रेगुलर कोर्स में एडमिशन नहीं मिला, कुछ मजबूरियों के कारण आगे नहीं पढ़ सकते या फिर पसंदीदा कोर्स आपके क्षेत्र में उपलब्ध नहीं है, तो इन सब मुश्किलों का हल है डिस्टेंस एजुकेशन यानी दूरस्थ शिक्षा। टेक्नोलॉजी के विकास की बदौलत आज इस लर्निंग सिस्टम की पहुंच हर व्यक्ति तक हो गई है।
डिस्टेंस एजुकेशन सिर्फ उनके लिए नहीं है जिन्हें कम अंक के कारण रेगुलर
कोर्स में प्रवेश नहीं मिल पाता। आज यह घर बैठे मनचाही शिक्षा पाने का
सस्ता और बेहतर विकल्प है...
यूं होती है पढ़ाई (Process of Learning in Distance Education): डिस्टेंस एजुकेशन मोड में क्लास में हाजिर रहने की जरूरत नहीं होती। अधिकांश कोर्सेज में छात्रों की मर्जी होती है कि वह क्लास करें या नहीं। मसलन नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी इग्नू में सप्ताहांत में क्लासेज होती हैं। ये कक्षाएं वैकल्पिक होती हैं। लेकिन कुछ तकनीकी कोर्सेज में, जिनमें प्रैक्टिकल्स की आवश्यकता है, 90 प्रतिशत हाजिरी अनिवार्य होती है। इस सिस्टम में हर विद्यार्थी को एक लर्निंग सेंटर दिया जाता है, जहां उसे लाइब्रेरी की सुविधा दी जाती है।
आजकल विद्यार्थी लर्निंग सेंटर्स में बैठे-बैठे यूनिवर्सिटी के प्रोफेसरों से अपने प्रश्न भी पूछ सकते हैं। प्रोफेशनल कोर्सेज की पढ़ाई के लिए विभिन्न यूनिवर्सिटीज लर्निंग सेंटर्स में लेबोरेटरी के जरिए छात्रों को प्रैक्टिकल क्लासेज दी जाती हैं। बीएड के लिए किसी स्कूल से टाइ-अप कर लिया जाता है।
एडवांस अध्ययन सामग्री(Study Material of Distance Education Mode): सिक्किम मणिपाल यूनिवर्सिटी (डायरेक्टोरेट ऑफ डिस्टेंस एजुकेशन) के वाइस चांसलर डॉ. सुरजीत सिंह पबला का कहना है कि एडवांस टेक्नोलॉजी से अध्ययन सामग्री भी काफी एडवांस हुई है। अब छात्र पॉवर प्वॉइंट, मल्टीपल मीडिया के जरिए पढ़ते हैं। सामग्री ऑडियो और वीडियो सीडी व डीवीडी में उपलब्ध कराई जाने लगी है। प्रोफेसर के लेक्चरर की वीडियो या ऑडियो को वेब पोर्टल पर डाल दिया जाता है।
कोर्सेज के ढेरों विकल्प(Options of Distance Learning at Home): अब डिस्टेंस एजुकेशन देने वाली विभिन्न यूनिवर्सिटीज बीए-बीकॉम के अलावा डिगरी, सर्टिफिकेट और डिप्लोमा स्तर पर विभिन्न प्रोफेशनल कोर्सेज भी संचालित करने लगी हैं जैसे मीडिया स्टडीज, एग्रीकल्चर, एजुकेशन, होटल मैनेजमेंट, लॉ, फॉर्मेसी, वोकेशनल, योग, बायोटेक्नोलॉजी, ट्रेवल ऐंड टूरिज्म, परफॉर्मिंग आर्ट, मैनेजमेंट, हेल्थ साइंस, कंप्यूटर, आईटी आदि।
