Menu

औद्योगिक और तकनीकी क्षेत्र में इंजीनियरिंग के माध्यम से काफी लोगों को रोजगार मिलता है। एक अनुमान केएक अनुमान के मुताबिक, लगभग 40 लाख लोग प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से इंजीनियरिंग सेक्टर से जुडे़ हुए हैं। जैसे-जैसे देश के इंफ्रास्ट्रक्चर में विकास हो रहा है, वैसे-वैसे योग्य एवं कुशल लोगों की मांग तेजी से बढ़ रही है। यह मांग प्राइवेट व गवर्नमेंट सेक्टर, दोनों जगहों पर है। आज इंसान के जीवन को सुगम बनाने के लिए जो कुछ भी सामने है, वह इन इंजीनियरों और वैज्ञानिकों की मेहनत का ही परिणाम है। सरकार द्वारा भी इंजीनियरिंग सेक्टर में जिस तरह निवेश किया जा रहा है, उससे स्पष्ट है कि न सिर्फ आज, बल्कि आने वाले वर्षों में भी इस इंडस्ट्री में बूम की स्थिति रहेगी।
ऐसे मिलेगा दाखिला: इंजीनियरिंग के विभिन्न पाठ्यक्रमों में दाखिला तभी मिल पाता है, जब इसके लिए आयोजित ज्वॉइंट एंट्रेंस एग्जामिनेशन (मेन और एडवांस्ड) में सफलता हासिल की जाए। जेईई मेन में सफलता मिलने के बाद ही एडवांस्ड में शामिल होने की योग्यता बनती है। यह प्रवेश परीक्षा बीटेक, बीई, बीआर्क और बी प्लानिंग से संबंधित करीब 86 कोर्स के लिए होती है। इसके लिए हर साल 4000 से ज्यादा सीटों के लिए करीब तीन लाख विद्यार्थी अपनी किस्मत आजमाते हैं। इस परीक्षा में महज पास होना ही जरूरी नहीं, बल्कि इसके लिए मेरिट लिस्ट में आना भी जरूरी है। परीक्षा का आयोजन सीबीएसई द्वारा किया गया है।
आवेदन के लिए योग्यता:  इस टेस्ट में वही विद्यार्थी बैठ सकते हैं, जिन्होंने किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से 12वीं की परीक्षा फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथ्स विषयों में 50 प्रतिशत अंकों के साथ उत्तीर्ण की हो। ऐसे विद्यार्थी जो इस वर्ष 12वीं की परीक्षा में सम्मिलित हो रहे हों, वे भी इसके लिए आवेदन कर सकते हैं, बशर्ते उन्हें एक निर्धारित समय के दौरान संबंधित योग्यता का प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करना होगा। आवेदन प्रक्रिया ऑनलाइन है। इसके लिए जेईई की वेबसाइट पर जाकर रजिस्ट्रेशन कराया जाता है।
परीक्षा से जुड़ी जानकारी: जेईई मेन के अंतर्गत कुल दो पेपर होते हैं। पहला पेपर बीई व बीटेक के लिए होता है। इसमें फिजिक्स, केमिस्ट्री व मैथ के सेक्शन शामिल हैं। यह पेपर ऑनलाइन व ऑफ लाइन, दोनों ही तरीकों से दिया जा सकता है। लेकिन इसका उल्लेख रजिस्ट्रेशन के दौरान करना आवश्यक है। प्रश्नों का स्वरूप बहुविकल्पीय होता है। दूसरा पेपर बीआर्क व बी प्लानिंग के लिए होता है। यह परीक्षा भी बहुविकल्पीय होती है तथा तीन भागों में बंटी होती है। इसमें मैथमेटिक्स, एप्टीट्यूड टेस्ट व ड्राइंग टेस्ट, तीनों को शामिल किया जाता है। दोनों ही पेपरों की अवधि 3-3 घंटे होती है। परीक्षा का माध्यम हिंदी और अंग्रेजी दोनों होता है।
कितने कोर्स मौजूद: परीक्षा में सफल होने के बाद विद्यार्थी निम्न पाठ्यक्रमों में दाखिला पा सकते हैं- बीटेक 4 वर्षीय कोर्स (36 कोर्स), बीएस 4 वर्षीय कोर्स (4 कोर्स), बीफार्म (1 कोर्स), बीडेस (1 कोर्स), बीआर्क 5 वर्षीय कोर्स (1 कोर्स), अर्किटेक्चर (1 कोर्स), फार्मास्यूटिकल (1 कोर्स), एमएससी इंटीग्रेटेड 5 वर्षीय (2 कोर्स), एमटेक इंटीग्रेटेड (6 कोर्स) और बीटेक-एमटेक डुअल डिग्री (25 कोर्स)।
