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कुछ-न-कुछ कमी सभी में होती है। जरूरत उनसे बचने की नहीं है, बल्कि उनको पहचान कर उनको सुधारने की है। आप कमजोरियों पर विजय पाने के लिए 'D'की सीढ़ी का सहारा लें। कमजोरियों को मन के door (दरवाजा) से बाहर निकालें। उन पर विजय पाने के लिए desire (इच्छा) जरूरी है। फिर उस direction (दिशा) में कदम बढ़ाएं और
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Discipline (अनुशासन) का पालन करें। पूर्ण dedication (समर्पण) और determination (दृढ़ता) के साथ यदि आप कोशिश करेंगे तो न सिर्फ आपकी कमजोरियां दूर होंगी, बल्कि इससे आप destination (मंजिल) के करीब पहुंचेंगे।
हर व्यक्ति में कोई-न-कोई ताकत और कोई-न-कोई कमजोरी होती ही है। लेकिन आपकी कोशिश यह होनी चाहिए कि अपनी कमजोरियों पर विजय पाएं, अन्यथा ये आपको आगे बढ़ने से रोकेंगी। कमजोरियों को पहचानने के लिए निम्न तरीका अपनाएं
लिखिए : सोचने से कुछ नहीं होगा। कागज-पेंसिल उठाएं और लिखना शुरू कर दें कि आपकी कमजोरियां क्या हैं, यानी वे कौन-सी बातें हैं जो आपको आगे बढ़ने से रोकती हैं। इस बाबत आप दूसरों की सलाह भी ले सकते हैं।

कमजोरियों का प्रभाव : अपनी कमजोरियों पर नजर डालने के बाद आप यह जानने की कोशिश करें कि वे किस तरह आपके जीवन पर प्रभाव डालती हैं। जब इसके दुष्परिणामों का मनन करेंगे तो अपनी इसको दूर करने के लिए आप कदम उठाएंगे।
सुधार की ओर : जब किसी कमजोरी के इतने नुकसान हों तो फौरन सुधार की तरफ कदम बढ़ाएं। जैसे, वक्त पर काम करने के लिए टाइम-टेबल बनाएं, अंग्रेजी कमजोर हो तो कोचिंग ज्वॉइन करें आदि। इससे आप सफलता के करीब पहुंचेंगे और आपकी हीनभावना भी दूर होगी।
आकलन भी जरूरी : यदि आपने अपनी कमजोरियों को दूर करने की दिशा में कदम बढ़ा लिए हैं तो जरूरी है कि आप समय-समय पर परिणामों का आकलन भी करें। मिले सकारात्मक परिणाम से आपका उत्साहवर्द्धन होगा और आपके कदम मंजिल की ओर तेजी से बढ़ने लगेंगे।

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