लंदन। गृहस्थी संभालने में ही नहीं बल्कि अब तो महिलाएं कमाने में भी पुरुषों से आगे निकल गई हैं। ब्रिटेन में एक सर्वे ने इस बात को साबित कर दिया है कि घर की रोजी रोटी चलाने में यानी कमाई करने में हर तीसरी महिला पुरुषों से बढ़कर है। पुरुषों और महिलाओं की कमाई की तुलना की गई तो पाया गया कि तीस फीसदी महिलाएं अपने पार्टनर से अधिक कमाती हैं और 19 फीसदी अपने पार्टनर के बराबर कमाई करती हैं।
शोधकर्ताओं का कहना है कि बेकारी के मौजूदा हालात को देखकर यह कल्पना करना वैसे भी लाजिमी नहीं है कि पुरुषों की आमदनी महिलाओं से अधिक हो। सर्वे में यह बात भी सामने आई है कि दस में से चार महिलाओं का कहना है कि वह अपने पार्टनर की हाई इन्कम को देखकर अपने कैरियर से समझौता कर लेती हैं।
शोधकर्ताओं का कहना है कि बेकारी के मौजूदा हालात को देखकर यह कल्पना करना वैसे भी लाजिमी नहीं है कि पुरुषों की आमदनी महिलाओं से अधिक हो। सर्वे में यह बात भी सामने आई है कि दस में से चार महिलाओं का कहना है कि वह अपने पार्टनर की हाई इन्कम को देखकर अपने कैरियर से समझौता कर लेती हैं।
दस प्रतिशत परिवारों में से एक में ऐसा देखने में आया है कि पति घर और बच्चों दोनों को संभालते हैं, क्योंकि उनकी पत्नी फुल टाइम जॉब करती हैं। दस प्रतिशत महिलाएं अपने परिवार को प्राथमिकता देते हुए पार्ट टाइम जॉब करने की बात कहती हैं। यह सर्वे ग्रेजिया मैग्जीन की ओर से किया गया है। सर्वे के मुताबिक आधी से ज्यादा महिलाएं जो जॉब नहीं करतीं, उन्हें यह सोचकर अफसोस होता है कि वह नहीं कमाती हैं। सर्वे में शामिल दो हजार महिलाओं में दो तिहाई महिलाएं बच्चों की देखभाल के साथ साथ काम भी करना चाहती हैं और शेष महिलाएं घर के साथ साथ पार्ट टाइम जॉब को प्राथमिकता देना चाहती हैं। मैग्जीन की मालिक विक्टोरिया हार्पर का कहना है कि लड़कियां जब ग्रेज्युएट हो जाती हैं और अच्छा जॉब करने लगती हैं तो वह अपने कैरियर की सीढ़ियां खुद ही तेजी से चढ़ती जाती हैं। इसका मतलब यही हुआ है कि मर्द और औरत की भूमिका लगभग समान ही होने लगी है, भले ही उनके बच्चे हों। सर्वे में पाया गया कि 67 प्रतिशत महिलाएं, जो जॉब कर रही हैं, यह मानती हैं कि अच्छे कैरियर के साथ ही वह बेहतर मां भी बन सकती हैं। केवल 11 प्रतिशत महिलाओं का कहना है कि बच्चों की देखभाल के लिए वह जॉब नहीं करना चाहती। इनमें से आधी का यह मानना है कि यदि पति और पत्नी दोनों ही फुल टाइम जॉब करेंगे तो इससे बच्चों पर बुरा असर पड़ सकता है। लगभग इतनी ही महिलाओं का कहना है कि बच्चों को नर्सरी में डालना उनके स्वास्थ्य के लिए अच्छा साबित नहीं होता।