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मानसिक रोगों के उपचार से अपराध की गुत्थियों को सुलझाने तक में ग्राफोलॉजी का महत्वपूर्ण योगदान है...
लिखावट की बारीकियों को समझने का विज्ञान ही ग्राफोलॉजी है। ग्राफोलॉजी एक्सपर्ट का काम हैंडराइटिंग के माध्यम से किसी भी व्यक्ति के बुनियादी चरित्र को सामने लाना होता है। ऐसे जानकारों की सेवाओं का लाभ बड़ी कंपनियां आवेदन-पत्रों की छंटनी करने और प्रत्याशियों के मौलिक व्यक्तित्व के बारे में जानकारियां हासिल करने में भी करती हैं। अब तो वैवाहिक मामलों में भी इस प्रकार के एक्सपर्ट की सेवाएं ली जाने लगी हैं। इतना ही नहीं, अपराध विज्ञान तथा पुलिस फॉरेंसिक तफ्तीश के मामलों में ऐसे एक्सपर्ट को बाकायदा जांच दल का हिस्सा माना जाता है।
कोर्स का स्वरूप
ग्राफोलॉजी में व्यक्ति का मनोवैज्ञानिक विश्लेषण करना सिखाया जाता है। इन दिनों ग्राफोलॉजी का सबसे बेहतर इस्तेमाल व्यक्ति का चरित्र सुधारने के लिए हो रहा है, जिसे ग्राफोथेरेपी कहते हैं। इसके तहत व्यक्ति की लिखावट का तरीका बदलकर उसकी पर्सनैलिटी में भी बदलाव लाया जाता है। ये सारी बातें ग्राफोलॉजी के पाठ्यक्रम का हिस्सा हैं।
योग्यता क्या हो
ग्राफोलॉजी की पढ़ाई के लिए किसी शैक्षणिक योग्यता से अधिक जरूरी है इस विषय में रुचि होना। लोगों के व्यक्तित्व का अध्ययन करने का शौक इस विषय की पढ़ाई के लिए जरूरी है। 12वीं के बाद इससे संबंधित पाठ्यक्रमों में दाखिला लिया जा सकता है।
अवसर अनेक
लोगों की मानसिक समस्याओं को सुलझाने के लिए ऐसे प्रोफेशनल्स की जरूरत होती है। ऐसे में किसी काउंसलिंग फर्म से जुड़ा जा सकता है। मैरेज काउंसलर भी ऐसे एक्सपर्ट की मांग करते हैं। कर्मचारियों के चयन में भी ग्राफोलॉजी का ध्यान रखा जाने लगा है। इसलिए चयन प्रक्रिया के तहत इन प्रोफेशनल्स की जरूरत होती है। फॉरेंसिक जांच केंद्रों में हैंडराइटिंग एनालिस्ट की जरूरत होने लगी है। विनीता झा
मुख्य संस्थान
  • हैंडराइटिंग अनालिस्ट इंडिया, विशाखापतनम
  • www.hai.in/
  • इंटरनेशनल ग्राफोलॉजी रिसर्च सेंटर, बेंगलुरु
  • www.graphoresearch.com/
  • हैंडराइटिंग इंस्टीट्यूट इंडिया, बेंगलुरु
  • http://handwritingindia.com/
  • एमजेआर इंस्टीट्यूट ऑफ ग्राफोलॉजी एंड पर्सनल सक्सेस, मुंबई
  • http://www.mjrajore.com
  • आईएसएचए, बेंगलुरु
  • www.graphologyindia.com
 
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