क्या आप सतर्क हैं?
हैरान रह गये किस लिए- मैंने पहली बार क्रेडिट
कार्ड क्लोनिंग का मामला 2007 में देखा, वह भी अपने ही
साथ। उस दिन दिल्ली में एक पिज्जा स्टोर
में बिल देने के बाद जब मैंने अपना
अकाउंट चेक किया तो हैरान रह गया। जिस
समय मैं पिज्जा का बिल भर रहा था, ठीक उसी समय वहाँ से लगभग 150
किलोमीटर दूर कोई मेरे कार्ड से कपड़े
खरीद रहा था।
अगर आप अपने क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड से पैसों का भुगतान करना पसंद करते हैं, तो सतर्क हो जाइये
क्योंकि अब आपका कार्ड क्लोन हो सकता है। क्लोन का अर्थ है हूबहू वैसा
ही दिखने वाला प्रतिरूप बनाना,
पर यह कैसे होता है। इससे क्या नुकसान
होते हैं। इस मुद्दे को आज हम और गहराई से समझने की कोशिश्ा करेंगे।
इस तरह के मामले आज कल
आम बात हैं, जो क्रेडिट कार्ड क्लोनिंग से पैदा होने वाले खतरे को दर्शाते
हैं। आज कल जेब कतरे भी डिजिटल हो चले हैं। आपके पैसे बिना आपकी जानकारी के, आप ही के क्रेडिट
कार्ड या फिर ऑनलाइन बैंकिंग के
ज़रिए,
चोरी कर लेना या ग़लत कामों के लिए
उपयोग करना इन जेब कतरों को खूब
अच्छी तरह आता है। अगर इससे बचना है, तो सतर्कता ही
एकमात्र माध्यम है।
कैसे होती है क्रेडिट कार्ड क्लोनिंग? (How to do Credit Card Cloning)
क्लोनिंग एक ऐसी तकनीक है, जिससे आपके कार्ड की
सभी जानकारी किसी दूसरे कार्ड में
डालकर आपके कार्ड का प्रतिरूप तैयार
किया जा सकता है। इस प्रक्रिया को
‘स्किमिंग’
कहते हैं।
स्किमिंग के लिए एक अलग कार्ड रीडर आता है जो इतना छोटा होता है कि उसे अपनी जेब
में भी रख सकते हैं। ज़्यादातर यह डिजिटल चोरों की जेब में रखा रहता है, या फिर अगर चोर अत्याधिक चतुर हो तो यह क्रेडिट कार्ड मशीन से भी जोड़
दिया जाता है। इसके ज़रिए आपके कार्ड की मैग्नेटिक पट्टी की हूबहू कॉपी तैयार
कर ली जाती है। यह उसी तरह काम करती है जैसे फ़ोटोकॉपी की मशीन।
इसके बाद बस आपका पिन
नम्बर चाहिए होता है। आप अगर सतर्क न हों तो कोई भी आपका पिन देख सकता है। और
इसके बाद वह डिजिटल चोर उस नकली कार्ड से खरीदारी कर अपना सारा बिल आपके
कार्ड पर डाल सकता है।
स्किमिंग कहाँ हो सकती है? (Skimming)
यह ज़रूरी नहीं है कि इस
मशीन का उपयोग करने वाला टेक्नोलॉजी का मास्टर हो। इसे कोई भी कैसा भी
दिखने वाला व्यक्ति उपयोग कर सकता है। खाने वाले रेस्टोरेंट, कोई भी कपड़े या अन्य
सामान की दुकान आदि पर भी आपके कार्ड की
क्लोनिंग हो सकती है। आपका कार्ड एक
मिनट के लिए भी आँखों से ओझल हुआ, तो संभावना बढ़ जाती है। हाल में कुछ ऐसे भी किस्से सामने आये हैं
जहाँ लोकल ए.टी.एम. मशीन पर स्किमिंग मशीन लगाकर डिजिटल चोरों ने कार्ड
के डुप्लिकेट बना लिए।
क्रेडिट कार्ड क्लोनिंग से बचने के लिए क्या करें?
आजकल
क्रेडिट कार्ड क्लोनिंग के कई मामले लगातार सामने आ रहे हैं। लोगों को पता
भी नहीं चलता कब उनके कार्ड की क्लोनिंग हो जाती है। लगता है कार्ड तो
अपने ही पास है और ऐसा कोई खर्च तो हुआ भी नहीं, तो फिर बिल इतना कैसे आ
गया। यह सारी घटनायें रोकी जा सकती हैं अगर हम सतर्कता बरतें।
ध्यान रहे
आधुनिक तकनीक सुविधाजनक पर ख़तरनाक भी
पैसों
के लेनदेन से जुड़ी सभी आधुनिक तकनीकें जैसे कि क्रेडिट कार्ड, डेबिट
कार्ड, ऑनलाइन बैंकिंग, ऑनलाइन शॉपिंग आदि हैं तो सचमुच बहुत सुविधाजनक पर
इसके साथ ही बहुत ख़तरनाक भी साबित हो सकती हैं। प्लास्टिक मनी साथ में
रखने से कैश नहीं रखना पड़ता लेकिन कैश चोरी होने पर नुकसान कम होता है, और
वहीं प्लास्टिक मनी चोरी होने पर तगड़ी चपत लगती है। ऑनलाइन बैंकिंग और
शॉपिंग से कहीं जाने की ज़रूरत नहीं पड़ती, बैंक और बाज़ार खुद चल कर हमारे
घर आ जाते हैं। पर दूसरी तरफ़ अगर किसी हैकर ने ऑनलाइन अकाउंट हैक कर लिया
तो बैंक में सुरक्षित पूरी जमा पूँजी साफ़ भी हो सकती है। इसलिए सतर्कता
बहुत आवश्यक है।
- ए.टी.एम. से पैसे निकालने से पहले जाँच लें, कहीं किसी ने छेड़छाड़ तो नहीं की।
- ए.टी.एम. मशीन का कोई भी पुर्ज़ा ढीला या खुला दिखायी दे तो बैंक से तुरंत संपर्क करें।
- भुगतान नगद करने की कोशिश करें।