डिगरी की वैल्यू (Value or Equivalency of Degree through to Distance Mode) : यूजीसी के मुताबिक, डिस्टेंस मोड से शिक्षा प्राप्त करने वाले छात्र को रेगुलर मोड से शिक्षा प्राप्त विद्यार्थी के बराबर अवसर दिए जाएंगे। लर्निंग मोड के आधार पर अवसरों में भेदभाव नहीं किया जा सकता। यह लर्निंग सिस्टम अच्छे कॉलेजों और अध्यापकों की कमी से कोसों दूर है। ऐसे लोग, जो काम के साथ पढ़ाई कर अपना ज्ञान, शैक्षणिक योग्यता व स्किल्स बढ़ाना चाहते हैं, या फिर जो क्लासरूम स्टडी पसंद नहीं करते, इसकी ओर काफी आकर्षित हो रहे हैं। ग्रामीण इलाकों और पिछडे़ वर्ग के छात्रों के लिए तो आगे बढ़ने का यह अच्छा जरिया बन गया है, क्योंकि इसमें रेगुलर कोर्स की अपेक्षा कम पैसे में शिक्षा प्राप्त हो जाती है।
यहां ले सकते हैं आप डिस्टेंस एजुकेशन में दाखिला (Where you can take the admission in Distance Education Learning University in India)
देशभर में कुल 14 ओपन विश्वविद्यालय हैं, जो डिस्टेंस एजुकेशन की सहूलियत देते हैं। विभिन्न राज्यों में डूल मोड यूनिवर्सिटीज भी हैं जहां डिस्टेंस और रेगुलर, दोनों मोड से शिक्षा उपलब्ध कराई जाती है। कुछ प्रमुख संस्थान हैं:
- इग्नू, दिल्ली (IGNOU Delhi)
- उत्तराखंड ओपन यूनिवर्सिटी, नैनीताल (Uttrakhand Open University)
- यूनिवर्सिटी ऑफ पेट्रोलियम ऐंड एनर्जी स्टडीज, देहरादून (University of Petrolatum and Energy Studies, Dheradun)
- यूपी राजर्षि टंडन ओपन यूनिवर्सिटी, इलाहाबाद (UP Rajarshi Tandon Open University Allahabad
- इलाहाबाद यूनिवर्सिटी, इलाहाबाद (Allahabad University)
- दिल्ली यूनिवर्सिटी, दिल्ली (Delhi University)
- सिक्किम मणिपाल यूनिवर्सिटी, सिक्किम (Sikkim Manipal Univeristy)
- कुरूक्षेत्र यूनिवर्सिटी, कुरूक्षेत्र (Kurukshetra University)
- हिमाचल प्रदेश यूनि., शिमला (HP University)
- पंजाब यूनिवर्सिटी, चंडीगढ़ (Punjab University)
- Lovely Professional University
- Guru Jambheshwar University of Science and Technology Hisar
तकनीकी विकास के कारण अब दूरस्थ क्षेत्रों में बैठे व्यक्ति भी डिस्टेंस लर्निंग से अच्छी शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं। खासतौपर पर कामकाजी लोग और ऐसे लोग जिन्हें अपने क्षेत्र में मनचाहा कोर्स उपलब्ध नहीं हो पाता या फिर कुछ अलग तरह का कोर्स करना चाहते हैं, उनकेलिए यह बेहतरीन विकल्प है। डिस्टेंस और रेगुलर डिगरियों का समान महत्व है।अब डिस्टेंस से विभिन्न टेक्निकल कोर्सेज भी संचालित किए जाने लगे हैं। मसलन, इग्नू में इंजीनियरिंग कोर्सेज उपलब्ध हैं। इनके लिए छात्रों को स्टडी सेंटर के तौर पर ऐसे इंस्टीटूट्स मुहैया कराए जाते हैं जहां इंजीनियरिंग की पढ़ाई होती हो। यह केवल किताब पढ़कर परीक्षा देने तक सीमित नहीं है, क्योंकि यहां लेबोरेटरी में प्रैक्टिकल होते हैं और समय-समय पर असाइनमेंट भी देने होते हैं। सप्ताहांत में नजदीकी स्टडी सेंटर में क्लासेस भी होती हैं। छात्र रेडियो, टीवी, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए काउंसलर्स से सीधे प्रश्न कर सकते हैं।