बालों को घना करें, जड़ों से मजबूत बनाएं और रूसी को जड़ों से दूर करें इस तरह के तमाम दावों पर आप जरूर गौर करते होंगे और इन परेशानियों से निजात के लिए रोजाना तरह-तरह के शैंपू की आजमाइश भी करते होंगे। लेकिन चिकित्सकों की मानें तो डैंडरफ यानी रूसी जैसी कोई चीज ही नहीं होती है और न ही यह कोई बीमारी ही है बल्कि यह सिर की त्वचा की मृत त्वचा होती है जो त्वचा परिवर्तन प्रक्रिया के दौरान सिर में दिखाई देती है। चिकित्सकों ने दावा करते हुए कहा है कि बालों से रूसी हटाने का कोई स्थायी समाधान हो ही नहीं सकता है क्योंकि यह त्वचा की प्राकृतिक प्रक्रिया का एक हिस्सा है।
माइक्रोबायोलॉजिस्ट डा. एस रंगनाथन का कहना है, ‘रूसी का कोई समाधान नहीं है और इसकी उत्पत्ति के बारे में अब तक कोई जानकारी नहीं है, क्योंकि अभी यह भी पता नहीं लग सका है कि यह बीमारी है या कोई विकार। उन्होंने कहा कि रूसी को खत्म करने की बात करना ही सिरे से बेमानी है। उनके मुताबिकि रूसी को खत्म करने वाले तमाम शैंपू निर्माता न केवल लोगों को ठगने की कोशिश कर रहें हैं बल्कि एक तरह से वह लोगों की भावनाओं का भी दोहन कर रहे हैं।
डा. राम मनोहर लोहिया अस्पताल, दिल्ली में त्वचा रोग विशेषज्ञ डा. एच के कर के अनुसार बालों में रूसी की समस्या-समस्या न होकर एक शारीरिक प्रक्रिया है। उन्होंने कहा यदि इसका कोई उपचार संभव होता तो आए दिन बाजार में नए-नए शैंपू क्यों सामने आ रहे होते? उन्होंने रूसी से परेशान लोगों को एंटी डैंड्रफ शैंपू पर पैसे पानी की बहाने की बजाय त्वचा रोग विशेषज्ञ के पास जाने की सलाह दी है। उल्लेखनीय है लोगों में रूसी की समस्या सामान्यतया सर्दी के मौसमों में ही अधिकतर देखा गया है और रूसी की समस्या संबंधित शिकायतें भी ज्यादातर इन्हीं मौसमों में पाई जाती है। बकौल डा. कर, रूसी की समस्या का मुख्य कारण उम्र, मौसम और हार्मोनल परिर्वतन भी हो सकता है।
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, दिल्ली में एक त्वचा विशेषज्ञ ने भी सुर में सुर मिलाते हुए कहा हैं कि रुसी कोई समस्या या बीमारी नहीं है और सलाह दी है कि रूसी निकलते समय सिर को प्रतिदिन धोना भी नहीं चाहिए, क्योंकि इससे त्वचा संबंधी बीमारी की संभावना बढ़ सकती है। उन्होंने इस अवधारणा का भी खंडन किया कि रूसी के कारण बाल टूटते अथवा गिरते हैं। उनके मुताबिक बालों को गिरने का कारण रूसी नहीं बल्कि कुछ और है।
माइक्रोबायोलॉजिस्ट डा. एस रंगनाथन का कहना है, ‘रूसी का कोई समाधान नहीं है और इसकी उत्पत्ति के बारे में अब तक कोई जानकारी नहीं है, क्योंकि अभी यह भी पता नहीं लग सका है कि यह बीमारी है या कोई विकार। उन्होंने कहा कि रूसी को खत्म करने की बात करना ही सिरे से बेमानी है। उनके मुताबिकि रूसी को खत्म करने वाले तमाम शैंपू निर्माता न केवल लोगों को ठगने की कोशिश कर रहें हैं बल्कि एक तरह से वह लोगों की भावनाओं का भी दोहन कर रहे हैं।

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, दिल्ली में एक त्वचा विशेषज्ञ ने भी सुर में सुर मिलाते हुए कहा हैं कि रुसी कोई समस्या या बीमारी नहीं है और सलाह दी है कि रूसी निकलते समय सिर को प्रतिदिन धोना भी नहीं चाहिए, क्योंकि इससे त्वचा संबंधी बीमारी की संभावना बढ़ सकती है। उन्होंने इस अवधारणा का भी खंडन किया कि रूसी के कारण बाल टूटते अथवा गिरते हैं। उनके मुताबिक बालों को गिरने का कारण रूसी नहीं बल्कि कुछ और है।