यदि आप उद्यमी बनना चाहते हैं तो आइडिया के साथ-साथ प्लानिंग और बजट पर खास ध्यान देना होगा। आज के युवाओं की एक बड़ी संख्या नौकरी करने के बजाय उद्यमी बनना ज्यादा पसंद करने लगी है। स्मॉल और मीडियम एंटरप्राइजेज में युवा उद्यमियों को स्पष्ट तौर पर आशा की किरण दिखाई देती है। पर इसमें सफलता सिर्फ उसी को नसीब होती है, जो पूरी प्लानिंग के साथ आगे बढ़ते हैं। ऐसे में कई बातें हैं, जिन पर ध्यान देकर सफलता की बुलंदियों पर पहुंचा जा सकता है।
शानदार आइडिया (Creative Amazing Idea): कोई भी व्यवसाय शुरू करने से पहले उस पर विस्तृत सोच-विचार कर लेना चाहिए। आइडिया ही आपकी मंजिल का पहला कदम है। आइडिया आपकी रुचि और नॉलेज के अनुरूप तो होना ही चाहिए, साथ ही जरा हटकर भी होना चाहिए। तभी उस आइडिया से बेहतर परिणाम प्राप्त होंगे।
प्लानिंग (Business Planning) : प्लानिंग के तहत बाजार विश्लेषण, लागत और अनुमानित लाभ का आकलन किया जाता है। प्लानिंग स्तर पर यह जरूरी है कि आप उस आइडिया को ऐसे क्रियान्वित करें जो वर्तमान बाजार की जरूरतों को पूरा कर सके। साथ ही आनेवाली जरूरतों के मद्देनजर भी उपभोक्ताओं को आकर्षित कर सके।
वित्तीय पहलू (Financial Planning) : किसी भी उद्यम के स्वरूप का निर्धारण उसकी वित्तीय स्थिति के अनुरूप होता है। ऐसे में कारोबार की प्लानिंग शुरुआती पूंजी (सीड कैपिटल) के आधार पर ही करनी चाहिए। इसमें उद्यमी या तो खुद पैसा लगा सकता है या बैंक लोन का सहारा ले सकता है। इसके अलावा पूंजी जुटाने के लिए वेंचर कैपिटलिस्ट (वीसी) या इन्वेस्टरों की मदद ली जा सकती है। वैसे कोशिश यही होनी चाहिए कि अपनी पूंजी से ही कारोबारी शुरुआत हो।
कार्य की निरंतरता : एक बार जब आपका उत्पाद या आपकी सेवा उपभोक्ताओं को मिलने लगती है, तो फिर सफलता के लिए जरूरी है कि उसमें कोई बाधा न आने पाए। यह बाधा आर्थिक, कानूनी या कर्मचारियों को लेकर भी हो सकती है। प्रोडक्ट के उचित डिस्ट्रीब्यूशन के लिए व्यवस्थित नेटवर्क अत्यंत ही जरूरी है।
गुणवत्ता : कारोबार में गुणवत्ता को बनाए रखना सफलता के लिए अनिवार्य है। इसमें निरंतर सुधार लाने की कोशिश करनी चाहिए। नई तकनीक और कुशल कर्मचारियों की मदद से गुणवत्ता बनाए रखने में मदद मिलती है।
कोर्स : आप जो भी बिजनेस करना चाहते हैं, उसके बारे में जानकारी अत्यंत ही जरूरी है। ऐसे में यदि आप उससे संबंधित कोई कोर्स कर लेते हैं, तो कारोबारी सफलता सुनिश्चित होती है। इसके अलावा उस फील्ड विशेष के किसी एक्सपर्ट की सलाह भी कारोबार में मददगार होती है।
शानदार आइडिया (Creative Amazing Idea): कोई भी व्यवसाय शुरू करने से पहले उस पर विस्तृत सोच-विचार कर लेना चाहिए। आइडिया ही आपकी मंजिल का पहला कदम है। आइडिया आपकी रुचि और नॉलेज के अनुरूप तो होना ही चाहिए, साथ ही जरा हटकर भी होना चाहिए। तभी उस आइडिया से बेहतर परिणाम प्राप्त होंगे।
प्लानिंग (Business Planning) : प्लानिंग के तहत बाजार विश्लेषण, लागत और अनुमानित लाभ का आकलन किया जाता है। प्लानिंग स्तर पर यह जरूरी है कि आप उस आइडिया को ऐसे क्रियान्वित करें जो वर्तमान बाजार की जरूरतों को पूरा कर सके। साथ ही आनेवाली जरूरतों के मद्देनजर भी उपभोक्ताओं को आकर्षित कर सके।
वित्तीय पहलू (Financial Planning) : किसी भी उद्यम के स्वरूप का निर्धारण उसकी वित्तीय स्थिति के अनुरूप होता है। ऐसे में कारोबार की प्लानिंग शुरुआती पूंजी (सीड कैपिटल) के आधार पर ही करनी चाहिए। इसमें उद्यमी या तो खुद पैसा लगा सकता है या बैंक लोन का सहारा ले सकता है। इसके अलावा पूंजी जुटाने के लिए वेंचर कैपिटलिस्ट (वीसी) या इन्वेस्टरों की मदद ली जा सकती है। वैसे कोशिश यही होनी चाहिए कि अपनी पूंजी से ही कारोबारी शुरुआत हो।
कार्य की निरंतरता : एक बार जब आपका उत्पाद या आपकी सेवा उपभोक्ताओं को मिलने लगती है, तो फिर सफलता के लिए जरूरी है कि उसमें कोई बाधा न आने पाए। यह बाधा आर्थिक, कानूनी या कर्मचारियों को लेकर भी हो सकती है। प्रोडक्ट के उचित डिस्ट्रीब्यूशन के लिए व्यवस्थित नेटवर्क अत्यंत ही जरूरी है।
गुणवत्ता : कारोबार में गुणवत्ता को बनाए रखना सफलता के लिए अनिवार्य है। इसमें निरंतर सुधार लाने की कोशिश करनी चाहिए। नई तकनीक और कुशल कर्मचारियों की मदद से गुणवत्ता बनाए रखने में मदद मिलती है।
कोर्स : आप जो भी बिजनेस करना चाहते हैं, उसके बारे में जानकारी अत्यंत ही जरूरी है। ऐसे में यदि आप उससे संबंधित कोई कोर्स कर लेते हैं, तो कारोबारी सफलता सुनिश्चित होती है। इसके अलावा उस फील्ड विशेष के किसी एक्सपर्ट की सलाह भी कारोबार में मददगार होती है।
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