एक बड़ी कहावत है- ‘जो जैसा बीज बोता है, उसे वैसा ही फल मिलता है।’ अगर सोच नकारात्मक है तो निराशा ही सामने आएगी और अगर सोच पॉजिटिव है, तभी अच्छे परिणाम मिलेंगे।
इससे पहले कि मैं आपको पॉजिटिव थिंकिं ग के बारे में कुछ कहूं, मैं चाहूंगा कि आप एक मिनट के लिए अपनी आंखें मूंद लीजिए और सोचिए कि कल बाजार जाने के लिए आप क्या पहनेंगे। जब आप ऐसा सोचेंगे तो खुद को उन कपड़ों में देखेंगे और फिर वक्त आने पर आप वैसी ही ड्रेस पहनेंगे। ड्रेस ही नहीं, आपकी पसंद की कोई भी चीज, जैसे मोबाइल, टॉर्च, टीवी, पेन आदि की भी पहले आप कल्पना करते हैं और फिर वह कल्पना हकीकत में बदलती है। स्पष्ट है कि जैसी तस्वीर आप अपने दिमाग में बनाएंगे, चीजें वैसी ही बनेंगी। यह सब सोच का खेल है। इसलिए सबसे जरूरी है, अपनी सोच को पॉजिटिव रखना।
पॉजिटिव थिंकिंग के लिए इन बातों पर ध्यान दें : हमेशा खुद की तुलना दूसरों से मत कीजिए। अपनी खूबियों को देखिए और उनको निखारने की कोशिश कीजिए।
- नई-नई चीजें सीखिए और खुद को नई परिस्थितियों में ढालने का प्रयत्न कीजिए। इससे आप किसी से पीछे नहीं रहेंगे और नेगेटिव बातें भी आपके दिमाग में नहीं आएंगी।
- किसी असफलता के लिए दूसरों के कमेंट्स पर ध्यान मत दीजिए। ऐसी बातों को दिल पर लेना बेकार है। खुद पर यकीन रखिए कि आप जरूर सफल होंगे।
- अपने दिमाग में अपनी खुद की सफल तस्वीर बनाइए। इससे आप उस दिशा में सही ढंग से आगे बढ़ने को प्रवृत्त होंगे।
- पॉजिटिव बातें लिखकर कमरे में टांगने से उन पर नजर पड़ती रहती है, जिससे मन में वैसा करने की चाहत बनती है।
- नेगेटिव सोच वाले लोगों से दूर रहिए। इतना ही नहीं, नेगेटिव नॉवेल, मूवी आदि से भी दूर रहिए, वरना मन में वैसे ही विचार आएंगे।
- हार से हारना न सीखें। हार को भी तराशा जाता है।