सिलेबस से जुड़ी जानकारी: इसमें पूछे जाने वाले प्रश्न 11वीं और 12वीं कक्षा स्तर के होते हैं। सिलेबस का विवरण इस प्रकार है:- फिजिक्स - फिजिक्स के टॉपिक में ज्यादातर मैकेनिक्स, फ्लूइड, हीट एंड थर्मोडाइनेमिक, वेव एंड साउंड, कैपेसीटर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स, मैग्नेटिक्स, इलेक्ट्रोमैग्नेटिक इंडक्शन आदि शामिल होते हैं।
केमिस्ट्री - केमिस्ट्री के सेक्शन में जरूरी है कि इन-ऑर्गेनिक के टॉपिक पर अधिक समय खर्च करें। न्यूमेरिकल को भी प्रमुखता से हल करें। इसके प्रमुख टॉपिक में क्वांटिटेटिव एनालिसिस, को-ऑर्डिनेशन केमिस्ट्री एंड केमिकल बांडिंग, इलेक्ट्रो केमिस्ट्री, केमिकल इक्विलिब्रियम इन फिजिकल केमिस्ट्री और आर्गेनिक केमिस्ट्री शामिल हैं।
मैथमेटिक्स - इसमें सूत्र अथवा फॉर्मूले अच्छी तरह से याद होने चाहिए। तैयारी के दौरान जो महत्वपूर्ण लगे, उसे एक जगह नोट करें। इसके सिलेबस में मुख्यतः क्वाड्रैटिक इक्वेशन एंड एक्सप्रेशन, कॉम्प्लेक्स नंबर, प्रोबैबिलिटी, वेक्टर, मैट्रिक्स इन अल्जेब्रा, सर्किल, पैराबोला, हाइपरबोला इन कोऑर्डिनेट ज्योमिट्री, फंक्शन लिमिट, कॉन्टिन्यूटी एंड डिफरेंशिएबिलिटी, डिफाइनाइट एंटीग्रल इन कैलकुलेशन आदि शामिल होते हैं।
बीआर्क/बी प्लानिंग - इसमें प्रॉब्लम साल्विंग, ड्राइंग टेस्ट से लेकर कुछ अन्य तरह के प्रश्न भी होते हैं। प्रश्नों का नियमित अभ्यास जरूरी है।
तैयारी के कुछ टिप्स (Preparation Tips): विद्यार्थी अपनी तैयारी कुछ यूं करें तो सफलता की उम्मीद बढ़ जाती है 
Eligibility Criteria for Appearing in JEE (Advanced) 2015
मुताबिक, लगभग 40 लाख लोग प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से इंजीनियरिंग सेक्टर से जुडे़ हुए हैं। जैसे-जैसे देश के इंफ्रास्ट्रक्चर में विकास हो रहा है, वैसे-वैसे योग्य एवं कुशल लोगों की मांग तेजी से बढ़ रही है। यह मांग प्राइवेट व गवर्नमेंट सेक्टर, दोनों जगहों पर है। आज इंसान के जीवन को सुगम बनाने के लिए जो कुछ भी सामने है, वह इन इंजीनियरों और वैज्ञानिकों की मेहनत का ही परिणाम है। सरकार द्वारा भी इंजीनियरिंग सेक्टर में जिस तरह निवेश किया जा रहा है, उससे स्पष्ट है कि न सिर्फ आज, बल्कि आने वाले वर्षों में भी इस इंडस्ट्री में बूम की स्थिति रहेगी।
  • जिस बोर्ड के विषयों की किताब पढ़ रहे हैं, उसी पर अपना ध्यान केंद्रित करें।
  • हर विषय को एक बार नहीं, कई बार पढ़ें। साथ ही इनके नोट्स भी तैयार करें।
  • किसी एक विषय की जितनी ज्यादा किताबें पढ़ेंगे, उतना ही भटकाव आता है। इसलिए कम, लेकिन बेहतर किताबें पढ़ें।
  • जब पहली पाठ्यपुस्तक को पढ़कर पूरा आत्मविश्वास आ जाए, तब दूसरी किताब पढ़ें।
  • केवल पढ़ना ही नहीं, बल्कि सवालों की प्रैक्टिस भी बहुत जरूरी है।
  • बीच-बीच में पुराने प्रश्न-पत्रों व मॉडल पेपरों को हल करने की कोशिश करें।
  • फैक्चुअल प्वॉइंट पर आप विषेश ध्यान देने की कोशिश करें।
  • कम समय में अधिक जवाब देने की कला सीख लेना फायदेमंद है।
फिजिक्स या गणित विषयों में थ्योरी समझ में आ जाए, तो न्यूमेरिकल के प्रश्न आसान लगेंगे। यह ध्यान रखें।
जहां दिक्कत आए, वहां किसी एक्सपर्ट से मदद लेने में गुरेज न करें। इंजीनियरिंग में कॅरियर का खाका खींचने के इच्छुक विद्यार्थियों के लिए रास्ता जेईई (मेन/एडवांस्ड) से होकर ही जाता है।
 
Top