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सीए(CA) यानी चार्टर्ड अकाउंटेंट(Chartered Accountant) बनने का क्रेज युवाओं में हमेशा से रहा है, खासतौर पर कॉमर्स स्ट्रीम के छात्रों में। वैसे क्रेज होना लाजिमी है, क्योंकि सीए बनने के बाद न सिर्फ आपकी जेब में बढ़िया पैकेज होगा, बल्कि समाज में मान-सम्मान भी बढ़ेगा। जहां तक नौकरी की संभावनाओं का सवाल है, तो अमूमन हर कंपनी में ऐसे प्रोफेशनल्स की जरूरत होती है, जिन्हें अकाउंटिंग व ऑडिटिंग में महारत हासिल हो। इस फील्ड में नौकरी के अलावा प्राइवेट प्रैक्टिस शुरू करने का भी विकल्प है।
हर देश की अपनी अकाउंटिंग एसोसिएशन होती है। भारत में चार्टर्ड अकाउंटेंसी एक्ट - 1949 के तहत इंस्टीटूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) स्थापित किया गया है। चार्टर्ड अकाउंटेंट की गुणवत्ता, पाठक्रम, एग्जाम्स और लाइसेंस जारी करने जैसे महत्वपूर्ण काम इसी संस्थान की निगरानी में होते हैं। लेकिन सीए प्रोफेशन जितना प्रतिष्ठित है, उतना ही चैलेंजिंग भी। जानते हैं, सीए बनने के लिए होने वाली परीक्षाएं, उनके कार्य और जरूरी स्किल्स केबारे में -

परीक्षाएं और चरण (How Become a Chartered Accountant step and Process): 

सीए का ओहदा पाने के लिए आपको मुख्यतया तीन चरणों में आयोजित परीक्षाएं उत्तीर्ण करनी होंगी- पहला सीपीटी, दूसरा आईपीसीसी और तीसरा सीए फाइनल।सीपीटी (CPTकॉमन प्रॉफिशिएंसी टेस्ट): इस टेस्ट को आप मेडिकल या इंजीनियरिंग के लिए होने वाली प्रवेश परीक्षा के तौर पर ले सकते हैं, जिनके जरिए कोर्स के लिए अभ्यथिर्यों की बेसिक योग्यता परखी जाती है। यह परीक्षा चार घंटे की होती है। दो सेक्शन होते हैं, जिसे हल करने के लिए दो-दो घंटे का समय दिया जाता है। ये प्रश्न ऑब्जेक्टिव टाइप होते हैं। नेगेटिव मार्किंग का प्रावधान भी होता है। परीक्षा में फंडामेंटल ऑफ अकाउंट्स, मर्केंटाइल लॉ, जनरल इकोनॉमिक्स, क्वांटिटेटिव एप्टीटूड से प्रश्न पूछे जाते हैं।

आईपीसीसी ({IPCC}इंटीग्रेटेड प्रोफेशनल सर्टिफिकेट कोर्स):12वीं और सीपीटी उत्तीर्ण करने के बाद ही छात्र आईपीसीसी के लिए रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं।इस स्टेज में दो ग्रुप होते हैं।पहले गु्रप में चार और दूसरे में तीन पेपर होते हैं। परीक्षा देने से पहले आपको 100 घंटों की आईटीटी (इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी टे्रनिंग) भी करनी होगी। परीक्षा देने के बाद तीन वर्ष की महत्वपूर्ण आर्टिकलशिप ट्रेनिंग भी करनी होती है।
सीए फाइनल (CA Final): आईपीसीसी के बाद तीसरी और आखिरी चुनौती होती है, सीए फाइनल एग्जामिनेशन। आईपीसीसी के बाद सीए फाइनल एग्जामिनेशन के लिए रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं।इस स्टेज में फाइनेंशियल रिपोर्टिंग, फाइनेंशियल मैनेजमेंट, एडवांस मैनेजमेंट इन अकाउंटिंग, ऑडिटिंग, प्रिंसिपल्स ऑफ ई-गवर्नेंस, कॉरपोरेट ऐंड एलायड लॉ, इंटरनेशनल टैक्सेशन ऐंड वैट आदि का ज्ञान दिया जाता है। इसके बाद 15 दिन का जनरल मैनेजमेंट ऐंड कम्युनिकेशन स्किल्स (जीएमसीएस) कोर्स भी करना होता है। इन सब बाधाओं पर पार पाने के बाद आईसीएआई की सदस्यता प्राप्त करने और सीए पद के लिए आवेदन किया जा सकता है।
योग्यता (Eligibility for Chartered Accountant IPCC Exam):सीपीटी के लिए आप 10वीं पास करने के बाद ही रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं।यह परीक्षा आप 12वीं पास करने के बाद ही दे सकते हैं। अगर रिजल्ट आने वाला है, तो भी आप सीपीटी परीक्षा में बैठने के योग्य हैं। साइंस, आर्ट्स और कॉमर्स, किसी भी स्ट्रीम से 12वीं पास छात्र यह परीक्षा देकर सीए की राह अपना सकते हैं। सीपीटी के लिए रजिस्ट्रेशन पूरे वर्ष खुला रहता है।लेकिन परीक्षा वर्षमें केवल दो बार, जून और दिसंबर में होती है।

