Menu

आमतौर पर आप जब भी नेट सर्फिंग करते हैं, तो कोई वेबपेज या वेबसाइट पसंद आने पर उस पेज के लिंक को फेवरेट की सूची में डाल देते हैं। इन लिंक्स को बुकमार्क्स भी कहा जाता है। यह सुविधा आपके वेब ब्राउजर्स, जैसे इंटरनेट एक्सप्लोरर या मोजिला फायरफॉक्स में उपलब्ध होती है। फेवरेट्स नामक फोल्डर में इन लिंक्स को स्टोर किया जाता है। इस फोल्डर में अपनी पसंद के बुकमार्क को क्लिक कर बिना किसी विशेष मशक्कत के आप वेब पेज को एक्सेस कर सकते हैं। इसे हम लोकल बुकमार्किंग भी कह सकते हैं, क्योंकि इसे कोई दूसरा यूजर एक्सेस नहीं कर सकता।
इसके विपरीत सोशल बुकमार्किंग के तहत स्टोर बुकमार्क्स को दुनिया भर के इंटरनेट यूजर्स एक्सेस कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, आपने वीडियो प्रोजेक्ट रिपोर्ट का कोई ऐसा उपयोगी वेब लिंक इंटरनेट पर ढूंढ़ निकाला, जो अन्य यूजर्स के लिए उपयोगी साबित हो सकता है। ऐसे में आप किसी बुकमार्किंग साइट पर जाकर इस ऑनलाइन रिसोर्स के वेब लिंक को स्टोर कर सकते हैं, ताकि अन्य यूजर्स आसानी से उस पेज तक पहुंच सकें। सोशल बुकमार्किंग का फायदा यह है कि जरूरी वेबसाइट्स को खोलने के लिए सर्चइंजन की मदद लेने की जरूरत नहीं होती।
इन वेबसाइट्स के होम पेज पर आपको विभिन्न उपयोगी वेब लिंक्स की सूची दिखाई देती है। वहां आप इन ऑनलाइन रिसोर्सेज के बारे में लिखी गई टिप्पणियों को पढ़कर उनकी उपयोगिता के बारे में भी काफी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। इन वेबसाइटों पर सर्चिंग की भी सुविधा है, जो आपके काम को और आसान बना देती है। सोशल बुकमार्किंग साइट्स पर अपना रजिस्ट्रेशन कराने के बाद आप इनका इस्तेमाल कर सकते हैं। इंटरनेट पर कॉनोटी (www.connotea.org), डिलीशियस (www.delicious.com), डिग (www.digg.com) आदि कुछ प्रमुख सोशल बुकमार्किंग वेबसाइट्स हैं।
अपनी पसंद की वेबसाइट्स को सोशल बुकमार्क की मदद से आसानी से एक्सेस किया जा सकता है...
सोशल बुकमार्किंग 

0 comments:

Post a Comment

 
Top