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बैंकों या अन्य वित्तीय संस्थानों में फाइनेंस एक्सपर्ट के अलावा रिलेशनशिप मैनेजरों की भी महत्वपूर्ण भूमिका होती है, जो ग्राहकों से बेहतर संपर्क बनाने के लिए जिम्मेदार होते हैं।

मार्केटिंग व कस्टमर रिलेशनशिप का तालमेल
जॉब
बैंकों में जहां कॉमर्स, सीए व फाइनेंस के जानकारों की जरूरत होती है, वहीं मार्केटिंग व पब्लिक रिलेशनशिप विशेषज्ञ भी अब बैंकों व वित्तीय संस्थानों की जरूरत बन गए हैं। यही कारण है कि ये जॉब भी कैरियर के दृष्टिकोण से काफी महत्वपूर्ण हैं। जिनमें अच्छा वेतन भी है तथा योग्यता व अच्छे प्रशिक्षण के बल पर तरक्की के भी पर्याप्त अवसर हैं। इसी से संबंधित एक पद है संपर्क प्रबंधक यानी रिलेशनशिप मैनेजर (आरएम) का। बैंकिंग कार्यप्रणाली के ठीक से चलते रहने को सुनिश्चित करने के अलावा आरएम का यह भी महत्वपूर्ण काम है कि वे ग्राहकों को यह महसूस होने दें कि वे सही और सुरक्षित जगह पर हैं। ये प्रबंधक प्रत्यक्ष बिक्री सहयोग (डायरेक्ट सेल्स एसोसिएट्स यानी डीएसए) और डायरेक्ट सेल्स टीम यानी डीएसटी के कार्य को भी देखते हैं। इसके अलावा बैंक कर्मियों को भी बैंक की नीतियों के बारे में बताते हैं और ग्राहक के साथ कैसे पेश आएं, इसका भी प्रशिक्षण देते हैं।
कार्य की प्रकृति
लोन और चालू एवं बचत खातों की फाइलों को जांचना, इन फाइलों को आगे बढ़ाना, भारतीय जांच ब्यूरो लिमिटेड (सीआईबीआईएल) की रेटिंग को जांचना, क्रेडिट टीम फाइलों की प्रगति को जांचना, तैयार फाइल को देखना, डीएसए व डीएसटी से रिपोर्ट लेना आदि इन प्रोफेशनल्स के कार्य-क्षेत्र के अंतर्गत आता है। बैंकिंग क्षेत्र से जुड़े विशेषज्ञ और टीकेडब्ल्यूएस इंस्टीट्यूट ऑफ बैंकिंग के डायरेक्टर अमित गोयल का कहना है कि कई बार पर्याप्त योग्यता के बावजूद संबंधित व्यक्ति को वह मुकाम नहीं मिल पाता। इसलिए उस क्षेत्र विशेष की कुछ खास पद्धतियों का प्रशिक्षण ले लिया जाए और खुद को तैयार किया जाए तो निश्चित रूप से सफलता कदम चूमेगी।
योग्यता
रिलेशनशिप मैनेजर (आरएम) के लिए उचित शिक्षा के अलावा विशेष योग्यता भी होनी चाहिए। योग्यता में कुछ खास बातें शामिल हैं, जिनमें से प्रमुख हैं- बेहतर प्रशासनिक योग्यता, संवाद और प्रस्तुतीकरण की अच्छी योग्यता, उत्पादन की बारीक समझ, बेहतर नेटवर्किंग, न्यूमेरिकल एबिलिटी आदि। जिन विद्यार्थियों के पास बीबीए, एमबीए आदि की डिग्री हो, उन्हें इस पद के लिए खास तौर से योग्य माना जाता है। इसके अलावा बैंकिंग सिस्टम की बेहतर जानकारी भी जरूरी है।
संबंधित कोर्स
किसी भी प्रबंधन संस्थान से एमबीए करना अभ्यर्थियों को रिलेशनशिप मैनेजर के लिए योग्य बनाता है। यदि बैंकिंग से संबंधित पाठ्यक्रमों की बात करें, तो बीबीए इन बैंकिंग ऐंड फाइनेंशियल सर्विसेज, मास्टर्स डिग्री इन बैंकिंग ऐंड फाइनेंस, बीकॉम इन बैंकिंग ऐंड फाइनेंस, पीजी डिप्लोमा इन बैंकिंग ऐंड फाइनेंस, एमबीए बैंकिंग, पीजी डिप्लोमा इन एडवांस फाइनेंशियल प्लानिंग ऐंड वेल्थ मैनेजमेंट आदि कोर्स उपलब्ध हैं।
कैसे पहुंचे इस पद तक
कॉमर्स व मैथ्स के स्टूडेंट्स इसमें आसानी से जगह बना सकते हैं। स्नातक स्तर पर बीबीए या पीजी लेवल पर एमबीए की डिग्री नौकरी दिलाने में मददगार है। कुछ बैंक एमबीए फ्रेशर को सीधे इस पद पर नियुक्त करते हैं। एचडीएफसी बैंक में रिलेशनशिप मैनेजर के पद पर कार्यरत सुरभि बजाज का कहना है कि कई बैंक सिर्फ एमबीए डिग्रीधारी को ही इस पद पर नियुक्त करते हैं।
वेतनमान
रिलेशनशिप मैनेजर की शुरुआती सैलरी 25 से 30 हजार रुपये प्रतिमाह तक हो सकती है।

मुख्य संस्थान
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट (अहमदाबाद, कोलकाता आदि)
www.iim.in
इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट टेक्नोलॉजी, गाजियाबाद

टीकेडब्लूएस इंस्टीट्यूट ऑफ बैंकिंग एेंड फाइनेंस, नई दिल्ली
www. instituteofbanking.org
मैनेजमेंट डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट, गुड़गांव
www.mdi.ac.in
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ बैंकिंग एेंड फाइनेंस, मुंबई
www.iibf.org.in  

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