आवश्यक स्किल्स (Necessary Skills to Become a CA):

इस क्षेत्र में भविष्य संवारने के लिए सबसे पहली शर्त है, फाइनेंस व नंबरों में रुचि। आकड़ों का विश्लेषण और उनका प्रस्तुतीकरण भी आना चाहिए। न्यूमेरिकल, लॉजिकल और मेथॉडिकल एपरोच उम्दा स्तर की होनी चाहिए। इस फील्ड में वित्तीय वर्ष के अंत में काम बहुत ज्यादा होता है, तो दबाव में लंबे समय तक काम करते रहने का स्टैमिना भी होना चाहिए। अगर आप खुद की प्रैक्टिस करना चाहते हैं, तो इसके लिए बिजनेस स्किल्स होनी चाहिए।

काम के मौके (CA Chartered Accountant Jobs and Opportunity): 

वर्तमान में भारतीय अर्थव्यवस्था तेजी से विकास कर रही है। ग्लोबलाइजेशन के दौर में अन्य देशों की अर्थव्यवस्थाओं से हमारे संबंध और गहरे होते जा रहे हैं। ऐसे में सीए प्रोफेशनल्स की मांग तेजी से बढ़ रही है। ये लोग आज एक कंप्लीट बिजनेस सॉल्यूशन प्रोवाइडर के तौर पर काम करते हैं। फाइनेंशियल अकाउंटिंग, ऑडिटिंग, कॉस्ट अकाउंटिंग, टैक्स मैनेजमेंट, कंसल्टेंसी आदि इनके काम के मुख्य क्षेत्र हैं। कोई कंपनी या बिजनेस कैसे चलना चाहिए, इसका प्रबंधन, कानूनी और व्यावसायिक पहलू, योजना और रणनीति, इन तमाम तरह के कामों में सीए की जरूरत पड़ती हैं। कोर्स पूरा होने के बाद आप प्राइवेट और सरकारी, दोनों क्षेत्रों में काम कर सकते हैं। आपको किसी भी कंपनी में अकाउंटिंग, ऑडिटिंग, कॉरपोरेट फाइनेंस, प्रोजेक्ट इवैल्यूएशन, कंपनी या बिजनेस लॉ, टैक्सेशन एवं कॉरपोरेट गवर्नेंस के क्षेत्रों में टॉप जॉब या प्रैक्टिस करने का मौका मिल सकता है। आप चाहें तो नौकरी न करके खुद की प्रैक्टिस भी कर सकते हैं। इन दिनों रिस्क मैनेजमेंट, एश्योरेंस ऐंड परफॉरमेंस मेजरमेंट सर्विसेज, चेंज मैनेजमेंट, स्ट्रैटिजिक मैनेजमेंट और फाइनेंस में चार्टर्ड अकाउंटेंट्स की अच्छी मांग है। फाइनेंशियल रेगुलेशन, फाइनेंशियल रिपोर्टिंग, टैक्स कंप्लाइंस, टैक्स एडवाइज ऐंड प्लानिंग, कॉरपोरेट फाइनेंस, इन्सॉल्वेंसी ऐंड कॉरपोरेट रिकवरी और मैनेजमेंट कंसल्टेंसी में भी काफी मौके मिलते हैं।

कोर्स के दौरान छात्रों को किन बातों का ध्यान रखना चाहिए? (Important Tips for CA CPT Students)

चार्टर्ड अकाउंटेंसी एक बेहद प्रैक्टिकल कोर्स है। पहले दिन से छात्र इसमें सीखना शुरू कर देता है। आर्टिकलशिप इसका अहम हिस्सा है। इन तीन सालों में छात्र इंडस्ट्री की जरूरत के मुताबिक ढल जाता है। छात्र को न सिर्फ इंडस्ट्री को लेकर अपडेट रहना चाहिए, बल्कि कई तरह से ऑडिटिंग के लिए टेक्नोफंक्शनल स्किल्स भी जरूरी हैं। कोर्स के दौरान उन्हें अपने काम के साथ परीक्षा की भी तैयारी करनी होती है। इसलिए समय प्रबंधन व दबाव में काम करना आना चाहिए। मार्केट के बदलते रुझान और बिजनेस विश्लेषण पर खासतौर से गौर करना चाहिए।

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