लंदन। वैज्ञानिकों ने एक ऐसी डिवाइस बनाने में सफलता प्राप्त की है जिसकी सहायता से दुर्घटना में अपनी आंखें गवां चुके लोग दोबारा रंगबिरंगी दुनिया को देख सकेंगे। वैज्ञानिकों द्वारा ईजाद ब्रेनपोर्ट नामक डिवाइस की सहायता से न केवल चीजों को देखा जा सकेगा बल्कि इसकी सहायता से चीजों को आसानी से पहचाना भी जा सकेगा। ब्रेनपोर्ट डिवाइस में एक जुड़वे ग्लास के ऊपर एक कैमरा अटैच किया गया है जो आस पास की घूमती हुई तस्वीरों को कैद करने में सक्षम है और यह खींची गई तस्वीरों को जीभ से जुडे़ केबल की मदद से ब्रेन में स्थानांतरित कर देता है। जीभ पर हल्के इलेक्ट्रोरॉड झटके से प्रतिबिंबित तस्वीरें डार्क एरिया के साथ तीक्ष्ण सिग्नल ब्रेन को भेजती है, जिससे व्यक्ति देखने में सक्षम हो जाएगा। यानी सेंसर को सीधे मरीज की जीभ से जोड़ दिया जाता है, जो कैमरे की सहायता से ब्रेन में सिग्नल भेजती है जिसे बे्रन यूजर की खराब हुई आंखों में वापस भेज देता है और मरीज एक बार फिर दुनिया को अपनी आंखों से महसूस कर पाता है। एक दुर्घटना में अपनी आंखों की रोशनी गंवा चुके पुलिस मैन डेविड रॉथबैंड, जिन्हें मिनस्ट्री ऑफ डिफेंस द्वारा संचालित इस ब्रेनपोर्ट डिवाइस के ट्रायल में शामिल किया गया, कहते हैं कि उन्हें तो विश्वास ही नहीं था कि इस उपकरण से दोबारा वह दुनिया को देख सकेंगे। उल्लेखनीय है इससे पहले भी ब्रेनपोर्ट डिवाइस से इराक में एक गे्रनेड हमले में आंखों की रोशनी खो चुके क्रेग लुंडेबर की दुनियां बदली जा चुकी है लेकिन यह पहला अवसर है जब किसी ब्रिटिश पर इस डिवाइस का परीक्षण किया गया। रिपोर्ट के मुताबिक ब्रेनपोर्ट डिवाइस के प्रयोग से मरीज न केवल शब्दों को देख सकेंगे बल्कि आब्जेक्ट की पहचान भी कर सकेंगे और बिना किसी अतिरिक्त सहायता के सड़कों पर भी चल सकेंगे।
