कैरियर के तमाम विकल्पों में से अपने लिए किसी एक का ही चयन करना होता है। ऐसे में कु्छ बातों का ध्यान रखना जरूरी है...
कैरियर चयन को लेकर जितनी मुंह, उतनी बातें सुनने को मिलेंगी। सलाह देनेवाले अपने अनुभव और अपनी सोच के अनुसार कैरियर विकल्पों के बारे में बताते हैं। कोई आईटी को बेहतर विकल्प बताएगा, तो कोई बैंकिंग सेक्टर को, कोई मेडिकल सेक्टर की बात करेगा, तो कोई फैशन डिजाइनिंग की। ऐसे में भ्रम की स्थिति बनती है।
देखादेखी न करें
अपनी रुचि, योग्यता और व्यक्तित्व की जांच बेहतर ढंग से करें। न तो माता-पिता के दबाव में आएं और न ही दोस्तों की देखादेखी कोई काम करें। इसके अलावा बिना सोचे-समझे किसी बेहतर कॉलेज में किसी भी विषय में दाखिला ले लेना भी ठीक नहीं है। ऐसे में आप न तो अपनी प्रतिभा निखार सकते हैं और न ही बेहतर अवसर पा सकते हैं। अपनी दिलचस्पी के क्षेत्र में कैरियर बनाना ही फायदेमंद है। कैरियर निर्माण के लिए सही समय क्या होना चाहिए? इसका जवाब यह है कि 9वीं से लेकर 12वीं तक किसी भी समय इस संबंध में विचार किया जा सकता है। हालांकि कई ऐसे क्षेत्र हैं, जिनके बारे में तो ग्रेजुएशन के बाद भी विचार किया जा सकता है।
खुद का आकलन
आप अपनी प्रतिभा का आकलन खुद करें। जिस विषय में आपकी रुचि हो, उसे ही कैरियर विकल्प के रूप में चुनें। इस विषय में सीनियरों की सलाह लें, पर दबाव में न आएं। कैरियर काउंसलरों द्वारा क्वांटिटेटिव, वर्बल, रीजनिंग जैसे एप्टीट्यूड टेस्ट के माध्यम से यह पता लगाया जा सकता है कि आपकी स्वाभाविक अभिरुचि किस क्षेत्र में है। स्टडी के अलावा अन्य क्षेत्रों में भी आपकी दिलचस्पी हो सकती है। विद्यार्थी की पर्सनेलिटी का भी ध्यान रखना जरूरी है। कोई विद्यार्थी अंतर्मुखी है या बहिर्मुखी, व्यक्तित्व के इस गुण को जानना कैरियर के विकल्प के चयन के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है। आपको पैसा चाहिए, नाम चाहिए, पद चाहिए या जो कुछ भी चाहिए, इसकी भूमिका भी कैरियर निर्धारण में महत्वपूर्ण है।
कैरियर विकल्प
कैरियर विकल्पों की कमी नहीं है। ऐसे में अपनी पर्सनेलिटी, एप्टीट्यूड और रुचि के अनुरूप कैरियर विकल्पों पर नजर डालें। किसी विकल्प में जॉब की कैसी संभावनाएं हैं, इस बाबत जानकारी प्राप्त करने की कोशिश करें। उस विकल्प से संबंधित वर्क एन्वॉयरमेंट को समझने की कोशिश करें और उससे जुड़े अवसरों को लेकर हमेशा सजग रहें।
विशेषज्ञों की सलाह
कई बार काफी कोशिश करने के बाद भी कैरियर की प्लानिंग नहीं हो पाती है। ऐसे में कैरियर काउंसलर से मदद ली जा सकती है। उनकी सलाह से आपके लिए बेहतर राहें बन सकती हैं। कई कैरियर वेबसाइट्स पर भी कैरियर प्लानिंग से संबंधित सुझाव मौजूद हैं।