कहते हैं कि यदि आपको पता नहीं कि आप कहां जा रहे हैं तो फिर आप कोई भी रास्ता ले सकते हैं। आप मंजिल तक नहीं पहुंचेंगे, क्योंकि आपकी कोई मंजिल है ही नहीं। जीवन में, कैरियर में सफलता के लिए लक्ष्य होना बहुत आवश्यक है। तात्पर्य यह है कि कैरियर विजन में कहीं कोई भ्रम की स्थिति नहीं होनी चाहिए।
सवाल है कि लक्ष्य यानी कैरियर विजन का स्वरूप कैसे निर्धारित करें। लक्ष्य निर्धारित करने के लिए आपको बाहरी शोरगुल से थोड़े समय के लिए कट कर अपने अंदर झांकना होगा। कल्पना करें कि यदि आपके पास जादू की ऐसी छड़ी होती कि सबकुछ संभव होता और आपको पैसे की आवश्यकता नहीं होती। तब आप क्या करना पसंद करते? उस अवस्था में आप कैसे अपना समय बिताना पसंद करते? हम में से कई लोग अपने वर्तमान व्यवसाय में नहीं होते, यदि उन्हें रोजमर्रा के लिए पैसे कमाने की आवश्यकता नहीं होती। यदि ऐसा होता तो आप क्या करना पसंद करते? इस सवाल का जवाब ढूंढे़। आपके जीवन का लक्ष्य, आपका व्यक्तिगत विजन यहीं से निकलेगा।
कहने का अर्थ यह है कि आपका नैसर्गिक लक्ष्य वही होता है, जिसे आप तब प्राप्त करना चाहते, जब आपको कुछ भी करने की विवशता न होती। मजे की बात यह है कि जिस काम को आप पैसे की इच्छा के बिना भी करना चाहते हैं, उसी को आप इतना अच्छा कर ले जाते हैं कि धन, प्रतिष्ठा, सफलता इत्यादि सभी कुछ अपने आप आपके पास आ जाता है।
एक बार जब यह समझ में आने लगे कि आप करना क्या चाहते हैं, तब सोचें कि लक्ष्य को पाएंगे कैसे। कोई भी चुनौतीपूर्ण लक्ष्य बिना योजनाबद्ध ढंग से आगे बढे़ पूर्ण नहीं होता। लक्ष्य निर्धारित करते समय कल्पना करें कि सबकुछ संभव है, यानी आपके पास जादू की छड़ी है। जब एक बार लक्ष्य निर्धारित हो जाये, तब सोचें कि जो वास्तविक कठिनाइयां हैं, उन्हें दूर कैसे करेंगे। बात कल्पना लोक में रहने की नहीं है, बात है लक्ष्य निर्धारित करते समय अपनी सोच पर अनावश्यक पहरे न लगाने की।
सवाल है कि लक्ष्य यानी कैरियर विजन का स्वरूप कैसे निर्धारित करें। लक्ष्य निर्धारित करने के लिए आपको बाहरी शोरगुल से थोड़े समय के लिए कट कर अपने अंदर झांकना होगा। कल्पना करें कि यदि आपके पास जादू की ऐसी छड़ी होती कि सबकुछ संभव होता और आपको पैसे की आवश्यकता नहीं होती। तब आप क्या करना पसंद करते? उस अवस्था में आप कैसे अपना समय बिताना पसंद करते? हम में से कई लोग अपने वर्तमान व्यवसाय में नहीं होते, यदि उन्हें रोजमर्रा के लिए पैसे कमाने की आवश्यकता नहीं होती। यदि ऐसा होता तो आप क्या करना पसंद करते? इस सवाल का जवाब ढूंढे़। आपके जीवन का लक्ष्य, आपका व्यक्तिगत विजन यहीं से निकलेगा।
कहने का अर्थ यह है कि आपका नैसर्गिक लक्ष्य वही होता है, जिसे आप तब प्राप्त करना चाहते, जब आपको कुछ भी करने की विवशता न होती। मजे की बात यह है कि जिस काम को आप पैसे की इच्छा के बिना भी करना चाहते हैं, उसी को आप इतना अच्छा कर ले जाते हैं कि धन, प्रतिष्ठा, सफलता इत्यादि सभी कुछ अपने आप आपके पास आ जाता है।
एक बार जब यह समझ में आने लगे कि आप करना क्या चाहते हैं, तब सोचें कि लक्ष्य को पाएंगे कैसे। कोई भी चुनौतीपूर्ण लक्ष्य बिना योजनाबद्ध ढंग से आगे बढे़ पूर्ण नहीं होता। लक्ष्य निर्धारित करते समय कल्पना करें कि सबकुछ संभव है, यानी आपके पास जादू की छड़ी है। जब एक बार लक्ष्य निर्धारित हो जाये, तब सोचें कि जो वास्तविक कठिनाइयां हैं, उन्हें दूर कैसे करेंगे। बात कल्पना लोक में रहने की नहीं है, बात है लक्ष्य निर्धारित करते समय अपनी सोच पर अनावश्यक पहरे न लगाने की।