऑनलाइन बैंकिंग, एटीएम, ऑनलाइन रिजर्वेशन जैसी सुविधाओं में डाटाबेस का खास योगदान होता है। इनके तहत तमाम सूचनाएं डाटाबेस में स्टोर रहती हैं, जिन्हें अपनी सुविधानुसार एक्सेस किया जाता है। आपने देखा होगा कि भले ही आपका बैंक अकाउंट कहीं भी हो, आप कहीं से भी उसे एक्सेस कर आवश्यक सूचनाएं प्राप्त कर सकते हैं। डाटाबेस में ऑडियो, वीडियो, ग्राफिक्स, इमेज आदि सभी प्रकार की सूचनाएं स्टोर की जा सकती हैं।
डाटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम को आम तौर पर हम डीबीएमएस के नाम से भी जानते हैं। डीबीएमएस कंप्यूटर प्रोग्राम्स का सेट होता है जो डाटाबेस को मैनेज करता है। विभिन्न यूजर एप्लीकेशन प्रोग्राम्स एक ही डाटाबेस को एक्सेस करते रहते हैं। डाटाबेस में सूचनाओं को स्टोर करना ही महत्वपूर्ण नहीं होता, बल्कि उनको एक्सेस करना सुविधाजनक हो, इस बात का भी ध्यान रखा जाता है। डीबीएमएस डाटा शेयरिंग और डाटा सिक्योरिटी को भी हैंडल करता है।
कई तरह के डाटाबेस का इस्तेमाल आजकल किया जाता है। रिलेशनल डाटाबेस में विभिन्न टेबलों का प्रयोग किया जाता है। इसके अंतर्गत डाटा को टेबल के रूप में स्टोर किया जाता है और विभिन्न टेबलों को आपस में जोड़ा जाता है। ओरेकल रिलेशनल डाटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम का प्रमुख उदाहरण है। ऑब्जेक्ट ओरिएंटेड डाटाबेस में इन्फॉर्मेशन को ऑब्जेक्ट्स के रूप में स्टोर किया जाता है। कॉन्सेप्ट बेस, डाटाबिन्स, ऑब्जेक्ट स्टोर आदि इसके उदाहरण हैं। नॉलेज बेस भी एक विशेष प्रकार का डाटाबेस होता है, जिसका उपयोग नॉलेज मैनेजमेंट के लिए किया जाता है। आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस और एक्सपर्ट सिस्टम में इसका प्रयोग होता है।