इंडियन कोस्ट गार्ड भारतीय सैन्य बल की एक ऐसी महत्वपूर्ण संस्था है, जो भारत के समुद्री क्षेत्रों की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार है। इससे संबंधित रिक्तियां समय-समय पर निकलती रहती हैं...
फिट रहना भी जरूरी
इंडियन कोस्ट गार्ड में कैरियर बनाने की इच्छा हो, तो पढ़ाई के साथ-साथ अपनी फिटनेस का भी ध्यान रखना जरूरी है। लिखित परीक्षा में सफल होने के लिए रेगुलर स्टडी और प्रैक्टिस जरूरी है।
भारतीय तट रक्षक (इंडियन कोस्ट गार्ड) की संरचना पैरामिलिट्री फोर्स की भांति होती है। इसका मिशन भारत के समुद्री क्षेत्र, कोस्टलाइन, इकोनॉमिक जोन आदि की सुरक्षा करना है। इसके अलावा इसका कार्य समुद्री संसाधनों, शिपिंग, कस्टम, रिवेन्यू, मैरीटाइम एनवॉयरमेंट तथा नारकोटिक्स आदि की देखभाल भी करना है। कोस्ट गार्ड का कार्य नेवी, फिशरीज डिपार्टमेंट, कस्टम डिपार्टमेंट तथा केंद्र एवं राज्य पुलिस फोर्स के साथ तालमेल बैठाना भी होता है। इसके अलावा यह बल समुद्र में जानमाल की सुरक्षा सुनिश्चित करने लिए आवश्यक उपाय करने के साथ-साथ मछुआरों की सुरक्षा और समुद्र में संकट के समय उनकी सहायता करने के लिए भी सदैव तत्पर रहता है।
व्यक्तिगत कौशल
कोस्ट गार्ड के काम को सिर्फ जॉब के दृष्टिकोण से नहीं देखा जा सकता, बल्कि यह काम देश सेवा की भावना से ओत-प्रोत होता है। कोस्ट गार्ड की जिंदगी में कठिन परिश्रम और जोखिम उठाने जैसी विशेषताएं अनिवार्य रूप से शामिल होती हैं। ऐसे प्रोफेशनल्स को कार्य के सिलसिले में विभिन्न जगहों की समुद्री यात्रा करनी पड़ सकती है। इसके तहत काम के चलते घर-परिवार एवं प्रोफेशन में तालमेल बैठाना बेहद जरूरी है।
अवसर ऐसे मिलेंगे
ऑफिसर कैटेगरी में चयन होने पर असिस्टेंट कमांडेंट (एसी) के रूप में जॉब की शुरुआत की जा सकती है। इसके अंतर्गत जनरल ड्यूटी, पायलट, नेविगेटर आदि के रूप में अवसर प्राप्त होते हैं। नाविक और यांत्रिक के रूप में भी काम के मौके मिलते हैं। आप अपनी योग्यता के अनुसार आवेदन कर सकते हैं। इसमें पुरुषों के अलावा महिलाओं को भी मौके मिलते हैं और ज्यादातर रिक्तियां साल में दो बार निकलती हैं। इस संबंध में अधिक जानकारी www.indiancoastguard.nic.in, www.joinindiancoastguard.gov.in से प्राप्त की जा सकती है। चुने हुए अभ्यर्थियों की बेसिक ट्रेनिंग इंडियन नवल एकेडमी, एझिमाला (केरल) में होती है। इसके अलावा आईएनएस चिल्का (ओडिसा) में भी नाविकों को प्रारंभिक ट्रेनिंग प्रदान की जाती है।
नाविक और यांत्रिक
