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वैसे बात जब बोलने के ढंग और सफलता के तालमेल पर आती है, तो सामान्यत: इंटरव्यू का ही ध्यान आता है। अक्सर यह कहा जाता है कि नॉलेज के साथ-साथ बोलने का अंदाज ही आपको सफलता की मंजिल तक पहुंचाता है। पर बेहतर बोलने का संबंध सिर्फ इंटरव्यू तक ही सीमित नहीं है, बल्कि जीवन के हर हिस्से में इसकी खास अहमियत है। वक्त और अवसर की जरूरत के अनुसार उचित ढंग से बोलना न आपको सफलता दिलाता है, बल्कि आप वेल मैनर्ड कहे जाते हैं।
जबान से निकली बात कभी वापस नहीं हो सकती। इसलिए सोच-समझ कर ही कुछ बोलें। आप किससे बात कर रहे हैं? आप किस समय बात कर रहे हैं? किसी के द्वारा कुछ पूछने पर आप किस तरह जवाब देते हैं? बोलने के वक्त आप किस तरह की भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं? बोलने के दौरान आप कितना सच बोल रहे हैं? बोलते वक्त ऐसे तमाम सवालों को अपने जेहन में रखना चाहिए। अन्य बातों के अलावा आपके व्यक्तित्व का निर्धारण इस बात से भी होता है कि आप किस तरह से बात करते हैं।
कोई शक नहीं कि स्पीकिंग पावर से जहां आपकी लोकप्रियता में बढ़ोतरी होती है, वहीं कैरियर के निर्माण में भी इसकी महत्वपूर्ण भूमिका है। जब जवाब देने की आपकी क्षमता बेहतर होगी, तभी आप इंटरव्यू के दौरान पूछे गए प्रश्नों के सही जवाब देने में सफल होंगे। जरा सोचिए, आपको किसी बात की जानकारी है, पर भाषा नहीं है, तो भला आप अपना जवाब ठीक ढंग से कैसे दे पाएंगे। इसलिए बेहतर बोलने के लिए भाषा पर पकड़ जरूरी है। यदि ऐसा नहीं हो, तो भाषा पर पकड़ बनाने के लिए प्रयत्नशील रहें।
बोलने के दौरान शिष्टता का ध्यान रखना भी जरूरी है। अभद्र भाषा के इस्तेमाल से आपकी लोकप्रियता में कमी आती है। बातचीत के दौरान कभी भी अपशब्द का प्रयोग न करें। बोलने में विनम्रता जरूरी है। इस बात का भी ध्यान रखें कि किसी से बेतुके सवाल न पूछें। किसी पर बेवजह व्यंग्य न करें। शिष्टता के अलावा बेहतर बातचीत के लिए सभी क्षेत्रों, जैसे कैरियर, विज्ञान, फैशन, खेल, सिनेमा आदि से संबंधित अपना ज्ञान भी दुरुस्त रखें। इंटरव्यू और आम जीवन में आप अपनी कम्युनिकेशन स्किल का तभी बेहतर ढंग से इस्तेमाल कर पाएंगे।
एक बात और, कभी भी गलत बोलने की कोशिश न करें। गलत जवाब इंटरव्यू में जहां आपको असफल बनाएगा, वहीं आम जीवन में भी लोगों, दोस्तों और सहकर्मियों के बीच आपकी छवि धूमिल होगी। कुछ कहने से पहले उसके परिणाम का आकलन कर लेने में समझदारी ही है।
 
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