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हॉस्पिटल मैनेजर अस्पतालों की व्यवस्था के साथ-साथ मरीजों के लिए बेहतर माहौल तैयार करने और जरूरी दवाओं व उपकरणों की उपलब्धता से जुड़े कार्य देखते हैं। वर्तमान माहौल में हॉस्पिटल मैनेजमेंट के कोर्स बेहद उपयोगी हैं।
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पिछले कुछ वर्षों से हेल्थकेयर के क्षेत्र में व्यापक बदलाव आया है। मरीजों के लिए उच्च कोटि की मेडिकल सुविधाओं की जरूरत महसूस की जाने लगी है। यही वजह है कि हॉस्पिटल मैनेजमेंट का क्षेत्र उभर कर सामने आया है। इसकी बदौलत हॉस्पिटल के संसाधनों एवं स्टाफ का बेहतर तरीके से इस्तेमाल हो रहा है और वहां पर मरीजों के लिए अनुकूल माहौल मिल रहा है। हॉस्पिटल से जुड़ी हर चीज में बदलाव हो रहा है और इन्हीं चुनौतियों एवं मांग के मद्देनजर हॉस्पिटल मैनेजरों की भूमिका काफी महत्वपूर्ण हो गई है।

योग्यता और पाठक्रम (Eligibility and Syllabus): इस क्षेत्र में सबसे प्रचलित तीन वर्षीय कोर्स बैचलर ऑफ हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन (बीएचए) है। इस कोर्स के लिए बायोलॉजी का बैकग्राउंड (12वीं कम-से-कम 50 प्रतिशत अंकों के साथ) जरूरी है, जबकि पोस्टग्रेजुएट कोर्स के तहत दो वर्षीय मास्टर इन हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन (एमएचए MHM) उपलब्ध है। यह कोर्स मेडिकल अथवा नॉन-मेडिकल दोनों ही बैकग्राउंड वाले छात्रों के लिए है। एमफिल के लिए एमएचए/एमबीबीएस की डिग्री होनी चाहिए। इसके अलावा एमबीए, पीजी डिप्लोमा एवं डिप्लोमा कोर्सेज भी मेडिकल और नॉन-मेडिकल छात्रों के लिए उपलब्ध हैं। इस फील्ड में कई तरह के पाठक्रमहैं, जैसे बैचलर ऑफ हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन/मैनेजमेंट, मास्टर ऑफ हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन/मैनेजमेंट, डिप्लोमा इन हॉस्पिटल मैनेजमेंट, डिप्लोमा इन हॉस्पिटल रिकॉर्ड मैनेजमेंट, पोस्ट ग्रेजुएट सर्टिफिकेट इन हॉस्पिटल मैनेजमेंट, एमबीए इन हॉस्पिटल मैनेजमेंट, एमफिल इन हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन आदि। इन पाठक्रमों में नामांकन कहीं प्रवेश परीक्षा तो कहीं प्राप्तांकों या इंटरव्यू के आधार पर होता है।

आवश्यक अभिरुचि (Necessary Interests):एक हॉस्पिटल मैनेजर की जिम्मेदारी मरीजों से लेकर पूरे प्रबंधन के प्रति होती है। इसलिए उसे खुद में कई तरह गुण विकसित करने पड़ते हैं। कम्युनिकेशन व ऑर्गेनाइजेशन स्किल के अलावा उसमें दोस्ताना व्यवहार, दबाव के समय भी बेहतर काम करने की क्षमता और तुरंत निर्णय लेने जैसे गुण होने चाहिए। मेडिकल से जुड़ा होने के कारण उसे इस फील्ड की जानकारी भी आवश्यक है।
रोजगार की संभावनाएं (Jobs and Opportunities): अस्पताल, हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियां, नर्सिंग होम, मेंटल हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन, रिहैबिलिटेशन सेंटर, फार्मास्यूटिकल, हॉस्पिटल सप्लाई फर्म, मेडिकल सॉफ्टवेयर कंपनियां, मेडिकल लेबोरेटरी एवं अन्य हेल्थ सर्विस सेंटर्स को कुशल लोगों की जरूरत बनी रहती है। सरकारी एवं प्राइवेट हॉस्पिटलों में हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन/मैनेजर के लिए व्यापक मौके हैं। मास्टर डिग्री के बाद प्रोफेशनल्स असिस्टेंट हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेटर के अलावा फ्रंट ऑफिस, पब्लिक रिलेशन, फाइनेंस, क्वालिटी कंट्रोल आदि विभागों में भी अपने कैरियर की शुरुआत कर सकते हैं। चार-पांच साल के अनुभव के बाद टीचिंग के मौके भी मिल सकते हैं। सीनियर हॉस्पिटल मैनेजर पदोन्नति पाते हुए सीईओ के पद तक पहुंच सकता है। विदेशों में भी अवसर मिलते हैं।

देश कौन कौनसे प्रमुख प्रशिक्षण संस्थान हैं जहाँ हम प्रबन्धन में एडमिशन ले सकते हैं
  • ऑल इंडिया इंस्टीटूट ऑफ मेडिकल साइंस (एम्स), नई दिल्ली
  • www.aiims.ac.in
  • फैकल्टी ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज, दिल्ली,
  • www.fms.edu
  • आर्म्ड फोर्सेज मेडिकल कॉलेज, पुणे»
  • सिम्बायोसिस सेंटर ऑफ हेल्थकेयर, पुणे,
  • www.schcpune.org
  • टाटा इंस्टीटूट ऑफ सोशल साइंसेज, मुंबई
  • बिरला इंस्टीटूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस, पिलानी, राजस्थान
  • www.bits-pilani.ac.in
  • इंस्टीटूट ऑफ हेल्थ मैनेजमेंट रिसर्च, बेंगलुरु
  • www.ihmr.org
  • डिस्टेंस लर्निंग प्रोग्राम
  • इस फील्ड में डिस्टेंस लर्निंग प्रोग्राम से भी पढ़ाई की जा सकती है।
  • कुछ संस्थानों के नाम हैं :
  • इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी, नई दिल्ली
  • www.ignou.ac.in
  • इंडियन सोसाइटी ऑफ हेल्थ एडमिनिस्ट्रेशन, बेंगलुरु
  • www.ishaindia.com
  • तमिलनाडु ओपन यूनिवर्सिटी, चेन्नई
  • www.tnou.ac.in
 
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