शैक्षणिक योग्यता कम होने पर भारतीय तटरक्षक के साथ नाविक और यांत्रिक के रूप में भी जुड़ा जा सकता है। यांत्रिक के रूप में प्रवेश पाने के लिए शैक्षणिक योग्यता 10वीं अथवा डिप्लोमा (इलेक्ट्रिक, एरोनॉटिकल इंजीनियरिंग, मैकेनिकल, इलेक्ट्रॉनिक्स) होनी चाहिए। अभ्यर्थी की उम्र 18 से 22 के बीच तथा लंबाई 157 सेमी. तथा भार ऊंचाई के अनुसार ही होना चाहिए। साथ ही सीने का न्यूनतम फुलाव 5 सेमी. होना आवश्यक है। नाविक (जनरल ड्यूटी) के रूप में आवेदन करने के लिए शैक्षणिक योग्यता फिजिक्स और मैथ्स के साथ 12वीं (कम से कम 60 प्रतिशत) निर्धारित है। अन्य योग्यताएं यांत्रिक के ही समान हैं।
ऑफिसर के रूप में अवसर
जनरल ड्यूटी ब्रांच : कोस्ट गार्ड का यह ऑपरेशनल ब्रांच है, जिसके तहत ऑफिसर हथियारों को भी चला सकते हैं। युद्ध, प्राकृतिक आपदा जैसी प्रतिकूल परिस्थितियों में जनरल ड्यूटी ब्रांच के प्रोफेशनल्स की जिम्मेदारी और बढ़ जाती है।
पायलट/नेविगेटर : ऐसे प्रोफेशनल्स को एयर स्टेशन एवं समुद्री जहाज दोनों जगह अवसर मिलते हैं, जो सीमा तट पर एयरक्राफ्ट ऑपरेट करने से लेकर इकोनॉमिक जोन में गहरी निगरानी करते हैं।
टेक्निकल ब्रांच : युद्धपोत हों अथवा एयरक्राफ्ट, उनके संचालन और देखरेख की जिम्मेदारी टेक्निकल ब्रांच के प्रोफेशन्ल्स की होती है।
एसी के लिए योग्यता (AC's Assistant Commandant)
असिस्टेंट कमांडेंट (टेक्निकल) में काम करने के लिए नवल आर्किटेक्चर, इलेक्ट्रिकल, मैकेनिकल, इलेक्ट्रॉनिक, मेरीन अथवा डिजाइनिंग इंजीनियरिंग में से किसी एक में बैचलर डिग्री होनी चाहिए। असिस्टेंट कमांडेंट (जनरल ड्यूटी) की योग्यता भी बैचलर है, जबकि 12वीं में मैथ्स और फिजिक्स का होना जरूरी है। असिस्टेंट कमांडेंट (पायलट) के लिए भी फिजिक्स और मैथ्स विषयों से बीएससी उत्तीर्ण होना जरूरी है।
आयु सीमा और शारीरिक दक्षता
असिस्टेंट कमांडेंट के लिए आवेदन करना हो या नाविक और यांत्रिक के लिए, आपको निर्धारित आयु सीमा के अनुसार ही आवेदन करना होगा। जहां तक शारीरिक दक्षता का सवाल है तो असिस्टेंट कमांडेंट (जनरल ड्यूटी) के लिए पुरुषों की लंबाई कम से कम 157 सेमी. तथा महिलाओं के लिए 152 सेमी. निर्धारित है। इसी तरह असिस्टेंट कमांडेंट (पायलट/नेविगेटर) के लिए भी निर्घारित लंबाई वाले आवेदक ही आवेदन के हकदार होंगे। आई साइट के लिए निर्धारित मापदंडों पर खरा उतरना भी जरूरी है। फिटनेस और शारीरिक मापदंडों से संबंधित जानकारी आपको वेबसाइट से मिल सकती है।
चयन प्रक्रिया
शार्ट लिस्टेड अभ्यर्थियों को मेंटल एबिलिटी टेस्ट के लिए बुलाया जाता है। इसके बाद पिक्चर परसेप्शन (पीपी) और डिस्कशन टेस्ट (डीटी) में शामिल होना पड़ता है। साथ ही मेडिकल एबिलिटी टेस्ट से भी गुजरना होता है। हिंदी और अंग्रेजी दोनों ही माध्यमों में प्रश्न पूछे जाते हैं। अभ्यर्थियों को साइकोलॉजिकल टेस्ट, ग्रुप डिस्कशन और इंटरव्यू का भी सामना करना पड़ता है। चयनित उम्मीदवारों को मेडिकल एग्जाम के लिए संबद्ध अस्पताल में भेजा जाता है, जबकि जीडी (पायलट व नेवीगेटर) को दिल्ली-बेंगलुरु के एयर फोर्स सेंट्रल मेडिकल एस्टैब्लिशमेंट (एएफसीएमई) भेजा जाता है।