विभिन्न उत्पादों के लिए लेदर डिजाइनरों की मांग काफी बढ़ रही है। वर्तमान माहौल में लेदर डिजाइनिंग से संबंधित कोर्स एक आकर्षक कैरियर की दिशा निर्धारित करता है। भारतीय लेदर इंडस्ट्री नई ऊंचाइयां छू रही है। पिछले कुछ समय के दौरान लेदर टेक्नोलॉजी कैरियर के एक आकर्षक विकल्प के रूप में उभरी है। कुछ साल पहले तक इस क्षेत्र में आने वाले लोग किसी औपचारिक शिक्षा के बजाय अनुभव या परंपरागत रूप से इस पेशे में आते थे, लेकिन अब देश में कई संस्थान डिजाइनिंग और प्रोडक्शन के क्षेत्र में डिप्लोमा और सर्टिफिकेट कोर्स करा रहे हैं। इससे इस क्षेत्र में प्रोफेशनलिज्म आ रहा है। तरह-तरह के उत्पादों के लिए लेदर डिजाइनरों की आज काफी जरूरत है।
कार्य की प्रकृति (Nature of Work for Leather Industry):लेदर उत्पादों की मांग तेजी से बढ़ रही है। जैसे-जैसे बहुराष्ट्रीय कंपनियां भारत में आ रही हैं, इसका हाईटेक इंडस्ट्री बनना तय है। लेदर का उपयोग जूते, बेल्ट, बैग, पर्स, खिलौनों के कैप, घरेलू साज-सामान, वाद्य-यंत्र, कपड़ों के टैग, गिफ्ट आदि में किया जाता है। फिलहाल भले ही इस उद्योग में काम कर रहे ज्यादातर लोग प्रशिक्षित नहीं हैं, लेकिन अब इसका तकनीकी और प्रोफेशनल दोनों ही स्तरों पर विकास हो रहा है। नए दौर की चुनौतियों से जूझने के लिए इसमें कुशल प्रोफेशनल्स की जरूरत है। इंडस्ट्री में कैरियर बनाने के इच्छुक छात्र अपनी रुचि के मुताबिक डिजाइनिंग अथवा तकनीकी क्षेत्र को चुन सकते हैं। डिजाइनिंग की बात करें, तो दुनिया भर में कपड़ों और एक्सेसरीज के डिजाइन में लेदर का प्रयोग होता है।
कैसा हो व्यक्तित्व (Leather Sector Personality of Human):इस उद्योग में काम करने केलिए किसी विशेष गुण की आवश्यकता नहीं है। किसी भी अन्य उद्योग की तरह यहां भी कामयाबी पाने के लिए दृढ़ संकल्प, समर्पण और कड़ी मेहनत ही मूल मंत्र हैं। हां, प्रोडक्शन के क्षेत्र में खासी मेहनत करनी पड़ती है। डिजाइनिंग में मानसिक क्षमता और कलात्मक रुचि का ज्यादा महत्व है। एक डिजाइनर के लिए रचनात्मकता और नए विचार इस क्षेत्र में बेहद काम आते हैं।
कैसे-कैसे कोर्स (What types of Leather Industry Programmes):लेदर डिजाइनिंग में सर्टिफिकेट, डिप्लोमा, पीजी डिप्लोमा आदि कई तरह के पाठक्रम उपलब्ध हैं। कोर्स के अनुसार ही छात्रों के लिए शैक्षणिक योग्यता का भी निर्धारण किया गया है।
अवसर (Jobs and Opportunities for Leather Industry):लेदर प्रोडक्शन का प्रशिक्षण लेने के बाद किसी उत्पादक कंपनी में काम किया जा सकता है। अनुभव बढ़ने पर अपना काम भी शुरू किया जा सकता है। सबसे बड़ी बात यह है कि अपना काम बेहद कम लागत में भी छोटे स्तर पर शुरू किया जा सकता है। इसमें श्रम और रॉ मैटेरियल की कीमत तो कम है ही, बिजली का खर्च भी खासा कम है।
प्रमुख संस्था (Top Main Institutes where you can Do the Course)
कार्य की प्रकृति (Nature of Work for Leather Industry):लेदर उत्पादों की मांग तेजी से बढ़ रही है। जैसे-जैसे बहुराष्ट्रीय कंपनियां भारत में आ रही हैं, इसका हाईटेक इंडस्ट्री बनना तय है। लेदर का उपयोग जूते, बेल्ट, बैग, पर्स, खिलौनों के कैप, घरेलू साज-सामान, वाद्य-यंत्र, कपड़ों के टैग, गिफ्ट आदि में किया जाता है। फिलहाल भले ही इस उद्योग में काम कर रहे ज्यादातर लोग प्रशिक्षित नहीं हैं, लेकिन अब इसका तकनीकी और प्रोफेशनल दोनों ही स्तरों पर विकास हो रहा है। नए दौर की चुनौतियों से जूझने के लिए इसमें कुशल प्रोफेशनल्स की जरूरत है। इंडस्ट्री में कैरियर बनाने के इच्छुक छात्र अपनी रुचि के मुताबिक डिजाइनिंग अथवा तकनीकी क्षेत्र को चुन सकते हैं। डिजाइनिंग की बात करें, तो दुनिया भर में कपड़ों और एक्सेसरीज के डिजाइन में लेदर का प्रयोग होता है।
