
अगर आप अपने जीवन में तेजी से बदलाव चाहते हैं, तो लिखें कि आप क्या चाहते हैं। इसे दिन में तीन बार पढ़ें और रात को सोते समय पढ़ें, ताकि यह सब आपके चेतन में बस जाए। लगातार कहते रहें कि आप क्या चाहते हैं। तब आपको उस पर विश्वास हो जाएगा और रवैए में भी परिवर्तन दिखाई देने लगेगा। उस समय आप सही और असली मुद्दों पर केंद्रित होना सीख पाएंगे।
हमारे चारों ओर अवसर बिखरे रहते हैं। उन अवसरों से लाभ उठाना हमारे ही हाथ में है। अगर आपके विचार, सोच व मानसिकता एक ही दिशा में न हों, तो सफलता के संकल्प पर डटे रहना मुश्किल हो जाता है।
>सफलता पाने के लिए लक्ष्य के अंतिम निर्णय पर भी केंद्रित रहें। अवचेतन मस्तिष्क सदा आपको ऐसे साधनों के लिए मार्गदर्शन देगा, जहां आप अपने लक्ष्य पा सकते हैं। खुद को लक्ष्य से संबंधित कार्यों से जोड़ें। यह तभी संभव है जब हर काम की जवाबदेही लेना सीखें। आप जो भी करें, उसे पूरा करें। उसे किसी भी तरह से टालने की कोशिश न करें। अपने-आपसे झूठ कहने से बचें। अपने सपने को साकार करने की कोशिश की दिशा में प्रयासरत रहें।
अगर आप स्पष्ट रूप से जानते हैं कि आपको जीवन से क्या चाहिए, तो आप ज्यादा अच्छे तरीके से उस पर केंद्रित रह सकते हैं। तब आपको फैसला करने में भी आसानी होगी कि आप किन मुद्दों पर समय, ऊर्जा, धन व प्रतिभा लगाने वाले हैं। जीवन को ऐसे रूप में जीने का अभ्यास बनाएं, जिसमें आप अपने उद्देश्य को भली-भांति प्रकट कर सकें। इस रवैए से आपको अपने निर्णय, विचारों, भावनाओं व कामों को भरपूर तरीके से प्रकट करने में मदद मिलेगी। एक उद्देश्यपूर्ण जीवन संसार में आपके अस्तित्व में एक विलक्षण प्रभाव ला सकता है।
जीवन के लिए कुछ मूल्य चुनें और उन पर डटे रहें, मानो वह आपसे गहरा संबंध रखते हों। आपके मूल्य या उसूल ही जीवन के उद्देश्य का अभिन्न अंग होते हैं। एक उद्देश्यहीन जीवन जीने की बजाए उत्तेजक, रोमांचक, संतुष्टिदायक व आनंददायक जीवन जीने का अपना ही मजा होता है। स्थिति चाहे कैसी भी हो, अपने सामने कोई उद्देश्य लेकर जरूर चलें, ताकि दिनभर के पूरे काम के बाद रात को सोते समय आपको संतुष्टि मिल सके कि आपने दिन के लिए जो कुछ भी सोचा था, उसे पूरा कर दिखाया।
जो लोग अपने लक्ष्य और उद्देश्य के साथ मंजिल तक पहुंचते हैं, पूरा संसार उनका स्वागत करता है। ऐसे लोगों को अनपेक्षित साधनों से सहयोग मिलता है और ईश्वरीय वरदान प्राप्त होता है। एक विद्वान लेखक डब्ल्यू. एच. मुरे के अनुसार - ‘यदि काम संकोच के साथ शुरू हो तो प्रभावी नहीं हो पाता। सभी रचनात्मक पहलुओं से जुड़ा एक ही सच है, जिसकी जानकारी के अभाव में सारे अनंत विचार नष्ट हो जाते हैं।’ तात्पर्य यह है कि उद्देश्यपूर्ण जीवन की सफल है।
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