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जीवन अपने ढंग से जीना हो, तो इसके लिए कुछ गुणों का समावेश खुद में करना जरूरी है...
यदि आप अपनी इच्छानुसार जिंदगी जीना चाहते हैं, तो आपको अपने आप में कई बदलाव लाने पड़ते हैं। ये बदलाव उन गुणों के रूप में होते हैं, जिनका हमारी जिंदगी पर सकारात्मक असर पड़ता है। जब जिंदगी को बेहतर बनाने के विभिन्न गुणों को हम खुद में शामिल कर लेंगे, तभी ऐसी स्थिति बनेगी कि हम अपने ढंग से या अपनी शर्तों पर जीवन जी सकेंगे। बेशक जीवन में कुछ चीजें और परिस्थितियां ऐसी होती हैं, जिन पर हमारा कोई वश नहीं होता। फिर भी जीवन को अपनी इच्छानुसार आकार देना काफी हद तक आपकी कोशिशों पर ही निर्भर करता है।
अब सवाल है कि इसके लिए क्या किया जाए? इसके लिए सबसे पहले हमें अपने लक्ष्य का निर्धारत करना होगा। खुद से पूछिए कि आप क्या चाहते हैं और जीवन में आप क्या बनना चाहते हैं। फिर वहां तक पहुंचने के लिए एक रोडमैप बनाएं और उस पर चल पड़ें। विचार करें कि मंजिल तक पहुंचने के लिए क्या-क्या करना है। इसके लिए एक रुटीन बनाएं और फिर लगन व अनुशासन के साथ उसका पालन तब तक करें, जब तक आप मंजिल तक न पहुंच जाएं।
प्रत्येक सफलता के पीछे कई तत्वों का योगदान होता है, जिसे हमें कतई नहीं भूलना चाहिए। इसमें कोई दो राय नहीं कि यदि आप अपना कर्तव्य भलीभांति निभाते हैं, तो परिस्थितियां भी आपकी मददगार हो जाती हैं। जीवन में आपका दृष्टिकोण सदा अग्रगामी होना चाहिए। जो हो चुका, उससे सबक तो जरूर लें, पर उसमें अटके न रहें। वास्तविकता को झेलते हुए आगे बढ़ें, अकर्मण्य होकर सिर्फ आकाश-कुसुम को देखते रहेंगे, तो आप कुछ भी नहीं कर पाएंगे। अपने जरूरी-फालतू, सही-गलत आदि का मापदंड खुद ही निश्चित करें। उन कार्यों को ही करने पर बल दें, जिनसे मंजिल के करीब पहुंचने में मदद मिले, जबकि अन्य कार्यों से दूर रहें। जिस दिन आप जरूरी और फालतू काम में फर्क करना सीख जाएंगे, उसी दिन से सफलता की ओर आपके कदम बढ़ने लगेंगे। सही काम करें, अपनी योग्यता में इजाफा करें और नई जरूरत के अनुसार खुद को ढालें। ऐसा करने पर कोई शक नहीं कि आपकी जिंदगी आपकी इच्छानुसार आकार लेने लगेगी।
इस विश्व में कोई भी संपूर्ण नहीं होता और न ही किसी की सारी इच्छाएं पूरी हो जाती हैं, पर यकीन मानें कि यदि आपने अपने लक्ष्य की ओर सकारात्मक ढंग से कदम बढ़ाए, तो आपकी जिंदगी काफी हद तक आपके अनुसार ढलने लगेगी।
 
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