कैसा हो व्यक्तित्व (Leather Sector Personality of Human):इस उद्योग में काम करने केलिए किसी विशेष गुण की आवश्यकता नहीं है। किसी भी अन्य उद्योग की तरह यहां भी कामयाबी पाने के लिए दृढ़ संकल्प, समर्पण और कड़ी मेहनत ही मूल मंत्र हैं। हां, प्रोडक्शन के क्षेत्र में खासी मेहनत करनी पड़ती है। डिजाइनिंग में मानसिक क्षमता और कलात्मक रुचि का ज्यादा महत्व है। एक डिजाइनर के लिए रचनात्मकता और नए विचार इस क्षेत्र में बेहद काम आते हैं।
कैसे-कैसे कोर्स (What types of Leather Industry Programmes):लेदर डिजाइनिंग में सर्टिफिकेट, डिप्लोमा, पीजी डिप्लोमा आदि कई तरह के पाठक्रम उपलब्ध हैं। कोर्स के अनुसार ही छात्रों के लिए शैक्षणिक योग्यता का भी निर्धारण किया गया है।
अवसर (Jobs and Opportunities for Leather Industry):लेदर प्रोडक्शन का प्रशिक्षण लेने के बाद किसी उत्पादक कंपनी में काम किया जा सकता है। अनुभव बढ़ने पर अपना काम भी शुरू किया जा सकता है। सबसे बड़ी बात यह है कि अपना काम बेहद कम लागत में भी छोटे स्तर पर शुरू किया जा सकता है। इसमें श्रम और रॉ मैटेरियल की कीमत तो कम है ही, बिजली का खर्च भी खासा कम है।
प्रमुख संस्था (Top Main Institutes where you can Do the Course)
- सेंट्रल लेदर रिसर्च इंस्टीटूट, चेन्नई
- कोर्स : लेदर गुड्स, लेदर गारमेंट्स, लेदर फुटवियर प्रोसेसिंग में डिप्लोमा कोर्स (एक वर्ष)
- योग्यता : न्यूनतम 50 फीसदी अंकों के साथ 12वीं उत्तीर्ण
- वेबसाइट : www.clri.org
- एफडीडीआई, नोएडा
- कोर्स : डिप्लोमा इन लेदर गुड्स एंड एक्सेसरीज डिजाइन (अवधि तीन वर्ष)
- योग्यता : 12वीं
- कोर्स : पीजी डिप्लोमा इन लेदर गुड्स ऐंड एक्सेसरीज डिजाइन (दो वर्ष)
- योग्यता : ग्रेजुएशन
- कोर्स : डिप्लोमा इन फुटवियर टेक्नोलॉजी व सर्टिफिकेट कोर्स इन फुटवियर मैन्यू. टेक्नोलॉजी
- योग्यता : 12वीं उत्तीर्ण (अवधि छह माह)
- कोर्स : पीजी डिप्लोमा इन फुटवियर टेक्नोलॉजी योग्यता : ग्रेजुएशन
- वेबसाइट :www.fddiindia.com
- सेंट्रल फुटवियर ट्रेनिंग इंस्टीटूट (मिनिस्ट्री ऑफ स्मॉल स्केल इंडस्ट्रीज, भारत सरकार), आगरा
- कोर्स : डिप्लोमा इन फुटवियर मैन्युफैक्चरिंग ऐंड डिजाइन (दो वर्ष)
- योग्यता : 12वीं उत्तीर्ण
- कोर्स :सर्टिफिकेट इन फुटवियर डिजाइन एेंड प्रोडक्ट डेवलपमेंट (एक वर्ष)
- योग्यता : 12वीं उत्तीर्ण
- कोर्स : क्रैश कोर्स इन शू डिजाइनिंग ऐंड प्रोडक्शन टेक्नोलॉजी (छह महीने)
- योग्यता : 12वीं उत्तीर्ण
- कोर्स :सर्टिफिकेट कोर्स इन बेसिक शू डिजाइनिंग ऐंड पैटर्न मेकिंग (छह महीने)
- योग्यता :10वीं उत्तीर्ण
- वेबसाइट :www.cftiagra.org.in
- नेशनल इंस्टीटूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी (निफ्ट), नई दिल्ली
- कोर्स : बैचलर इन डिजाइनिंग (लेदर डिजाइन)
- योग्यता : 12वीं
- वेबसाइट :www.nift.ac.in
- हरबर्ट बटलर टेक्नोलॉजी इंस्टीटूट, कानपुर
- कोर्स : बीटेक इन लेदर टेक्नोलॉजी (4 वर्ष) योग्यता : 12वीं उत्तीर्ण
- वेबसाइट :www.hbti.ac.in
- गवर्नमेंट कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग ऐंड लेदर टेक्नोलॉजी, कोलकाता
- कोर्स :बीटेक इन लेदर टेक्नोलॉजी
- योग्यता : 12वीं
- वेबसाइट :www.gcelt.gov.in