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जिस तरह अपने देश में दूध और इससे संबंधित उत्पादों की खपत है, उससे आज डेयरी सेक्टर में रोजगार के तमाम अवसर उपलब्ध होने लगे हैं। डेयरी इंडस्ट्री के अंतर्गत दुग्ध उत्पादन, डेयरी प्रोडक्ट्स का निर्माण, पशुओं की देखभाल आदि बातों का समावेश होता है। डेयरी इंडस्ट्री भारतीय अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण आधार है, क्योंकि यहां प्रत्येक व्यक्ति दूध एवं डेयरी उत्पादों पर किसी-न-किसी रूप में निर्भर है।
निरंतर होता विस्तार
सरकारी और को-ऑपरेटिव दुग्ध कंपनियों को मिला दें, तो 100 से भी अधिक कंपनियां देश में व्यवस्थित रूप से कार्य कर रही हैं। एक अनुमान के अनुसार, विश्व के परिदृश्य में दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में भारत का योगदान 2020 तक बढ़कर 30-35 प्रतिशत के करीब होने की संभावना है। दूध के उत्पादन, उसकी प्रोसेसिंग, क्वालिटी कंट्रोल आदि से संबंधित प्रक्रियाओं में पिछले कुछ समय से काफी बदलाव आए हैं, जिससे इस फील्ड के ट्रेंड प्रोफेशनल्स की मांग बढ़ी है।
कैसे-कैसे कोर्स
वेटरिनरी साइंस और एनिमल हसबैंड्री के मेल से ही डेयरी टेक्नोलॉजी का स्वरूप बनता है। इससे संबंधित कोर्स विभिन्न संस्थानों में उपलब्ध हैं, जिसके तहत डेयरी इंजीनियरिंग, डेयरी केमिस्ट्री, डेयरी बैक्टीरियोलॉजी आदि के बारे में बताया जाता है। मिल्क प्रोडक्शन, डेयरी इक्विपमेंट, मिल्क प्रोसेसिंग, मिल्क पैकेजिंग, डेयरी प्रोडक्ट, इंश्योरेंस, डेयरी मैनेजमेंट, डेयरी मार्केटिंग आदि से संबंधित विभिन्न बातों की जानकारी विद्यार्थियों को कोर्स के दौरान दी जाती है।
शैक्षणिक योग्यता
विज्ञान संकाय के विद्यार्थी 12वीं उत्तीर्ण होने के बाद डेयरी साइंस से संबंधित कोर्सेज में दाखिला ले सकते हैं। इससे संबंधित मुख्य कोर्स हैं- बीएससी इन डेयरी टेक्नोलॉजी, एमएससी इन डेयरी टेक्नोलॉजी, डिप्लोमा इन डेयरी टेक्नोलॉजी, बीटेक इन डेयरी टेक्नोलॉजी, एमटेक इन डेयरी टेक्नोलॉजी आदि। महत्वपूर्ण संस्थानों में दाखिले के लिए एंट्रेंस टेस्ट में शामिल होने की जरूरत होती है। वेटरिनरी काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा ′ऑल इंडिया कॉमन एंट्रेंस एग्जाम′ का आयोजन किया जाता है।
अवसर अनेक
मदर डेयरी, अमूल, सुधा, पारस, कैडबरीज आदि विभिन्न कंपनियों में प्रोफेशनल्स को मौके मिलते हैं। तमाम डेयरी प्लांट में जरूरत बनी रहती है। को-ऑपरेटिव रूरल बैंक, मिल्क प्रोडक्ट प्रोसेसिंग ऐंड मैन्यूफैक्चरिंग इंडस्ट्रीज, ग्रामीण विकास से जुड़े विभाग, एग्रीकल्चरल डिपार्टमेंट, फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री आदि में भी ऐसे प्रोफेशनल्स के लिए रिक्तियां निकलती रहती हैं। इस क्षेत्र में स्वरोजगार की भी काफी संभावना होती है। डेयरी बूथ से लेकर आइसक्रीम यूनिट लगाने तक ऐसी शिक्षा काफी काम आती है। उच्च शिक्षा प्राप्त करके टीचिंग से भी जुड़ा जा सकता है।
  • आनंद एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी, आनंद
  • www.aau.in
  • नेशनल डेयरी रिसर्च इंस्टीट्यूट, करनाल (हरियाणा)
  • www.ndri.res.in
  • राजेंद्र कृषि विश्वविद्यालय, पूसा, समस्तीपुर
  • www.pusavarsity.org.in
  • इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी (इग्नू), नई दिल्ली
  • www.ignou.ac.in
  • इलाहाबाद एग्रीकल्चरल इंस्टीट्यूट, इलाहाबाद
  • www.aaidu.org
 
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