जुबान
की मदद से ही इंसान अपने दिल की बात औरों से बांटता है। ऐसे में किस मौके
पर क्या बोलना है, इसका ध्यान रखना अत्यंत जरूरी है। कहते हैं कि जबान पर
लगी हुई चोट तो फिर भी कुछ समय बाद ठीक हो सकती है, लेकिन जुबान से लगी हुई
चोट कभी नहीं भरती। आप कहां, कैसे और क्या बात करते हैं, इसी से इस बात का
निर्धारण होता है कि आप कैसे इंसान हैं।»
स्पीकिंग पॉवर आपके कैरियर में भी बड़े
काम का है। इसलिए इंटरव्यू के दौरान आप कोई भी जवाब काफी सोच-समझकर दें।
टू-द-प्वॉइंट बात करें। न तो कोई निजी बात करें और न ही अपने पुराने बॉस या
ऑफिस की बुराई करें। बातचीत में शिष्टाचार का पूरा ध्यान रखें। »
आप दफ्तर में जो भी बोलते हैं, उससे आपकी
छवि बन भी सकती है और खराब भी हो सकती है। कभी किसी से निजी सवाल न पूछें।
किसी को लेकर कोई भी ऐसे कमेंट न दें, जो उसे बुरा लगे। डींगे हांकने से
बचें। अच्छे काम के लिए सहकर्मियों की प्रशंसा जरूर करें और कानाफूसी से
बचें। यदि आप स्टूडेंट हैं, तो बोलने के दौरान खास ध्यान रखें। जरूरत से
ज्यादा मजाक आपको परेशानी में डाल सकता है। टीचर्स या सीनियर्स से बात करते
वक्त मैनर्स का ध्यान जरूर रखें। »
आम जिंदगी में आप बातचीत के दौरान शिष्ट
बने रहें। लोगों से बेतुके सवाल न करें। उम्र, आमदनी आदि के बारे में न
पूछें और न ही किसी के पारिवारिक जीवन को लेकर सवाल करें। हां, आप खेल,
फैशन, सिनेमा, कैरियर आदि सामान्य टॉपिक्स के बारे में बातें कर सकते हैं।
पूछने पर किसी को सलाह देने से भी पीछे न हटें। किसी को प्रोत्साहित
करेंगे, तो आप अच्छे कहे जाएंगे। किसी पर अपनी बात थोपने की कोशिश न करें।
अपशब्द का प्रयोग तो बिल्कुल भी शोभा नहीं देता।
यदि
आपको गुस्सा आए, तो भी सैंडविच की तरह बोलें। जिस तरह सैंडविच में दो
ब्रेड के बीच कुछ भरा होता है, उसी तरह आप भी गुस्से के दौरान पहले सहज भाव
से समझाते हुए कुछ बोलें, फिर गुस्से में अपनी बात कह डालें और फिर समझाते
हुए अपना गुस्सा बाहर कर दें। इससे बात भी ज्यादा नहीं बिगड़ेगी।
एक्टिंग
की तरह कुछ बोलने से पहले भी मन में रिहर्सल कर लें। सोच लें कि किस तरह
से बोलने से क्या परिणाम सामने आएगा, कोई शब्द किसी को हर्ट तो नहीं करेगा
और आपके कहने में कहीं डबल मीनिंग तो नहीं। बोलने से संबंधित ये छोटी-छोटी
बातें आपको सभ्य और सफल बनाएंगी।
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