
आपने देखा होगा कि टीवी चैनल या बिजनेस वेबसाइटों पर अक्सर एक्सपर्ट प्रकट होते हैं। सारा परार्मश और ज्ञान देने के बाद वे इस बात का स्पष्टीकरण भी देते हैं कि जिन शेयरों में ट्रेड करने की सलाह उन्होंने दी, उसमें उनका या उनके क्लाइंट्स का कोई स्टेक है या नहीं। यह स्षष्टीकरण इसलिए भी आवश्यक है ताकि दर्शकों को ये पता चल जाए कि सलाह के पीछे का मनोविज्ञान क्या है।
अब सवाल उठता है कि आखिर खुदरा निवेशक किसकी सलाह मानें। किसकी सलाह पर ट्रेडिंग करें। यहां हम ये स्पष्ट करते चलें कि इस लेख में खुदरा निवेशकों से हमारा आशय ऐसे निवेशकों से है जिनका मूल व्यवसाय शेयर ट्रेडिंग नहीं है। उनका मुख्य पेशा नौकरी, बिजनेस, खेती वगैरह करते हैं लेकिन शेयर बाजार के जरिए कमाई करने में भी उनकी दिलचस्पी रहती है।
जहां तक सलाह का सवाल है तो हमारी राय मे आपको सबसे ज्यादा खुद की सलाह पर अमल करना चाहिए। सुनने में बात थोड़ी अजीब लग सकती है लेकिन बिलकुल सच है। खुद की सलाह से मतलब है- कि पहले शेयरों की एक संतुलित लिस्ट बनाइए जिसमें आपको ट्रेडिंग करना है, फिर उन शेयरों के भाव का विेषण कीजिए। हर रोज उनके भाव पर नजर रखिए। आप देखेंगे कि अगर आपकी वॉच लिस्ट में बीस शेयर हैं तो आप देखेंगे कि उनमें से कोई बाई जोन में होगा तो कोई सेल जोन में.आप उसी के मुताबिक अपनी रणनीति बनाइए। अगर आप किसी भी अच्छे मूवमेंट वाले शेयर के चार्ट का अध्ययन करें तो आप पाएंगे कि शेयर के भाव ने उसी तरह की आकृतियां बना दी हैं, जैसे समुद्र में लहरें होती हैं। यानी बार बार भाव खुद को दोहराते हैं। आपकी चुनौती इस बात की होती है कि आप शेयर के बदलते रुख को कितनी जल्दी भांप लेते हैं और उसके मुताबिक अपनी रणनीति बदलते हैँ।
मिसाल के तौर पर शुक्रवार को गोदरेज इंडस्ट्री का शेयर निफ्टी मं 286 रुपए पर बंद हुआ। आज से करीब एक महीना पहले भी इस शेयर की हालत तकरीबन ऐसी ही थी। 17 अक्टूबर 2014 को गोदरेज इंडस्ट्री का शेयर 275 रुपए मे बिका था। अगर आप कंपनी के चार्ट पर गौर करें तो 17 अक्टूबर के आस पास एक बड़ी गिरावट दर्ज करने के फौरन बाद गोदरेज इंडस्ट्री का शेयर थोड़ा संभला। 5 नवंबर को यह 308 पर पहुंच गया। यानी यह शेयर 18 दिन में करीब दस फीसदी चढ़ गया। जिस ट्रेडर ने इस शेयर को 280 के नीचे पकड़ लिया था। वह अच्छे खासे मुनाफे में रहेगा। लेकिन इस बात को मत भूलिएगा कि रुख बदलते समय शेयर को पकड़ना दोहरी धार वाले तलवार को थामने जैसा खतरनाक होता है। अगर ऊपर के उदाहरण की ही बात करें तो अगर गोदरेज इंडस्ट्री बढ़ने के बदले और गिर सकता था। ऐसे में खरीदने का फैसला गलत साबित हो सकता था। अगर कभी ऐसा होता है कि आपके तमाम सटीक विेषण के बाद भी कोई शेयर मनचाही दिशा में नहीं चलता है तो घबराइए मत। फौरन स्टॉप लॉस का इस्तेमाल कीजिए। अगर शेयर ज्यादा गिर गया है तो देखिए कि उसका अगला सपोर्ट लेवल कहां है। अगर सपोर्ट लेवल 100 रुपये का है तो आप स्टॉप लॉस 99.75 के आस पास लगाएं। ताकि अगर बड़े खिलाड़ी उस सपोर्ट लेवल के मुताबिक ट्रेड करें तब भी आप पर असर नहीं पड़े। हमारी सलाह है कि अध्ययन, अनुभव और अनुशासन के जरिए स्वयं को साधिए, अपनी ट्रेडिंग के नियम बनाइए। और उन पर सख्ती से पालन कीजिए। ट्रेडिंग एक गंभीर व्यवसाय है, इसे हल्के में मत लीजिए।